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IND vs ENG: इस सीरीज में रिकॉर्ड सुधारने का चांस बिगाड़ सकता है स्पिन पर डांस

इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में भारत के लिए तेज गेंदबाज के साथ-साथ स्पिन गेंदबाजी में भी कड़ी चुनौती मिलेगी

Jasvinder Sidhu

बुधवार को एजबेस्टन के हरे-भरे मैदान पर भारत और इंग्लैंड के बीच पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला शुरू होगा. उससे पहले दो खास बातें. विराट कोहली की टीम को इस दौरे पर साबित करना है कि वह अपने घर से बाहर एक क्वालिटी टीम के खिलाफ सीरीज जीतने की क्षमता रखती है. दूसरा, इंग्लैंड के खिलाफ उसकी पिचों पर भारत ने अभी तक 57 टेस्ट मैच खेले हैं और उसमें से वह 30 हारा है और सिर्फ 6 ही जीत सका. जबकि 21 ड्रॉ रहे. यानी कि इस रिकॉर्ड में भी सुधार करने का मौका टीम के पास है.

रिकॉर्ड सच्चे होते हैं और वे बताते हैं कि इंग्लैंड की तेज गेंदबाजी के सामने टीम इंडिया के टॉप बल्लेबाजों की नाकामियों के कभी खत्म न होने वाले सिलसिले रहे हैं. लेकिन टीम के पिछले रिकॉर्डों को खंगालने के बाद पता लगता है कि स्पिन बॉलिंग खेलने की माहिर यह टीम स्पिनरों के सामने भी लड़खड़ाती रही है.


स्पिन के खिलाफ कमजोर रहा है भारत का प्रदर्शन

जनवरी 2014 से अब तक टीम ने घर से बाहर 25 टेस्ट मैच खेले हैं और उनमें से नौ जीते और इतने ही हारे हैं जबकि बाकी के ड्रॉ रहे. इस दौरान जो नौ टेस्ट मैच हारे हैं, उनमें से ज्यादातर में स्पिनरों ने टीम इंडिया को बड़ी हार की शर्मिंदगी की ओर धकेलने में अहम भूमिका निभाई. इन नौ हारों की लिस्ट में जुलाई 2014 का साउथैम्पटन नंबर दो पर है. 266 रन से इंग्लैंड वह मैच जीता और तेज गेंदबाज जेम्स एंडरसन मैन ऑफ द मैच थे. लेकिन उस मैच में जिस तरह से मोईन अली ने दोनों पारियों में मध्यक्रम में स्टार बल्लेबाजों को हिलाने का काम किया, उसने नतीजे पर जबरदस्त असर डाला. पहली पारी में 28-0-62-2 के स्पैल में मोईन ने अजिंक्य रहाणे और रोहित शर्मा को अपनी स्पिन में उलझा दिया और दूसरी पारी में उनके छह विकेट में विराट कोहली, चेतेश्वर पुजारा भी शामिल थे.

मैनचेस्टर टेस्ट में भी दूसरी पारी में पुजारा, रहाणे, महेंदर सिंह धोनी और रविंदर जडेजा मोईन की बॉलिंग को समझने में नाकाम रहे. टीम उस मैच में पारी और 54 रन से हारी. दिसंबर 2014 में टीम एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया के सामने थी. भारतीय टीम नंबर तीन पर बॉलिंग करने आए नैथन लायन को पहली पारी में पांच और दूसरी में सात विकेट देकर गई. लायन की बॉलिंग के सामने भारतीय बल्लेबाज नौसिखियों की तरह दिखे.

2014 में ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाजों के सामने फ्लॉप रहा था भारत

ब्रिसबेन टेस्ट में लायन ने मुरली विजय और राहणे के बीच मैच को एक तरफ ले जा रही 124 रन की पार्टनरशिप तोड़ी. मुरली विजय के रूप में भारत का चौथा विकेट 261 पर गिरा और उसके बाद पूरी टीम 408 पर ऑलआउट हो गई. ब्रिसबेन टेस्ट की दूसरी पारी में दो बड़ी साझेदारियां कर चुके शिखर धवन को लायन ने एलबीड्ब्लयू किया और उसके बाद टीम ताश के पत्तों की तरह ढह गई क्योंकि दो बल्लेबाज बिना खाता खोले, दो बल्लेबाज महज एक रन बनाकर और एक तीन रन बनाकर आउट हए. वैसे उस मैच में 128 रनों की पीछा कर रही ऑस्ट्रेलिया के 122 पर छह विकेट गिर गए थे. 2015 में गॉल टेस्ट मैच की दोनों पारियों में भारतीय टीम स्पिनरों के सामने ताश के पत्तों की तरह ढही थी. पहली पारी में लेफ्ट आर्म स्पिनर थरिंडू कौशल 32.4-2-134-5 का स्पैल फेंक गए. इन पांच विकेट में कोहली और राहणे का विकेट भी शामिल था. दूसरी पारी में रंगना हैरात (7) और कौशल (3) पूरी भारतीय टीम को आउट कर गए.

उम्मीद की जानी चाहिए कि मोईन और रशीद के सामने स्पिन को खेलने का भारतीयों का रिकॉर्ड और खराब नहीं होगा. गर्म मौसम को देखते हुए वहां सूखी पिचों की उम्मीद की जा रही है. यही कारण है कि आदिल रशीद और मोईन अली जैसे स्पिनरों के बारे में बात हो रही है. वैसे आर अश्विन के इंग्लैंड के दो मैचों में 35.3 ओवर में तीन विकेट हैं जबकि रविंद्र जडेजा ने चार मैचों की पांच पारियों में 420 रन खर्च के नौ विकेट हासिल किए हैं.

एक निगाह मोईन अली की बॉलिंग पर डालना जरुरी है. मोईन ने अपने घर पर 28 मैच खेले हैं और उनमें 82 विकेट हैं. वह 2017 में 11 और 2018 में दो मैच खेले हैं और इसमें उनके 33 और दो बल्लेबाज शिकार बने हैं.