view all

Ind vs Eng, 4th Test Day 3 : पहले बटलर और रूट बने सिरदर्द, अब सैम करन हुए हैं अटके

इंग्लैंड ने अपनी दूसरी पारी में आठ विकेट के नुकसान के 260 रन बनाए, उसकी कुल बढ़त 233 रन की हो गई है

FP Staff

जोस बटलर (69) एक बार फिर भारतीय गेंदबाजों के लिए सिरदर्द बने और उनकी पारी की बदौलत इंग्लैंड साउथम्पटन में भारत के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच के तीसरे दिन शनिवार को आठ विकेट पर 260 रन बनाने में सफल रहा. वही भारत का सिरदर्द बढ़ाने में कप्तान जो रूट (48) भी पीछे नहीं रहे, भले ही वह अर्धशतक से चूक गए. जबकि युवा सैम करन एक बार फिर मुश्किल बने हुए हैं. इंग्लैंड की कुल बढ़त 233 रन की हो गई है. इंग्लैंड ने अपनी पहली पारी में 246 रन बनाए थे जबकि टीम इंडिया ने 273 रन बनाकर 27 रन की बढ़त ले ली थी. पहले दो दिन तो भारत का दबदबा रहा, लेकिन शनिवार के खेल के बाद इस मैच में किसी टीम का पलड़ा भारी बताना बेहद जोखिम भरा है. चौथे दिन पहले सेशन का खेल तय करेगा कि ऊंट किस करवट बैठेगा. क्योंकि इस विकेट पर 250 से ज्यादा का मुश्किल लक्ष्य हो सकता है.

बटलर ने बेन स्टोक्स (110 गेंद में 30 रन) के साथ छठे विकेट के लिए 56 रन और सैम करन (67 बॉल में नाबाद 37 रन) के साथ सातवें विकेट लिए 55 रन की साझेदारी कर टीम को मुश्किल स्थिति से उबारा. भारतीय टीम को चौथी पारी में कितने रनों का पीछा करना होगा यह इस बात पर तय होगा कि रविवार को गेंदबाज सैम करन का विकेट कितनी जल्दी लेते हैं.


बटलर ने टीम को मजबूत स्थिति में खड़ा किया 

बटलर को शुरुआत में इशांत शर्मा और मोहम्मद शमी ने काफी परेशान किया, लेकिन अपने नौवें अर्धशतकीय पारी के दौरान उन्होंने आत्मविश्वास और जीवटता दिखाई. उन्होंने 122 गेंद की पारी में सिर्फ उन्हीं गेंदों पर रन बनाने की कोशिश की जो उनकी पहुंच में थे. कप्तान जो रूट के रन आउट होने के बाद टीम मुश्किल में थी. इस समय इंग्लैंड के 122 रन तब पांच विकेट गिर गए थे और उनकी बढ़त 100 रन से भी कम थी, लेकिन बटलर ने अपनी पारी से टीम को मजबूत स्थिति में खड़ा कर दिया.

अश्विन किफायती रहे, लेकिन प्रभावी नहीं

भारतीय स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (35 ओवर में 78 रन पर एक विकेट) ने रन कम जरूर दिए लेकिन वह मोईन अली की तरह प्रभावी नहीं दिखे. अश्विन मोहम्मद शमी (53 रन पर तीन विकेट), इशांत शर्मा (36 रन पर दो विकेट) और जसप्रीत बुमराह (51 रन पर एक विकेट) के पैरों के निशान का फायदा नहीं उठा सके. उन्हें एकमात्र सफलता स्टोक्स के विकेट के रूप में मिली जिनका कैच अजिंक्य रहाणे ने पकड़ा. स्टोक्स और बटलर ने 22 ओवर तक भारतीय गेंदबाजों को विकेट से महरूम रखा.

मोहम्मद शमी ने झटके लगातार दो विकेट

बटलर और करन ने इसके बाद भारतीय गेंदबाजों को लगभग 17 ओवर तक परेशान किया. नई गेंद मिलने के बाद आखिरकार बटलर को एलबीडब्ल्यू  आउट किया गया. भारतीय टीम ने इससे पहले दो सत्रों में अपना दबदबा कायम रखा था. दिन के दूसरे सत्र में भारत को सबसे बड़ी सफलता कप्तान जो रूट के विकेट के रूप में मिली जो मोहम्मद शमी के थ्रो पर रन आउट हुए. मोहम्मद शमी ने लंच से ठीक पहले जेनिंग्स को एलबीडब्ल्यू  आउट किया. लंच के बाद पहली ही गेंद पर उन्होंने जानी बेयरस्टो (00) को भी चलता किया.

शमी के थ्रो पर रूट  हुए रन आउट

इसके बाद अगले 14 ओवर तक रूट और स्टोक्स ने भारतीय गेंदबाजी का डटकर सामना किया. इस दौरान शमी ने शानदार गेंदबाजी की और इंग्लैंड के बल्लेबाजों को लगातार परेशान किया. भारत की सटीक गेंदबाजी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दूसरे सत्र में इंग्लैड़ के बल्लेबाज सिर्फ 60 रन जोड़ सके. सत्र में भारत के लिए सबसे अहम क्षण पारी के 46वें ओवर में आया जब स्टोक्स के शॉट पर रूट रन चुराने की कोशिश में अपना विकेट गवां बैठे. मिडविकेट पर खड़े शमी का थ्रो सीधे विकेट पर जा लगा और रूट क्रीज से बाहर थे.

लंच के समय इंग्लैंड का स्कोर तीन विकेट पर 92 रन था. रूट और जेनिंग्स ने तीसरे विकेट के लिए 59 रन जोड़े. मोहम्मद शमी ने लंच से ठीक पहले जेनिंग्स को एलबीडब्ल्यू  आउट किया. बल्लेबाज ने डीआरएस का सहारा लिया लेकिन उससे भी उन्हें फायदा नहीं मिला.

बुमराह ने भारत को पहली सफलता दिलाई 

सुबह इंग्लैंड ने बिना किसी नुकसान के छह रन से आगे खेलना शुरू किया. जेनिंग्स और एलिस्टेयर कुक (12) ने धीमी शुरुआत की. जसप्रीत बुमराह ने 13वें ओवर में कुक को दूसरी स्लिप में खड़े केएल राहुल के हाथों कैच कराकर भारत को पहली सफलता दिलाई. मोईन अली (नौ) को तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी के लिए भेजा गया लेकिन इंग्लैंड का यह दांव नहीं चला. इशांत शर्मा ने 16वें ओवर में उन्हें आउट किया. राहुल ने फिर से नीचा रहता हुआ कैच लिया जब रीप्ले से भी साफ हो गया कि कैच सही तरह से लिया गया तो मोईन को पवेलियन की राह पकड़नी पड़ी. राहुल का यह सीरीज में 11वां कैच है जो कि किसी भारतीय क्षेत्ररक्षक का इंग्लैंड में नया रिकॉर्ड है. इससे पहले 2002 के दौरे में राहुल द्रविड़ ने दस कैच लिए थे.

(एजेंसी इनपुट के साथ)