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सावधान इंग्लैंड ! टीम इंडिया विनिंग ट्रैक पर दौड़ रही है

अश्विन और जडेजा की भी तारीफ करनी होगी, जिन्होंने शानदार गेंदबाजी की

Jigar Mehta

विशाखापत्तनम टेस्ट में भारत की जीत से पहले कुछ पल के लिए ऐसा लगा था कि इंग्लैंड कोई चमत्कार कर दिखाएगा.

जब कप्तान एलेस्टेयर कुक और युवा बल्लेबाज हसीब हमीद क्रीज पर डटे थे, तो कुछ पलों के लिए ऐसा लगा कि अंग्रेज, हार टालने में कामयाब रहेंगे.


कुक और हमीद जैसे खेल रहे थे, उससे ऐसा लग रहा था कि वो राहुल द्रविड़ की तरह दीवार साबित होंगे.

हालांकि दोनों ही बल्लेबाज रन नहीं बना रहे थे. पचास ओवरों में दोनों के बीच सिर्फ 75 रनों की साझेदारी हुई थी. लेकिन, उनके क्रीज पर डटे रहने से इंग्लिश टीम के लिए उम्मीद बची हुई थी.

भारत के लिए जीत का रास्ता तभी खुल सकता था जब दीवार बने इन अंग्रेज बल्लेबाजों में से किसी एक का विकेट मिले. हमीद ने ये मौका दे ही दिया.

मगर इसमें पिच का भी बड़ा योगदान था.

गेंदबाजों ने नहीं किया निराश

गेंद रुककर और बेहद नीची रहकर आ रही थी. ऐसे में हमीद जैसे युवा हों या कुक जैसे तजुर्बेकार, किसी का विकेट भी ऐसे जा सकता था. पर आर अश्विन और रविंद्र जडेजा की भी तारीफ करनी होगी, जिन्होंने शानदार गेंदबाजी की.

जब बल्लेबाज अटैक न कर रहे हों, रन न बना रहे हों, रिस्क न ले रहे हों तो गेंदबाज को खीझ होने लगती है. लेकिन जडेजा और अश्विन ने अपना हौसला डिगने नहीं दिया.

चौथे दिन हमीद का विकेट गिरने से पहले फेंके गए कुल पचास ओवरों में से अश्विन और जडेजा ने मिलकर तीस ओवर किए. इनमें से 11 मेडेन ओवर थे. तीस ओवरों में दोनों गेंदबाजोंं से मिलकर सिर्फ 42 रन दिए.

अश्विन और जडेजा ने लगातार सधी हुई गेंदबाजी से बल्लेबाजों का जमकर इम्तिहान लिया. दोनों गेंदबाजों की कोशिशें रंग लाईं. और चौथे दिन के आखिरी ओवर में जडेजा ने कुक को लेग बिफोर विकेट से आउट कर दिया.

मैच का ये टर्निंग प्वाइंट था. हालांकि उस वक्‍त जो रूट क्रीज पर थे. साथ ही मोईन अली, बेन स्टोक्स, जॉनी बेयरस्टो को बल्लेबाजी के लिए आना था. ये सभी गेंदबाज स्पिन का सामना अच्छे से करने के लिए जाने जाते हैं. ऐसे में भारतीय टीम कोई ढिलाई बरतने का रिस्क नहीं ले सकती थी.

चौथे दिन का खेल खत्म होने पर पुजारा ने कहा था, 'हमें पता है कि वो अच्छी बल्लेबाजी कर सकते हैं. इसलिए हम उन्हें हल्के में लेने का जोखिम नहीं लेंगे. कल और बड़ी चुनौती होगी. मगर हम इसके लिए तैयार हैं'.

इतने गर्म मौसम में लगातार सधी गेंदबाजी करना बेहद मुश्किल काम है. चुनौती का बोझ आपको तन-मन को थका सकता है. उंगलियां दर्द करने लगती हैं. फिर आपको फील्डिंग भी करनी होती है.

जडेजा ने पहले ही करीब पौन घंटे तक बल्लेबाजी की थी. फिर उन्होंने लगातार 14 ओवर गेंदबाजी भी की. कुल मिलाकर उन्होंने 22 ओवर दो गेंदें फेंकी, जिसमे से 8 मेडेन ओवर थे.

इतने ओवरों में जडेजा ने केवल 25 रन दिए और एक खिलाड़ी को आउट किया.

टेस्ट मैच के पांचवें दिन भारत को जरूरत थी कि दो स्पिनर लगातार सधी हुई गेंदबाजी करें.

इम्तिहान के लिए तैयार थी टीम इंडिया

पिच में उछाल था. हालांकि वो टर्न भी ले रही थी. लेकिन वो इतना खतरनाक नहीं था कि बल्लेबाजों के लिए बारूदी सुरंग बन जाए. ऐसे में भारत को पक्के इरादों वाले गेदबाजाें की जरूरत थी. इस इम्तिहान को टीम इंडिया तैयार थी.

मैच के बाद अश्विन ने माना कि पिच, स्पिन गेंदबाजों के लिए स्वर्ग जैसी नहीं थी. इस पर बल्लेबाजी आसान थी. इसीलिए उन्होंने लाइन और लेंग्थ पर मेहनत की और बल्लेबाजों पर दबाव बनाए रखा, ताकि वो गलतियां करें और आउट हों.

अश्विन और जडेजा ने आखिरी दिन अंग्रेज टीम के बल्लेबाजों को लगातार मुश्किल में डाले रखा. पिच के उतार-चढ़ाव का अश्विन ने बखूबी इस्तेमाल किया.

