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टीम इंडिया का रिपोर्ट कार्ड: हिट टीम में कौन हुआ फ्लॉप

इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में क्या रहा टीम इंडिया का हाल

Amit Banerjee

पांच टेस्ट की सीरीज अगर कोई टीम 4-0 से जीतती है, तो जाहिर तौर पर उसने कमाल का प्रदर्शन किया होगा. हमने एक दिन पहले इंग्लैंड टीम का रिपोर्ट कार्ड किया. अब बारी भारतीय टीम की है.

विराट कोहली 9.5


मैं माफी चाहता हूं कि कोहली से आधा अंक लेना पड़ रहा है. लेकिन ये सिर्फ इस वजह से खुद को भरोसा देने के लिए किया गया है कि भारतीय टेस्ट कप्तान इंसान ही हैं. 2016 पूरी तरह कोहली का रहा. 2008 में करियर की शुरुआत के बाद लगातार उन्होंने ऊंचाइयां चढ़ी हैं.

कोहली ने सीरीज में 109.16 की औसत से 655 रन बनाए हैं. औसत के मामले में सिर्फ करुण नायर उनसे आगे रहे. वो भी इसलिए क्योंकि नायर ने नॉट आउट रहते हुए तिहरा शतक जमा दिया. विराट ने मुंबई में सबसे बड़ा टेस्ट स्कोर बनाया. उन्होंने 235 रन की पारी खेली. विशाखापत्तनम टेस्ट की दूसरी पारी में उन्होंने 81 रन बनाए, जिसे उनकी सबसे अच्छी पारियों में शुमार किया जाएगा.

रविचंद्रन अश्विन  9

अश्विन ने एक बार फिर भारत की कामयाबी में बड़ा रोल अदा किया. सीरीज में उन्होंने 306 रन बनाए. औसत थी 43.71. चार अर्धशतक शामिल थे. गेंदबाजी में 28 विकेट उनके नाम रहे. उनका होना भारत के लिए कामयाबी की गारंटी बना रहा.

करुण नायर 8.5

विराट कोहली जैसे खिलाड़ी से लाइमलाइट हटा पाना ही अपने में बहुत बड़ा काम है. इसके लिए शायद तिहरे शतक जैसे कीर्तिमान की ही जरूरत थी. करुण नायर मोहाली में दुर्भाग्यशाली तरीके से रन आउट हो गए थे. मुंबई में एलिस्टर कुक ने डीआरएस का शानदार इस्तेमाल करके उनका विकेट पाया. ऐसा लग रहा था कि मौका उनके हाथ से जा रहा है. फिर उन्होंने भारतीय क्रिकेट इतिहास की सबसे शानदार पारियों में से एक खेली. इस पारी के दौरान कई रिकॉर्ड ढहे.

रवींद्र जडेजा 8

जडेजा ने चेन्नई टेस्ट की दूसरी पारी में अकेले दम पर इंग्लैंड को आउट कर दिया. 207 पर इंग्लैंड की पारी सिमटी और भारत को पारी से जीत मिली. जडेजा और अश्विन के बीच सीरीज में फर्क सिर्फ दो विकेट का रहा. जडेजा ने बल्लेबाजी में भी शानदार प्रदर्शन किया.

जयंत यादव 8

यादव एक तरह से सीरीज की खोज रहे. करियर की इससे बढ़िया शुरुआत की उम्मीद वो नहीं कर सकते थे. विशाखापत्तनम में उन्हें टेस्ट कैप मिली. मोहाली और मुंबई टेस्ट भी वो खेले. एक शतक और एक अर्धशतक उनके नाम रहा. उन्होंने कोहली के साथ 241 रन की साझेदारी की, जो आठवें विकेट के लिए भारतीय रिकॉर्ड है. चोट की वजह से जयंत आखिरी टेस्ट नहीं खेल पाए.

चेतेश्वर पुजारा 8

पुजारा ने सीरीज की शुरुआत अपने घर राजकोट में शतक जमाकर की. पहले तीन टेस्ट में उन्होंने दो शतक और एक अर्ध शतक जमाया. सीरीज में उनका स्कोर 401 रन रहा. 400 के पार पहुंचने वाले वो कोहली और जो रूट के बाद तीसरे बल्लेबाज रहे.

पार्थिव पटेल 7

ये सीजन कुछ लोगों के लिए कमबैक का रहा. जिसने कमबैक का फायदा उठाया, वो पार्थिव हैं. ऋद्धिमान साहा की चोट ने उन्हें मौका दिया और पार्थिव ने उसका पूरा फायदा उठा. मोहाली में उनके नाम अर्ध शतक था. उसके बाद भी उन्होंने उपयोगी पारियां खेलीं. विकेट कीपिंग में जरूर कुछ गलतियां हुई हैं. लेकिन उन्हें चयनकर्ताओं के लिए नजरअंदाज करना आसान नहीं होगा.

