कानपुर के ग्रीनपार्क स्टेडियम में न्यूजीलैंड के खिलाफ तीसरे वनडे में भारत ने रोमांचक जीत हासिल की. भारत की ओर से कीवीज को दिए 338 रनों के लक्ष्य में अंत तक लोग ये निर्णय नहीं कर सकें कि मैच किसके पाले में जाएगा.
मौका था न्यूजीलैंड के कॉलिन मनरो और टॉम लाथम बल्लेबाजी कर रहे थे, उस समय तो ऐसा लगा रहा था कि टीम इंडिया ये मैच हार भी सकती है लेकिन उनके आउट होने के बाद मैच का रुख ही बदल गया। हालांकि इसके बाद भी मैच फंसा रहा.
मैच का 47वां ओवर चल रहा था. लाथम 51 बॉल में 65 रन बना चुके थे. न्यूजीलैंड का स्कोर 6 विकेट पर 312 रन था. ओवर की आखिरी गेंद बुमराह ने ग्रैंडहोम को फेंकी. बुमराह की इस यॉर्कर गेंद पर दोनों बल्लेबाज रन लेना चाहते थे, लेकिन धोनी के पास बॉल देखकर ग्रैंडहोम ने मन बदल लिया और वापस लौट गए.
इस दौरान नॉन स्ट्राइकर एंड पर खड़े टॉम लाथम काफी आगे निकल चुके थे. बुमराह ने फौरन धोनी से गेंद मांगी। थ्रो मिलते ही बीच पिच से निशाना लगाकर बुमराह ने स्टंप उड़ा दिया
अगली गेंद बुमराह ने शॉर्ट या हाफ-वाली नहीं डाली बल्कि फुलटॉस डाल दी, सेंटनर इस गेंद की बिल्कुल भी उम्मीद नहीं कर रहे थे और वह गेंद को हवा में खेल गए, गेंद ज्यादा दूर नहीं गई और मिड विकेट पर धवन ने कैच पकड़ लिया, इस तरह से सैंटनर का खात्मा हो गया और टीम इंडिया ने आखिरकार मैच अपनी झोली में डाल लिया.
यही नहीं बल्कि तीन ओवर पहले तेज तर्रार अंदाज में बल्लेबाजी कर रहे टॉम लेथम को रन आउट करने में भी धोनी ने बुमराह का अच्छा साथ दिया और टीम इंडिया की मैच में जोरदार वापसी करवाई।
वैसे इस रन आउट के बाद धोनी जमकर पर जमकर हंसे. वह बुमराह की तरफ देखकर कह रहे थे कि आप आगे जाकर भी गेंद स्टंप पर मार सकते थे. मैच के आखिरी छड़ों में कप्तान कोहली से ज्यादा धोनी मैदान पर सक्रिय नजर आए. वह लगातार गेंदबाजों से बात कर रहे थे और हौसला बढ़ा रहे थे.
मैच के बाद कॉन्फ्रेंस में बुमराह ने बताया, “मैं ज्यादातर समय अपना दिमाग ठंडा रखता हूं। मुझे लगता है कि वह आपको अपनी योजनाओं के बेहतर तरीके से लागू करने का मौका देता है
लाथम के रन आउट के बारे में बातचीत करते हुए बुमराह ने कहा, 'मुझे स्टंप्स पर जाना चाहिए था और विकेट बिखेर देने चाहिए थे. यह अच्छा रहा कि मैं स्टंप्स में गेंद मार सका. ऐसी ही चीज इंग्लैंड में हुई थी, इसीलिए धोनी हंस रहे थे.
मैं मैच पर ध्यान देता हूं, हर गेंद पर पैनी नजर बनाए रखते हुए अपनी योजना को लागू करने की कोशिश करता हूं. मैं गेंद को अंत तक देखने की कशिश करता हूं. ओस के कारण गेंदबाजी करना कठिन था. आपको खुद को भरोसा दिलाना पड़ता है और मैं वही कर रहा था. इसी तरह से क्रिकेट चलता है.