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India vs New Zealand 5th ODI: धोनी की वापसी से मिलेगी टीम इंडिया को मजबूती!

भारत और न्यूजीलैंड के बीच सीरीज का आखिरी मुकाबला वेलिंगटन में खेला जाएगा

Sumit Kumar Dubey

ऑस्ट्रेलिया में 2-1 से वनडे सीरीज जीतने के बाद जब टीम इंडिया ने न्यूजीलैंड की सरजमी पर कदम रखा था तो माना जा रहा था भारत के लिए वहां वनडे सीरीज को जीतना ऑस्ट्रेलिया जितना आसान नहीं रहेगा. आखिरकार किवी टीम भी वनडे में आईसीसी रैंकिंग के तीसरे पायदान पर है.

लेकिन भारत ने पहले तीन मुकाबलों इस तरह का खेल दिखाया कि खुद मेजबान बल्लेबाज रॉस टेलर ने कबूल किया कि उनकी टीम भारत की ताकत के मुकाबले कमजोर है. लेकिन चौथे वनडे मे कहानी बदली हुई दिखी. सीरीज में अपनी टीम को अपराजेय बढ़त दिलाने के बाद कप्तान कोहली छुट्टी पर चले गए और सबसे अनुभवी खिलाड़ी एमएस धोनी चोट के चलते टीम के साथ नहीं थे.


फिट हो चुके हैं धोनी

इस मैच में मेजबान गेंदबाजों ने भारत की बल्लेबाजी की कलई खोल कर रख दी. टीम इंडिया महज 92 रन पर सिमट गई और अब, जब पांचवें और आखिरी वनडे के लिए दोनों टीमें आमने-सामने होंगी तो भारतीय फैंस को यही डर सता रहा होगा कि कहीं हैमिल्टन की कहानी फिर से नहीं दोहरा दी जाए.

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भारत के लिए सबसे राहत की खबर यह है कि उसके सबसे अनुभवी बल्लेबाज एमएस धोनी एक बार फिर से फिट होकर प्लेइंग इलेवन में आने के लिए तैयार हैं. पिछले मुकाबले में ट्रेंट बोल्ट ने माकूल परिस्थितियों का फायदा उठाते हुए जिस तरह से भारतीय बल्लेबाजों का शिकार किया था, अगर वैसे हालात फिर से पैदा होते है तो मिडिल ऑर्डर में धोनी की मौजूदगी भारत के लिए सबसे बड़ा प्लस पॉइंट साबित हो सकती है.

हैमिल्टन मे खुली थी बल्लेबाजी की कलई

टीम इंडिया के लिहाज से हैमिल्टन में खेला गया मुकाबला बेहद खास था,. इस मैच में यह दिखा कि अगर टॉप ऑर्डर फेल होता है तो क्या रायुडू, केदार जाधव और दिनश कर्तिक जैसे बल्लेबाज पारी को संभाल सकते है? जवाब नेगेटिव में मिला था.

हालांकि बैटिंग कोच संजय बांगड़ का मानना है कि यह मैच महज एक अपवाद था और भारतयी मिडिल ऑर्डर में टीम मैनेजमेंट का भरोसा बरकरार है. लेकिन क्या यह मैच वाकई में एक अपवाद था इसकी परख तो अब इस पांचवें वनडे से ही होगी.

जहां तक गेंदबाजी का सवाल है तो भारतीय टीम के आक्रमण को सस्पेंशन के बाद लौटे हार्दिक पांड्या ने जोरदार मजबूती दी है. अगर मोहम्मद शमी भी प्लेइंग इलेवन में वापस आते हैं तो फिर भुवनेश्वर कुमार के साथ उनकी जुगलबंदी भारत के लिए कमाल दिखा सकती है.

भारत के लिहाज से यह मैच महज एक औपचारिकता हो सकता है लेकिन मेजबान टीम के लिए यह एक मौका है अपनी ताकत को दिखाने का और बढ़े हुए हौसले के साथ टी20 सीरीज मे उतरने का. चोटिल मार्टिन गुप्टिल का खेलना तो मुमकिन नजर नहीं आ रहा है.

जो बात भारत के पक्ष में है वह हैं वेस्टपैक स्टेडियम के आंकड़े. मेजबान टीम ने इस मैदान पर पिछले तीन वनडे मुंकाबले गंवाए हैं. अब देखना होगा कि टीम इंडिया के खिलाफ मेजबानी टीम अपने इस रिकॉर्ड में कोई सुधार कर पाती है या नहीं.