मोहम्मद शमी 7

घरेलू सीरीज में विकेट स्पिनर्स के ही नाम होते हैं. तेज गेंदबाजों का काम दबाव बनाए रखने का होता है. वही उन्होंने किया था. शमी की गेंद पर कुक के ऑफ स्टंप के दो टुकड़े होते देखना क्रिकेट में बेहतरीन नजारा था. घुटने की सर्जरी के बाद उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में इस साल वापसी की थी. उन्होंने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई. अगर चोट की वजह से आखिरी दो टेस्ट में बाहर नहीं रहना पड़ता तो उनके नाम और कामयाबी होती.

केएल राहुल 7

चेन्नई टेस्ट में 199 पर आउट होने के बाद उनकी निराशा को देखकर हर प्रशंसक निराश था. उन्होंने बेहतरीन पारी खेली थी. हालांकि इस सीरीज में वो चोटिल होने की वजह से लगातार नहीं खेल पाए. कुछ निराशा उनके हिस्से आई. लेकिन चेन्नई टेस्ट ने भरपाई कर दी.

मुरली विजय 7

राहुल की तरह विजय भी चोट से जूझते रहे हैं. वेस्ट  इंडीज में वो सिर्फ एक टेस्ट खेले थे. सीरीज में विजय के नाम कुछ नाकामियां रहीं, लेकिन दो शतक से उन्होंने काफी कुछ भरपाई कर ली. मुंबई टेस्ट में उन्होंने 136 रन बनाए. राजकोट में पुजारा के साथ दोहरे शतक की साझेदारी की.

उमेश यादव 6

उमेश यादव के नाम ज्यादा विकेट तो नहीं रहे, लेकिन उन्होंने शमी के साथ नई गेंद के साथ अच्छी गेंदबाजी की. लगातार 140 किमी प्रति घंटे से ऊपर की गेंदबाजी की. बीच-बीच में उन्हें विकेट भी मिले.

इशांत शर्मा 6

फिटनेस और शादी की वजह से इशांत पहले चार मैचों में बाहर बैठे. चेन्नई टेस्ट के लिए उन्हें प्लेइंग इलेवन में लिया गया. उन्होंने इंग्लैंड की दोनों पारियों मं अच्छी गेंदबाजी की. एक प्लान के साथ गेंदबाजी करते दिखाई दिए.

भुवनेश्वर कुमार 6

भुवनेश्वर को भी सिर्फ एक टेस्ट मिला. उन्होंने दूसरी पारी में कसी हुई गेंदबाजी की. चार ओवर के स्पैल में 11 रन देकर जेनिंग्स का विकेट लिया. हालांकि कोहली स्पिनर्स का ज्यादा इस्तेमाल करना चाहते थे. इसलिए उन्होंने भुवनेश्वर से लंबे समय गेंदबाजी नहीं कराई.

अमित मिश्रा 4

मिश्रा पांचवें टेस्ट के आखिरी दिन भटकते हुए दिखाई दिए. कमजोर गेंदबाजी हुई, जिसे खराब फील्डिंग ने और कमजोर दिखाया. उनके लिए टेस्ट टीम में जगह बनाए रखना आसान नहीं होगा. दो टेस्ट में पांच विकेट उनकी मदद नहीं कर रहा.

अजिंक्य रहाणे 3

न्यूजीलैंड के खिलाफ इंदौर में 188 रन बनाने के बाद उन्होंने सिर्फ 143 रन बनाए. औसत रही 28.60. सीरीज की पांच पारियों में उनके नाम 63 रन 12 से थोड़ा ऊपर की औसत से रहे. स्पिनर्स के सामने उन्होंने कमजोरी दिखाई है.

ऋद्धिमान साहा 3

न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में साहा ने बल्लेबाज के तौर पर असर छोड़ा था. इंग्लैंड के खिलाफ सीरीज में वो ज्यादा कुछ नहीं कर पाए. इसकी बड़ी वजह चोट थी. लेकिन जितना खेले, उसमें ज्यादा असर नहीं था. चार पारियों में उनके नाम 49 रन थे.

गौतम गंभीर 2

गंभीर को पिछली सीरीज में मौका मिला था. उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ पहला टेस्ट खेला. एक अर्धशतक शायद उन्हें अगला मौका देने के लिए काफी होता. लेकिन टेस्ट में 29 और जीरो का स्कोर काफी नहीं था. दूसरे टेस्ट में उन्हें मौका नहीं दिया गया और फिर टीम से रिलीज करने का फैसला हुआ.