पोर्ट एलिजाबेथ में सीरीज का पांचवां मैच जीतकर सीरीज 4-1 से अपने नाम करके कोहली ने कहा कहा था कि उनकी टीम छठे और आखिरी वनडे में जीत के जज्बे में कोई कसर नही छोड़ेगी
सेंचुरियन में जब टॉस जीतने के बाद 205 रन के लक्ष्य का पीछा करने टीम इंडिया उतरी तो विराट कोहली ने अपने बल्ले से ऐसा जज्बा दिखाया कि मेजबान टीम कहीं भी मुकाबले में नजर ही नहीं आई.
सीरीज के आखिरी वनडे में भारत से सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा एक बार फिर से नाकाम रहे . भारत का 19 रन के स्कोर पर जब रोहित 15 रन बनाकर पैवेलियन वापस लौटे तो क्रीज पर पहुंचे कोहली पर इसका कोई दबाव नहीं दिखा. कोहली ने धवन के साथ मिलकर भारत के स्कोर को लगातार एक्टिव रखा.
80 रन के स्कोर पर जब 18 रन बनाकर धवन आउट हुए तो अजिंक्य रहाणे के साथ मिलकर कोहली ने टीम इंडिया को जीत तक पहुंचा कर ही दम लिया. रहाणे 50 गेंद पर 34 रन बनाकर नाबाद रहे लेकिन भारत की इस पारी की असली कहानी तो कोहली का शतक ही रहा .
कोहली ने आते ही जोरदार शॉट खेले. साउथ अफ्रीकी गेंदबाजों ने विराट को बाउंसर्स और शॉर्ट बॉल्स से परेशान करने की कोशिश की लेकिन कोहली ने इस पारी में बेहतरीन पुल शॉट्स के जरिए चौके जड़कर उनका जबाव दिया. 96 गेंदों पर 129 रन की नाबाद पारी में कोहली ने 19 चौके और दो छक्के जड़े.
फिर नाकाम रहे मेजबान बल्लेबाज
इससे पहले मेजबान टीम की बल्लेबाजी भारत के गेंदबाजों के सामने एक बार से बौनी साबित हुई. खोया जोंडो के एक अर्द्धशतक के अलावा कोई भी साउथ अफ्रीकी बल्लेबाज खुलकर रन नहीं बना सके.
भारत के फिरकी गेंदबाज कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल की जोड़ी का कोई तोड़ मेजबान टीम के बल्लेबाज इस मैच में भी नहीं निकाल सके. दोनों ने मिलकर कुल तीन विकेट झटके. वहीं इस दौरे पर अपना पहला मुकाबला खेल रहे शार्दुल ठाकुर ने चार विकेट निकाल कर भुवनेश्वर की जगह उन्हें खिलाने के कप्तान कोहली के फैसले को सही साबित किया.
कुलदीप और चहल ने इस सीरीज में कुल 33 विकेट हासिल किए. 2011 के वर्ल्डकप के बाद किसी भारतीय फिरकी जोड़ी के किसी भी टूर्नामेंट में यह सबसे ज्यादा विकेट हैं.
मैन ऑफ द सीरीज बने कोहली
यही सीरीज पूरी तरह से विराट कोहली के नाम रही. कोहली ने इस सीरीज में 500 से ज्यादा रन बनाए . ऐसा कारनामा करने वाले वह सचिन तेंदुलकर के बाद दूसरे भारतीय बल्लेबाज बन गए हैं. यही नहीं वह किसी भी बाइलेटरल सीरीज में बतौर कप्तान सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बने गए हैं. इससे पहले यह रिकॉर्ड इंग्लैंड के खिलाड़ी जॉर्ज बेली के नाम था.
कोहली को उनके बेहतरीन प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच और मैन ऑफ द सीरीज के खिताब से नवाजा गया. इस सीरीज के शुरू होने से पहले विराट कोहली के नाम साउथ अफ्रीका की धरती पर एक भी वनडे शतक नहीं था लेकिन इस वनडे सीरीज में तीन शतक जड़कर कोहली ने कई रिकॉर्ड अपने नाम कर लिए हैं.
बतौर कप्तान तीन बार मैन ऑफ द सीरीज का खिताब हासिल करके उन्होंने अजहरुद्दीन की बराबरी कर ली है. अब उनसे आगे बस एमएस धोनी हैं जिन्हें चार बार खिताब मिला है.
अनुष्का को दिया क्रेडिट
मैच के बाद कोहली ने अपनी कामयाबी का क्रेडिट अपनी पत्नी और फिल्म अभिनेत्री अनुष्का शर्मा को दिया. कोहली ने कहा कई बार उनकी नाकामी की वजह से अनुष्का को निशाना बनाया गया जोकि गलत था.
टीम इंडिया ने यह सीरीज आईसीसी की रेंकिंग में नंबर दो की टीम की हैसियत से शुरू की थी. लेकिन अब उसने मेजबान टीम को पहले पायदान से धकेलकर यह पोजिशन और ज्यादा पुख्ता कर ली है.
साल 2001-2 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के बाद यह दूसरा मौका है जब साउथ अफ्रीका ने किसी बाइलेटरल सीरीज में पांच मुकाबले हारे हों.
भारत के दौरे का अब आखिरी चरण यानी टीम20 सीरीज का आगाज 18 फरवरी से शुरू होगा. जीत की जिस लय भे अब टीम इंडिया आ चुकी है उसे देखतर अंदाजा लगाया जा सकता है कि जीत का यह सिलसिला टी20 सीरीज में भी बरकरार रहेगा.