view all

इंग्लैंड का रिपोर्ट कार्ड: कौन रहा टॉप, कौन हुआ फ्लॉप

पांच मैचों की सीरीज इंग्लैंड ने 0-4 से गंवाई, ज्यादातर खिलाड़ियों का प्रदर्शन कमजोर

Peter Miller

भारत के खिलाफ इंग्लैंड की टीम पूरी सीरीज में हांफती-कांपती ही रही. सीरीज बुरी तरह गंवाई. प्रशंसकों के लिए इस टीम को देखना मुश्किल भी था और शर्मनाक भी. हमने इसके बावजूद कोशिश की है कि इंग्लैंड के खिलाड़ियों को एक से दस तक के पैमाने पर नंबर दिए जाएं.

कीटन जेनिंग्स – 8


कीटन जेनिंग्स को आखिरी दो टेस्ट मैचों के लिए चोटिल हसीब हमीद की जगह पर लाया गया था. पहले ही टेस्ट में जेनिंग्स ने शतक जमाया. दूसरे मैच की दूसरी पारी में उन्होंने अर्धशतक जमाया. किसी भी नए ओपनर से टेस्ट क्रिकेट में इससे ज्यादा की आप क्या उम्मीद कर सकते हैं. जेनिंग्स इस दौरान हमीद जितने प्रभावशाली नहीं लगे. हमीद यकीनन बेहतर दिखाई दे रहे थे. लेकिन रन तो रन ही होते हैं. जिस शख्स ने अपने पहले दो टेस्ट में एक शतक और एक अर्धशतक जमाया हो, उसे दस में आठ नंबर भी न देना गलत होगा.

जो रूट – 7

सीरीज में इंग्लैंड के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज थे जो रूट. उन्होंने 50 से थोड़ी कम औसत से 491 रन बनाए. रूट ने एक बार फिर दिखाया कि न केवल वह इस इंग्लैंड टीम में सबसे प्रतिभाशाली बल्लेबाज हैं, बल्कि उनके आसपास भी कोई नहीं है.

वह यकीनन दुनिया के बेहतरीन खिलाड़ियों में हैं. हालांकि इस सीरीज में उनकी बल्लेबाजी हताशा लेकर आई. उनके पास सपाट पिचों पर और बड़े स्कोर बनाने का मौका था. लेकिन वह लगातार अच्छी शुरुआत करने के बावजूद फेल होते गए.

क्रिकेट में शतक को लेकर जुनून बकवास है. लेकिन टेस्ट मैच जीतने के लिए आपको वही करना होगा, जो विराट कोहली ने 167 और 235 रन की पारी के दौरान किया था. रूट के पास ऐसा ही करने की प्रतिभा और क्षमता है. रूट से बहुत ज्यादा उम्मीद की जाती है, लेकिन इसीलिए क्योंकि उनमें वो क्षमताएं हैं.

हसीब हमीद – 7

हमीद अकेले ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने भारत से वापसी के समय अपनी ख्याति बरकरार रखी है. सीरीज के पहले मैच में हमीद ने करियर की शुरुआत की. दूसरी पारी में उन्होंने 82 रन बनाए. वह शांत, भरोसेमंद और टेस्ट क्रिकेट के लिए बने लगते हैं. एक टीनेजर के लिए वाकई ये बड़ी खासियत है.

पारी घोषित करने के लिए जब तेज रन की जरूरत थी, तो हमीद ने वही किया. बगैर किसी स्वार्थ के तेज रन बनाने की कोशिश में उन्होंने विकेट गंवा दिया. इंग्लिश समर में वह फिर टेस्ट जर्सी में दिखेंगे. जल्दी ही उनके नाम शतक होगा.

मोहाली की दूसरी पारी में उन्होंने टूटे हाथ के साथ नॉट आउट 59 रन बनाए. तमाम अनुभवी लोगों को यह एक तरह से शिक्षा थी. उनसे अब उम्मीदें हैं. उन्हें इन पर खरा उतरना है.

मोईन अली – 7

सीरीज में इंग्लैंड के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले दूसरे नंबर के बल्लेबाज. इंग्लैंड के अकेले खिलाड़ी, जिसने सीरीज में दो शतक जमाए. मोईन अली के लिए बल्ले से तो अच्छी सीरीज रही ही, उन्होंने गेंदबाजी करते हुए भी दस विकेट लिए. उनकी ऑफ स्पिन ने इंग्लैंड के लिए नियंत्रण का काम किया.

इंग्लैंड के स्पिनर्स में उनका इकॉनमी रेट ऐसे गेंदबाजों में सबसे अच्छा रहा, जिन्होंने एक से ज्यादा टेस्ट खेले. मोईन अकेले दम पर विपक्षी बल्लेबाजों को समेटने की क्षमता नहीं रखते. लेकिन जितना टैलेंट है, उसके एक-एक कतरे का इस्तेमाल वह करते हैं.

बेन स्टोक्स – 7

345 रन और सात विकेट लेकर इंग्लैंड के इस ऑलराउंडर के लिए सीरीज अच्छी रही. लेकिन एक बार फिर इसे स्पेशल नहीं कहा जा सकता. हालांकि वह ऐसे खिलाड़ी रहे, जिसने सीरीज पर इंग्लैंड के लिए सबसे ज्यादा असर डाला. राजकोट के पहले टेस्ट में उन्होंने शतक जमाया. मोहाली के तीसरे टेस्ट में पांच विकेट लिए. पूरी सीरीज में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली गेंदें उन्होंने ही कीं. वही अकेले सीमर रहे, जिसने लगातार रिवर्स स्विंग कराने में कामयाबी पाई.

