कई सालों पहले एक फिल्म आई थी, नाम था लगान, जिसमें अकेले भुवन ने अपनी टीम को ब्रिटिश टीम के खिलाफ जीत दिला दी, लेकिन वह तो फिल्म थी. फिल्म का हीरो सबको बचा लेता है. हकीकत में शीर्ष क्रम के लेकर कम से कम मध्यक्रम के बल्लेबाज को तो खेलना ही पड़ता है और अगर ऐसा नहीं होता तो नतीजा वहीं होता है, जो इस सीरीज पर भारत के साथ हुआ और जो पांचवें टेस्ट मैच में हुआ. कभी रविन्द्र जडेजा और हनुमा विहारी की जोड़ी ने भुवन का रोल अदा किया तो कभी केएल राहुल और ऋषत पंत. पांच मैचों की सीरीज पहले ही गंवा चुकी भारतीय टीम के पास सम्मान के साथ वापस देश जाने का मौका था, लेकिन सीरीज के पांचवें और आखिरी मैच की दोनों पारियों में 11 खिलाड़ियों की टीम नजर ही नहीं आई. नजर आए तो सिर्फ यह जोड़ी, जो कभी भुवन बन जाती, तो कभी बटलर और ब्रॉड की भूमिका निभाती तो किसी को कुक और रूट का रोल प्ले करना पड़ता, लेकिन यह फिल्म नहीं है कि हीरो आता है तो अपनी टीम को अकेले दम पर चौके छक्के लगातर जीता ले जाता है. हां एक समय राहुल और पंत को देखकर उम्मीद जरूर जग गई थी कि वह ड्रॉ ही नहीं मैच भी जीता सकते हैं, लेकिन यह फिल्म नहीं...
और 118 रनों से भारत को हार का सामना करना पड़ा. इंग्लैंड के 332 रन की पहली पारी के जवाब में भारत ने 292 रन बना लिए थे, लेकिन दूसरी पारी में इंग्लैंड ने 423 रन पर अपनी पारी घोषित करके मेहमान के सामने जीत के लिए 464 रन का लक्ष्य रख दिया, जिसे हासिल करना विराट कोहली एंड कंपनी के लिए मुश्किल रहा और 345 रन पर आॅल आउट हो गई और भारत ने इसी के साथ 1 4 से सीरीज भी गंवा दी। मोहम्मद शमी एंडरसन ने 564वें शिकार बने और इसी के साथ उन्होंने ग्लेन मैकग्रा को भी पीछे दिया है, वहीं एलिस्टर कुक को जीत के साथ विदाई दी. कुक ने दूसरी पारी में रूट में मिलकर 250 रन के करीब की पार्टनरशिप की थी.
पहला सत्र: पांचवें और आखिरी दिन का खेल भारत ने 58 रन पर तीन विकेट से आगे खेलते हुए किया। केएल राहुल और रहाणे ने अपनी पारी को आगे बढ़ाते हुए दिन का शुरुआती एक घंटा बेहतरीन बल्लेबाजी की. एक छोर से राहुल रन जोड़ने में लगे थे तो दूसरे छोर से रहाणे उनका साथ दे रहे थे और शुरुआती एक घंटा भारत की इस जोड़ी ने इंग्लिंश गेंदबाजों को जमकर परेशान किया और दोनों ने भारत के स्कोर को 3 रन से 100 रन तक पहुंचाया. चौथे दिन भारत ने अपनी दूसरी पारी में 2 रन पर तीन विकेट गंवा दिए थे. जिसके बाद राहुल और रहाणे ने पारी को 2 रन से 120 रन तक पहुंचाया और इस बीच दोनों के बीच शतकीय साझेदारी हुई. भले ही इस मैच में भारत की जीत दूर नजर आ रही थी कि लकिन राहुल और रहाणे की बल्लेबाजी को देखकर लग रहा था कि वह ड्रॉ करवाने के लिए संघर्ष कर रहे थे, लेकिन 120 के स्कोर पर भारत को रहाणे के रूप में चौथा झटका लगा. रहाणे मोईन अली की गेंद पर काफी खराब शॉट खेलकर जेनिंग्स के हाथों कैच आउट हो गए और 37 रन बनाकर पवेलियन लौटे गए. इसके बाद पहली पारी में अर्धशतक जड़ने वाले हनुमा दूसरी पारी में 0 रन पर आउट हो गए और भारत को 121 पर पांचवां झटका लगा. लंच ब्रेक तक भारत ने पांच विकेट के नुकसान पर 167 रन बना लिए थे. केएल राहुल 108 और पंत 12 रन पर खेल रहे थे. राहुल ने इस पारी में अपने टेस्ट करियर का पांचवां शतक भी जड़ा.
