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क्रिकेट के मैदान पर फील्ड अंपायर किस काम के?

भारत-इंग्लैंड के बीच तीसरे वनडे में दिखी अंपायर की बड़ी लापरवाही

Lakshya Sharma

क्रिकेट मैच में अंपायर की भूमिका कितनी अहम होती है ये बताने कि जरूरत नहीं है. अंपायर के एक गलत फैसले से मैच के नतीजे पर भी फर्क पड़ सकता है. लेकिन ये भी सच है कि मौजूदा समय में अंपायरिंग का स्तर काफी खराब है, ये बात सही है कि अंपायरों को तकनीक का इस्तेमाल मिलना चाहिए, लेकिन जब तकनीक के बाद भी अंपायर गलती करे तो जिम्मेदारी किसकी होगी.

भारत और इंग्लैंड के बीच खेले जा रहे तीसरे वनडे में भी अंपायर ने बड़ी गलती की. भारत ने उसी का खामियाजा भुगता. दरअसल बुमराह की गेंद पर बेयरस्टो ने थर्ड मैन की दिशा में शॉट खेला, वहां खड़े अश्विन ने आसानी से कैच पकड़ा. लेकिन कैच पकड़ने के बाद अंपायर धर्मसेना ने थर्ड अंपायर से पूछा कि कहीं गेंद नो बॉल तो नहीं है. रिप्ले में साफ दिखा कि बुमराह का पैर क्रीज के बाहर था.


थर्ड अंपायर ने गेंद को नो बॉल देकर बेयरस्टो नॉट आउट करार दिया. उस गेंद पर बेयरस्टो कैच आउट नहीं होते तो अंपायर नो बॉल चेक करवाते, शायद नहीं. अब सवाल ये है कि अगर अंपायर को पता है कि गेंद नो बॉल है तो उसी समय उन्होंने नो बॉल क्यों नहीं दी. अगर सारी जिम्मेदारी तकनीक के सहारे निभानी है तो फिल्ड अंपायर का क्या काम है.

बात यही खत्म नहीं होती, इसके बाद भी अंपायर लगातार गलती करते है. दरअसल जब बुमराह की गेंद पर अश्विन कैच पकड़ते है तो बेयरस्टो और मॉर्गन ने एक दूसरे को क्रॉस नहीं किया था.लेकिन फिर भी अगली फ्री हिट गेंद मॉर्गन ने खेली. अब नियम तो यही कहता है कि अगर दोनों बल्लेबाज एक दूसरे को क्रॉस ना करे तो जिस बल्लेबाज ने पहले शॉट खेला है. वहीं बल्लेबाज अगली गेंद खेलेगा.

इस मामले में तो कैच पकड़ने के बाद तो बेयरस्टो वापस अपनी ही दिशा में लौट गए थे. लेकिन जो चीज पूरी दुनिया ने देखी वो शायद फील्ड पर मौजूद अंपायर को नहीं दिखा.

ऐसा भी नहीं है कि बल्लेबाज रन लेने के लिए दौड़े हो जिससे कोई शक पैदा हो. लेकिन इसे अंपायर की लापरवाही कहें या तकनीक पर ज्यादा निर्भरता, इसका फैसला आप कर सकते हैं. अंपायर की इस गलती का फायदा इंग्लैंड को मिला और मॉर्गन ने बुमराह की गेंद पर छक्का जड़ दिया.

अब मौजूदा दौर में जब टीमें एक-एक रन से मैच जीतती है तो छह रन बहुत बड़ा असर साबित हो सकते थे. ध्यान रखिए, कोलकाता में भारत पांच रन से मैच हारा. यानी कह सकते हैं कि धर्मसेना ने भारत को हरा दिया. इसलिए उम्मीद है कि आईसीसी जिस तरह खिलाड़ियों के लिए नियम बनाती है उसी तरह अंपायर के लिए भी नियम बनाए. जिससे अंपायर ज्यादा सतर्कता से अपना काम करें.