आदिल रशीद – 6

इंग्लैंड के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले रशीद को 23 विकेट मिले. नंबर दो गेंदबाज से बड़े अंतर से आगे. मोईन अली को दस विकेट मिले. लेकिन रशीद नियंत्रण बनाने में कामयाब नहीं हो पाए. ऐसा लगा कि जब सबसे ज्यादा जरूरत है, वो भटक रहे हैं. 23 विकेट बहुत अच्छी बात है. लेकिन 37.43 की औसत इसके असर को कम करती है. इस पर भी इकॉनमी अगर 3.7 है, तो इसे टेस्ट क्रिकेट में अच्छा नहीं मान सकते.

सीरीज की शुरुआत में ऐसा लगा कि रशीद ने इंग्लैंड के गेंदबाजों में खास जगह बना ली है. लेकिन अंत तक पहुंचते-पहुंचते लगा कि कप्तान एलिस्टर कुक का भरोसा नहीं है. रशीद अगला टेस्ट कब खेलेंगे, इसे भरोसे से नहीं कहा जा सकता.

जॉनी बेयरस्टो – 6

इंग्लैंड के विकेटकीपर ने सीरीज की नौ पारियों में तीन अर्धशतक जमाए. उन्होंने कुल 352 रन बनाए. एक कैलेंडर साल में इंग्लैंड के किसी बल्लेबाज द्वारा सबसे ज्यादा रन के रिकॉर्ड से वह सिर्फ 12 रन दूर रह गए. हालांकि ये सीरीज बेयरस्टो के लिए क्लासिक नहीं कही जा सकती.

चाहे बल्ले से देखा जाए या ग्लव्स के साथ. बेयरस्टो अकेले नहीं थे, जिन्होंने मैदान पर कैच टपकाए हों. लेकिन विकेटकीपर की गलती बाकियों के मुकाबले हमेशा ज्यादा बड़ी लगती है. पांचवें नंबर पर आने के बाद उनका प्रदर्शन अच्छा रहा. वह टॉप छह बल्लेबाजों में शामिल रह सकते हैं.

जोस बटलर – 6

तीन पारियों में 18 रन बनाने के बाद जब बेन डकेट को हटाया गया, तो जगह ली जोस बटलर ने. बटलर विशेषज्ञ बल्लेबाज के तौर पर खेले. उन्होंने छह पारियों में 154 रन बनाए. इसमें मुंबई टेस्ट के 76 रन थे, जिससे इंग्लैंड 400 रन बनाने में कामयाब रहा.

स्टुअर्ट ब्रॉड – 6

ब्रॉड को तीन टेस्ट खेलने का मौका मिला. उन्हें सिर्फ आठ विकेट मिले, लेकिन इंग्लैंड के टॉप गेंदबाजों में सबसे अच्छी औसत उनकी ही रही. 31 रन प्रति विकेट. वह अपने बेस्ट पर नहीं थे. लेकिन पिछले दौरे के मुकाबले इस बार उन्होंने बेहतर प्रदर्शन किया. स्टोक्स की तरह ब्रॉड भी रिवर्स स्विंग कराने में कामयाब रहे. लेकिन स्टोक्स की तरह इस खूबी की वजह से विकेट लेने में उन्हें कामयाबी नहीं मिली.

एलिस्टर कुक – 4

एलिस्टर कुक भारत आए थे, तो उनकी कप्तानी को लेकर काफी सवाल थे. उनके भविष्य पर जल्दबाजी में फैसला नहीं किया जा सकता. लेकिन यह कहा जा सकता है कि रणनीतिकार के रूप में उनका प्रदर्शन बहुत कमजोर था. इंग्लैंड का टीम चयन ठीक नहीं था. फील्ड प्लेसिंग की समस्या थी. गेंदबाजी में बदलाव सही नहीं था.

कुक अब क्रिकेट से सात महीने दूर रहेंगे, जो उनके लिए बेहतर है. बल्लेबाज के तौर पर उनका प्रदर्शन ठीक रहा. लेकिन याद रखना होगा कि उनके नाम 11 हजार रन हैं. एशिया में रिकॉर्ड बहुत अच्छा है. उनके स्तर से सीरीज अच्छी नहीं रही. सीरीज का अकेला शतक राजकोट टेस्ट की दूसरी पारी में बना. अगर वह कप्तान नहीं होते, तो उन्हें मैं पांच अंक देता.

क्रिस वोक्स – 4

एशियाई पिचों पर गेंदबाजी क्रिस वोक्स के लिए कभी आसान नहीं थी. तीन मैचों में तीन विकेटों से उन्होंने दिखाया है कि किस कदर संघर्ष कर रहे हैं. उन्हें पांचवें टेस्ट के लिए टीम में जगह नहीं मिल पाई.

जेम्स एंडरसन -3

पहले दो टेस्ट में चोट के बाद खेलने को लेकर उनकी शिद्दत की तारीफ करनी होगी. लेकिन एंडरसन अपने बेस्ट पर नहीं थे. उन्हें पांच पारियों में सिर्फ चार विकेट मिले. इनमें से तीन विशाखापत्तनम टेस्ट की पहली पारी में थे. वह असर छोड़ने में नाकाम रहे. पिछली बार इंग्लैंड टीम जब भारत आई थी, तो एंडरसन ने जोरदार प्रदर्शन किया था. इस बार वो थके हुए लगे. कभी खौफनाक नहीं नजर आए.

लियम डॉसन – 6

गैरेथ बैटी - 4

जफर अंसारी – 3

जेक बॉल – 3

बेन डकेट -1