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IND vs NZ, 2nd T20: 'किंग कोहली' के बिना क्‍या उनकी सेना दिखा पाएगी पुराना जोश

विराट कोहली के छुटि्टयों पर जाने के बाद से मेजबान न्‍यूजीलैंड टीम इंडिया पर हावी हो गई है

Kiran Singh

भारतीय कप्‍तान विराट कोहली जब से छुट्टियों पर गए हैं. ऐसा लग रहा है वह अपने साथ टीम का जोश भी साथ ले गए हैं. मेजबान न्‍यूजीलैंड के खिलाफ पांच वनडे मैचों की सीरीज का तीसरा मैच कप्‍तान कोहली का न्‍यूजीलैंड दौरे का आखिरी मैच था. कप्‍तान कोहली ने अपनी अगुआई में भारत ने वनडे सीरीज के शुरुआती तीनों मैच एक तरफा जीते थे, लेकिन उनके जाते ही टीम अपनी लय से भटक गई. चौथे वनडे में बुरी तरह से हार मिली तो सीरीज का आखिरी वनडे भी लड़खड़ाते हुए जीता. टी20 सीरीज भी टीम किंग कोहली ने बिना ही उतरी और टीम की कमान रोहित शर्मा के हाथों में ही है, लेकिन कोहली की गैरमौजूदगी का अहसास टी20 सीरीज के पहले मैच में ही हो गया.

जहां मेजबान ने भारत को 80 रनों से मात दी और अब टीम इंडिया के पास आकलैंड में आखिरी मौका है कि वह सीरीज ने अपनी उम्‍मीदों को जिंदा रख पाए. टी20 सीरीज के पहले मैच में भारतीय अटैक के साथ बल्‍लेबाज भी फ्लॉप रहे थे.


रोहित शर्मा पर नजर आ रहा कप्‍तानी का दबाव

कोहली की अनुपस्थिति में टीम की कमान संभाल रहे रोहित शर्मा पर इस समय कप्‍तानी का दवाब नजर आ रहा. पिछले तीनों मैच में उन्‍होंने सात, दो और एक रन ही बनाए. जबकि उससे पहले उन्‍होंने तीन मैचों में 11, 87 और 62 रन बनाए थे. भारत के सलामी बल्‍लेबाज टीम को मजबूत शुरुआत दिलाने में असफल नजर आ रहे हैं. अच्‍छी शुरुआत न मिलने का दबाव बाकी के बल्‍लेबाज भी नहीं झेल रह पा रहे. फिलहाल तो रोहित को टिम साउदी का तोड़ निकालने की जरूरत है. जिन्‍होंने पिछले टी20 में 17 रन देकर तीन विकेट लिए थे.

धोनी के अलावा किसी और से नहीं मिली टीम को मदद

वेलिंग्‍टन में भारतीय टीम आठ विशेषज्ञ बल्‍लेबाजों के साथ उतरी थी और ऐसे में टीम के सामने जीत के लिए 220 रनों का लक्ष्‍य था, लेकिन टीम हासिल नहीं कर पाई. भारतीय बल्‍लेबाज मेजबान के अटैक के सामने टिक नहीं पाए थे. भारतीय विकेटकीपर बल्‍लेबाज को एमएस धोनी को छोड़ दिया जाए तो कोई और बल्‍लेबाज अपनी जिम्‍मेदारी पूरी नहीं कर पाया. सलामी बल्‍लेबाज मजबूत शुरुआत दिलाने में असफल रहे तो मध्‍यक्रम क्रम के शुरुआती झटकों के बाद क्रीज पर टिके रहने में. पांचवें वनडे में आतिशी पारी खेलने वाले हार्दिक पांड्या की क्रिकेट के फॉर्मट की ही तरह फटाफट दिखे. हार्दिक चार गेंदों पर सिर्फ चार रन ही बना पाए. विजय शंकर ने 37 रन जरूर बनाए, लेकिन ऋषभ पंत चार रन ही बना सके. दिनेश कार्तिक, क्रुणाल पांड्या भी टीम को संभाल नहीं पाए थे.

एक और गेंदबाज की जरूरत

भारतीय टीम के उम्‍मीद की जानी चाहिए कि जो गलती उन्‍होंने वेलिंग्‍टन में की थी, उसे ऑकलैंड में नहीं दोहराएंगी और बल्‍लेबाजी के साथ गेंदबाजी विभाग की तरफ भी देखेगी. पिछले मैच में एक और विकेट निकालने वाले गेंदबाज की जरूरत महसूस हुई थी और ऑकलैंड में प्रशंसको को कप्‍तान से आशा होगी कि वह एक संयोजित टीम के साथ मैदान पर उतरे. पहले मैच में गेंदबाज भी काफी महंगे साबित हुए थे और ऑकलैंड में टीम में कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं.

डिफेंड करना मुश्किल

ऑकलैंड के पिच की बात करे तो डिफेंड के नजरिए से ऑकलैंड का ईडन पार्क थोड़ा मुश्किल मैदान है. यह वही मैदान है, जहां पिछले साल ऑस्‍ट्रेलिया ने न्‍यूजीलेंड के खिलाफ 244 रनों के लक्ष्‍य को सात गेंद शेष रहते हुए हासिल कर लिया था.