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भारत-इंग्लैंड, चेन्नई टेस्ट: कर्नाटक ने ही बना ली इंग्लैंड पर बढ़त

कर्नाटक के करुण नायर ने बनाए नॉट आउट 303, राहुल ने बनाए थे 199

Shailesh Chaturvedi

एक के नाम 12 टेस्ट हैं. दूसरा सिर्फ तीसरी पारी खेल रहा था. दोनों कर्नाटक से हैं. इनमें से एक राहुल का रविवार था, तो सोमवार करुण नायर के नाम रहा. नायर ने पहला टेस्ट शतक जमाया...यहीं नहीं रुके और इसे दोहरे शतक पर ले गए. यहां भी नहीं रुके और स्कोर को 300 तक ले गए. यहां भी कप्तान विराट कोहली ने पारी घोषित करने का फैसला किया और नायर 303 पर नॉट आउट रहते हुए पैवेलियन आए.

करुण नायर और केएल राहुल ने मिलकर ही चेन्नई टेस्ट में इंग्लैंड का स्कोर पार कर दिया. राहुल 199 पर आउट हुए थे. दोनों ने मिलकर 502 रन बना दिए, जो इंग्लैंड की पहली पारी के 477 रन से 25 रन ज्यादा हैं. भारत ने चौथे दिन पहली पारी में सात विकेट पर 759 रन बनाकर पारी घोषित की. इस पारी में एक शतक, एक तिहरा शतक और तीन अर्ध शतक शामिल हैं. दिन का खेल खत्म होने तक इंग्लैंड ने बगैर किसी नुकसान के 12 रन बना लिए थे. अब भी उसे पारी की हार से बचने के लिए 270 रन और चाहिए.


करुण नायर.

तीसरे दिन का खेल खत्म हुआ था, तो भारत का स्कोर चार विकेट पर 391 रन था. करुण नायर तब भी खेल रहे थे. 71 रन बना चुके थे. चौथे दिन पूरा समय वो मैदान पर रहे. 71 के स्कोर को 303 तक ले गए. इस दौरान एक के बाद एक रिकॉर्ड बनते रहे और ढहते रहे. करुण नायर पहले भारतीय बल्लेबाज बन गए, जिसने अपना पहले ही शतक में स्कोर 300 के पार पहुंचाया. तिहरा शतक लगाने के मामले में भी कुल दूसरे बल्लेबाज वो हैं. वीरेंद्र सहवाग ने ट्वीट करके उन्हें बधाई भी दे दी और कहा कि अकेलापन था, अब साथी मिल गया है.

नायर ने 185 गेंद में शतक पूरा किया. 306 गेंद में 200 रन पूरे किए. उसके बाद 381 गेंद में 300 रन पूरे कर लिए. यानी पहला शतक 185 गेंद, दूसरा 121 गेंद और तीसरा महज 75 गें, जो बताता है कि मैच के हालात के हिसाब से कैसे उन्होंने अपने बल्लेबाजी के तरीके को बदला.

भारत की पूरी पारी में चार शतकीय साझेदारियां हुईं. इनमें से पहले विकेट के लिए पार्थिव पटेल और केएल राहुल के बीच हुई साझेदारी को छोड़ दें, तो बाकी तीनों में नायर का योगदान था. राहुल के साथ चौथे विकेट के लिए उन्होंन 161 रन जोड़े. छठे विकेट के लिए 181 रन की साझेदारी अश्विन के साथ हुई. उसके बाद रवींद्र जडेजा के साथ 138 रन जोड़े.

टी के बाद से करुण नायर के इरादे बिल्कुल साफ थे. वो किसी भी तरह रुकना नहीं चाहते थे. उन्हें मौके भी मिले. लेकिन पूरी सीरीज में दोनों टीमें एक-दूसरे को मौके दे रही हैं. फील्डिंग को लेकर किसी भी तरह से सीरीज को ऊंचे स्तर की नहीं कहा जा सकता. टी के बाद भारत ने 177 रन बनाए. वो भी सिर्फ 25.4 ओवर में.

अब इंग्लैंड के सामने सबसे पहली चुनौती पारी की हार से बचने की है. बल्कि वे चाहेंगे कि पूरे दिन बल्लेबाजी कर पाएं. पिच में अब भी ऐसा कोई लक्षण नहीं दिखा है, जो बल्लेबाजों को बहुत चिंतित करता हो. लेकिन सीरीज में देखा जा चुका है कि भारतीय बल्लेबाजी और इंग्लैंड की गेंदबाजी के बीच पिच के मिजाज में फर्क देखा गया है.