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India vs England : क्या अंतिम टेस्ट में अापने इस इलेवन की कल्पना की थी!

दौरा समाप्त होते-होते ऋषभ पंत, रवींद्र जडेजा और हनुमा विहारी इंग्लैंड से लोहा ले रहे हैं

FP Staff

इंग्लैंड ने पांच मैचों की सीरीज में भारत के खिलाफ 3-1 की अजेय बढ़त बना ली है, जिसके कारण शुक्रवार से ओवल में शुरू हो रहा पांचवां और अंतिम टेस्ट मैच उसके लिए भले ही महज औपचारिकता हो, लेकिन सीरीज गंवाने के बाद विराट कोहली की टीम के लिए ये बेहद अहम है. टीम इंडिया स्वदेश लौटने से पहले कम से कम एक जीत और चाहेगी ताकि उसका आत्मसम्मान बना रहे.

निश्चित तौर पर भारत के लिए सीरीज का 2-3 का नतीजा 1-4 से कहीं बेहतर होगा. टीम इंडिया ये मैच जीत पाएगी या नहीं ये कहना तो अभी दूर की कौड़ी है, लेकिन फिलहाल एक बार फिर अंतिम एकादश के चयन ने उसे क्रिकेट प्रेमियों के निशाने पर रख दिया है. क्या कोई कह सकता था कि अंतिम टेस्ट आते-आते भारतीय टीम में विकल्पों की इतनी कमी हो जाएगी कि वो मुख्य खिलाड़ियों विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक, स्पिनर आर अश्विन और ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या के बिना उतरेगा. जाहिर सी बात है कि किसी भी आम क्रिकेटप्रेमी ने ये कल्पना भी नहीं की होगी कि दौरा समाप्त होने तक ऋषभ पंत, रवींद्र जडेजा और हनुमा विहारी इंग्लैंड से लोहा ले रहे होंगे.


हनुमा विहारी का फर्स्ट क्लास क्रिकेट में शानदार रिकॉर्ड है. वो मिडिल ऑर्डर बल्लेबाजी के लिए आदर्श चयन हो सकते हैं, लेकिन उनके अंदर ऑलराउंडर के गुण नहीं हैं. उन्होंने फर्स्ट क्लास मैचों में औसतन चार ओवर डाले हैं. अगर तकनीकी रूप से ठोस बल्लेबाज का ही चयन करना था तो  उनसे पहले टीम के साथ करुण नायर थे, लेकिन उनके रहते हुए हनुमा पर भरोसा जताया गया.

रवींद्र जडेजा अफगानिस्तान के बाद से कोई अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेले हैं. घरेलू मैदान पर गेंदबाजी और बात है और इंग्लैंड में  स्पिनर कराना और बात. टीम में जो एक अन्य स्पिनर कुलदीप य़ादव थे, उन्हें एक टेस्ट के बाद घर वापसी का टिकट थमा दिया गया.

ऋषभ पंत को भी इसी सीरीज में पदार्पण का मौका मिला. ऋद्धिमान साहा के इंजरी का इलाज कराने के कारण पहली तरजीह दिनेश कार्तिक को दी गई थी, लेकिन उनके ना चलने पर युवा ऋषभ पंत को मौका दिया गया. ये बात तो सभी मानेंगे कि ऋषभ पंत को पदार्पण का मौका देने के लिए ये मंच उचित नहीं था.

खैर जो भी हो, टीम इंडिया ने इस टेस्ट सीरीज में अंतिम एकादश के चयन में सही फैसले नहीं किए हैं. उसके बाद वो परिणाम को लेकर कोई शिकायत नहीं कर सकता है. इसको लेकर टीम इंडिया से सहानुभूति होना भी मुश्किल है.