दूसरा सत्र: दूसरे सत्र में केएल राहुल ने पंत के साथ मिलकर भारत की उम्मीदों को जगा दिया. दूसरे सत्र में भारत को कोई विकेट नहीं गिरा और इस जोड़ी ने टेस्ट मैच को वनडे स्टाइल में खेलते हुए टी ब्रेक तक भारत का स्कोर पांच विकेट पर 298 रन दिया था, जिसके बाद एक जीत की भी उम्मीद होने लगी थी दोनों के टी ब्रेक तक छठे विकेट के लिए 177 रन जोड़े. पंत ने आदिल राशिद की गेंद पर छक्का जड़कर अपने अंदाज में सैकड़ा पूरा किया. वह इंग्लैंड की सरजमीं पर शतक जड़ने वाले पहले भारतीय विकेटकीपर हैं. इससे पहले इंग्लैंड में भारतीय विकेटकीपर का सर्वोच्च स्कोर 92 रन था जो महेंद्र सिंह धोनी ने 2007 में ओवल में बनाया था. जब राहुल और पंत खेल रहे थे तो इस बीच बादल भी छाये रहे लेकिन जो रूट ने अपने मुख्य गेंदबाजों जेम्स एंडरसन और स्टुअर्ट ब्राड को लंबे समय तक गेंद नहीं थमायी. रूट खुद गेंदबाजी के लिए आये लेकिन इससे कोई अंतर पैदा नहीं हुआ.राहुल और पंत ने भारत की तरफ से चौथे विकेट के लिये सबसे बड़ी साझेदारी का रिकॉर्ड भी बनाया. इससे पहले का रिकॉर्ड सचिन तेंदुलकर और नयन मोंगिया के नाम पर था जिन्होंने 1999 में पाकिस्तान के खिलाफ चेन्नई में 136 रन जोड़े थे.
तीसरा सत्र: टी ब्रेक के साथ भारत को एक के बाद दो बड़े झटके के जो जीत की उम्मीद एक बार दिखने लगी थी, वह पूरी तरह से खत्म हो गई . 325 के स्कोर भारत को केएल राहुल के रूप छठां लगा, राहुल आदिल रशीद की गेंद पर बोल्ड हुए और राहुल के तुरंत बाद पंत आदिल रशीद की गेंद पर मोईन अली को कैच थमा दिया. पंत और राहुल के बाद भारत आखिरी उम्मीद जडेजा ही बचे थे, जिन्होंने पहली पारी में बेहतरीन पारी खेली थी, लेकिन इस पारी में वह फेल रहे. उन्होंने इशांत के साथ क्रीज पर टिकने की कोशिश की, लेकिन इशांत सैम करन की गेंद पर उन्होंने बेयरस्टो को कैच थमा दिया, इसके बाद जडेजा ने 13 रन पर करन की गेंद पर बेयरस्टो को अपना कैच थमाकर भारत की उम्मीद भी तोड़ दी। जडेजा के बाद शमी एंडरसन की गेंद पर बोल्ड हो गए और भारतीय पारी 345 पर आॅल आउट हो गई. शमी एंडरसन के 564वें शिकार बने.