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India vs England 2nd Test: क्या एजबेस्टन में उठे सवालों के जवाब लॉर्ड्स में दे पाएगी कोहली एंड कंपनी!

गुरुवार को लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर भारत और इंग्लैंड के बीच दूसरा टेस्ट शुरू होगा

Sumit Kumar Dubey

यूं तो अगर भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज के पहले मुकाबले के नतीजे पर सरसरी निगाह डाली जाए तो भारतीय टीम की तस्वीर बेहद गुलाबी नजर  आती है. एजबेस्टन में महज 31 रन से हुआ हार-जीत का फैसला एक कड़ी टक्कर और रोमांचक नतीजे की दास्तान सुनाता है लेकिन इसी मुकाबले में भारतीय टीम के लिए कुछ ऐसे सवाल खड़े हुए है जिनका जवाब लॉर्ड्स मे खोजना जरूरी हो गया है.

गुरूवार को जब टीम इंडिया, इंग्लैंड के ऐतिहासिक लॉर्ड्स के मैदान पर पांच टेस्ट मैचों की इस सीरीज के दूसरे मुकाबले के लिए उतरेगी तो उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती तो यह साबित करने की होगी कि यह मुकाबला भारत और इंग्लैड के बीच है कोहली और इंग्लैंड के बीच नहीं.


सबसे बड़ा सवाल तो बल्लेबाजी पर है

एजबेस्टन में जिस तरह से कोहली के अलावा बाकी सभी बल्लेबाजों ने इंग्लिश गेदंबाजों के सामने ,सरेंडर किया था वह भारतीय क्रिकेट के लिए बड़ी चिंता की बात है. कप्तान कोहली ने अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी के जरिए पुछल्ले बल्लेबाजों के साथ मिलकर टीम इंडिया को मुकाबले में तो जरूर बनाए रखा लेकिन ‘तू चल में आता हूं’ की तर्ज पर एक के बाद एक भारत के मशहूर बल्लेबाजों का पैवेलियन लौटना बहुत सारे सवाल खड़े कर गया.

ऐसा नहीं है कि सवाल महज बल्लेबाजों पर ही खड़े हुए हों. विराट कोहली की की कप्तानी भी एजबेस्टन के टेस्ट को पास करने में नाकाम ही रही थी.

क्या फर प्लेइंग इलेवन बदलेंगे कोहली!

हर मुकाबले में अपनी प्लेइंग इलेवन बदलने के लिए मशहूर कप्तान कोहली ने पहले टेस्ट में चेतेश्वर पुजारा को बाहर बिठकर एक ऐसा फैसला लिया था  जिसपर आने वाले वक्त में भी सवालिया निशान लगा रहेगा. सवाल यह भी है कि आखिर क्यों कोहली अपना कप्तानी में किसी भी खिलाड़ी को निश्चितता का वैसा भरोसा क्यों नहीं दे पाते हैं जैसा धोनी ने उन्हें उनके शुरूआती दिनों में दिया था.

लॉर्ड्स में इससे पहले 1986 में कपिल देव की टीम और 2014 में एमएस धोनी की टीम ही टेस्ट मैच जीतने में कामयाब रही है. मौजूदा टीम इंडिया को अगर लॉर्ड्स में कायाबी हासिल करने वाली टीम बनना है तो भारतीय बल्लेबाजों को अपनी प्रतिष्ठा के मुताबिक खेल दिखाना ही होगा.

गेंदबाज हैं मजबूत कड़ी

जहां तक सवाल भारतीय गेंदबाजी का है तो वह अगर एजबेस्टन की तर्ज पर ही चलती रही तो फिर इंग्लिश बल्लेबाजों के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है.

भारतीय गेंदबाजी कोच भरत अरुण अपने गेंदबाजों के प्रदर्शन से संतुष्ट है और उन्होंने कहा भी है कि प्लइंग इलेवन में छह बल्लेबाजों को खिलाना पुराना और घिसा-पिटा आयडिया है. यानी लॉर्ड्स में भी टीम इंडिया एक एक्स्ट्रा गेंदबाज के साथ ही उतरेगी. जसप्रीत बुमराह फिट नहीं हैं लेकिन इशांत शर्मा, उमेश यादव और मोहम्मद शमी इंग्लिश बल्लेबाजों की परीझा लेने में सक्षम हैं.

भारत के लिए अच्छी बात यह है कि इंग्लिश ऑल राउंडर बेन स्टोक्स इस मुकाबले में नहीं खेल रहे हैं लेकिन भारत के ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या लॉर्ड्स में कितने कारगर साबित होंगे उसके असर भी इस मैच के नतीजे पर पड़ेगा.