वहीं जडेजा ने भी अपनी गेंदबाजी से इंग्लैंड के बल्लेबाजों  को मुश्किल में डाला.

छह ओवर बाद ही अश्विन ने अपने पसंदीदा शिकार बेन डकेट को पवेलियन भेज दिया.

उधर रविंद्र जडेजा लगातार स्टम्प पर गेंदबाजी कर रहे थे. वो लगातार बेहद सधी गेंदें डाल रहे थे. इससे बल्लेबाजों में खीझ पैदा हो रही थी.

बीच-बीच में रफ्तार देकर वो बल्लेबाजों को चौंका भी रहे थे. वो मोईन अली का विकेट झटकेंगे, इसमें किसी को कोई शक नहीं था.

काम आई तेज गेंदबाजी 

अश्विन और जडेजा ने बड़ी तेजी से ओवर डाले. इससे अंग्रेज बल्लेबाज़ों को टिकने का मौका नहीं मिला. जब तक इंग्लैंड के बल्लेबाज पिछली गेंद के बारे में सोच पाते, तब तक दोनों गेंदबाज नई गेंद की चुनौती पेश कर देते थे.

सिर्फ 68 मिनट में दोनों ने 23 ओवर और 4 गेंदें कर डाली थीं. इससे विरोधी बल्लेबाज दबाव में आ गए. मैच के बाद विराट कोहली ने कहा कि चौथे दिन उनके गेंदबाजों  ने हर ओवर में दो से भी कम रन दिए थे.

ऐसे में उम्मीद थी कि इंग्लैंड के बल्लेबाज ज्‍यादा आक्रामक होंगे. और ऐसे में टीम इंडिया ने कुछ विकेट झटक लिए तो जीत की राह आसान हो जाएगी.

आखिरी दिन टीम इंडिया का टारगेट था सब्र से अंग्रेज टीम का सफाया. मैच के बाद कोहली ने कहा कि इंग्लैंड के बल्लेबाज लगातार धीमी बैटिंग से टीम इंडिया के गेंदबाजों को उबाना चाहते थे. ताकि भारतीय गेंदबाज तमाम तजुर्बे करे, जिनसे वो गलतियां करें.

लेकिन टीम इंडिया, इंग्लैंड की टीम के झांसे में नहीं आई. कोहली ने कहा कि कुक का विकेट लेने के लिए चेतेश्वर पुजारा ने कहा कि फील्डिंग में थोड़ा बदलाव करके कुक पर दबाव बनाना चाहिए. ये फॉर्मूला कामयाब रहा.

फिर, भारतीय कप्तान ने अचानक ही दूसरी नई गेंद ले ली और गेंदबाजी में कई बदलाव किए. नई गेंद के साथ मोहम्मद शमी और जयंत यादव से अटैक कराया गया.  सधी हुई स्पिन गेंदबाजी से अंग्रेज बल्लेबाज पहले ही दबाव में थे.

ऐसे में शमी ने रूट और जयंत ने बेन स्टोक्स के विकेट लेकर, इंग्लिश टीम को ऐसे झटके दिए, जिससे वो उबर नहीं सके.

लगातार सधी गेंदबाजी और बीच-बीच में विकेट लेकर भारतीय गेंदबाजों ने इंग्लिश टीम को उबरने ही नहीं दिया. इस अनुशासन का फल भी मिला जब भारत ने इंग्लैंड को टेस्ट में दूसरी सबसे बड़ी शिकस्त दी.

घरेलू मैदान पर शानदार प्रदर्शन 

टीम इंडिया, घरेलू मैदान पर लगातार ऐसा प्रदर्शन करती रही है. वो विरोधी टीम को मौके ही नहीं देते. हालांकि राजकोट मैच में टीम इंडिया थोड़ी भटकती सी लगी थी.

इंग्लिश टीम ने भारत को कड़ी चुनौती दी थी. मैच में कई बार अंग्रेजों ने टीम इंडिया को मुश्किल में डाला. भारत, जैसे तैसे मैच को ड्रॉ करा सका था.

लेकिन, दूसरा टेस्ट मैच भारत के लिए वापसी का रास्ता खोल गया. कप्तान कोहली ने टॉस जीतकर अपनी टीम को अच्छी शुरुआत दे दी.

पहली पारी में भारत ने बड़ा स्कोर भी खड़ा कर लिया. अश्विन ने पांच विकेट झटके तो भारत को मैच में जीतने वाली बढ़त मिल गई.

दूसरी पारी में भारतीय बल्लेबाजी थोड़ी लड़खड़ाई, लेकिन विराट कोहली ने उसे संभाल लिया. फिर आखिरी दिन स्पिनर्स ने शानदार गेंदबाजी से मैच जिताकर सीरीज में भारत को बढ़त दिला दी.

तेज गेंदबाजों ने भी नियमित अंतराल पर विकेट लेकर टीम की जीत में योगदान दिया. पहला टेस्ट खेल रहे जयंत यादव ने 62 रन देकर चार विकेट झटके और करियर का शानदार आगाज किया.

कुल मिलाकर टीम इंडिया ने मैच का लुत्फ भी लिया और शानदार खेल से जीत की इबारत भी लिख दी.

पिछले 16 टेस्ट मैचों में ये भारत की तेरहवीं जीत थी. बाकी मैच ड्रॉ रहे हैं. विशाखापत्तनम में जीत के साथ टीम इंडिया फॉर्म में वापस आ गई है. इंग्लैंड के लिए खतरे की घंटी बज गई है.

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