बांग्लादेशी बल्लेबाजों के सामने भारतीय गेंदबाजों को मशक्कत करनी पड़ी. लेकिन हैदराबाद टेस्ट के तीसरे दिन भारत ने जीत की ओर कदम बढ़ाना जारी रखा. बांग्लादेश ने एक विकेट पर 41 रन से आगे खेलना शुरू किया. पहली पारी से ही उनकी ड्रॉ के लिए सारी उम्मीदें जुड़ी हुई थीं. दिन का अंत उन्होंने छह विकेट पर 322 रन पर किया. अब भी वे भारत से 365 रन पीछे हैं. लेकिन इस मुकाबले से अपने लिए कुछ पाने की उनकी उम्मीदें बेहतर हुई हैं.
घर में भारत ने जितने टेस्ट खेले हैं, उनमें विपक्षी टीम को नुकसान पहुंचाने का बड़ा काम स्पिनर्स ही करते हैं. न्यूजीलैंड सीरीज से रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा ने 24.69 की औसत से 95 विकेट लिए हैं. बाकी गेंदबाजों को 35.96 की औसत से 54 विकेट मिले हैं. इसीलिए जब बांग्लादेश की पारी शुरू हुई, तो उम्मीद थी कि स्पिनर्स ही उन्हें घेरेंगे.
विराट कोहली ने इसे अलग तरीके से देखा और सीमर के साथ गेंदबाजी शुरू की. इससे उमेश यादव को एक और अच्छा स्पैल करने का मौका मिला. एक दिन पहले उन्हें सौम्य सरकार का विकेट मिला ही था. रफ्तार के मामले में यादव भारतीय गेंदबाजों में सबसे आगे हैं. उन्होंने लगातार बांग्लादेशी बल्लेबाजों को छकाया.
पहले सत्र में खोए तीन विकेट
पहले सत्र में बांग्लादेशी टीम बेहद कमजोर दिखाई दी. रन आउट के साथ दिन का पहला विकेट खोया. मोमिनुल हक के साथ तमीम इकबाल तय नहीं कर पाए कि दूसरे रन के लिए जाएं या नहीं. यादव ने उसके बाद मोमिनुल को एलबीडबल्यू कर दिया. बेहतरीन गेंद थी वो. सत्र का तीसरा विकेट इशांत शर्मा को मिला. इन स्विंगर पर महमूदुल्लाह विकेट के सामने पकड़े गए. बल्लेबाज को लगा कि गेंद की ऊंचाई ज्यादा थी. रिव्यू लिया गया. लेकिन अंपायर का फैसला सही था.
इसके बाद शाकिब अल हसन और मुश्फिकुर रहीम एक साथ आए. इन दोनों ने 107 रन की साझेदारी की. शाकिब के साथ समस्या यह है कि बल्लेबाजी के दौरान उनकी तन्मयता भंग होती है. इसका सबसे अच्छा उदाहरण पिछले दिनों न्यूजीलैंड के खिलाफ सीरीज है.
शाकिब ने बांग्लादेश की पहली पारी में 217 रन बनाए थे. दूसरी पारी में खेलने आए, तो स्कोर तीन विकेट पर 66 था. समझदारी से बल्लेबाजी करने से मुकाबला ड्रॉ हो सकता था. शाकिब ने ऐसे मौके पर बेहद घटिया शॉट से विकेट गंवाया था. खाता भी नहीं खोला था. उसी विकेट से मैच बदल गया था.
हालांकि किसी आक्रामक बल्लेबाज की ज्यादा आलोचना ठीक नहीं है. आक्रामक बल्लेबाज के लिए रन बनाने का यही तरीका होता है. लेकिन शाकिब की गलत समय पर गलत शॉट खेलने की आदत रही है. उन्होंने शनिवार को 82 रन बनाए. फिर अश्विन की गेंद को उठा कर मारने की कोशिश में मिड ऑन पर कैच हो गए. जब मुश्फिकुर के साथ उनकी साझेदारी खतरनाक होती दिख रही थी, वो आउट हो गए.
मुश्फिकुर और मेहदी ने संभाली पारी
संभावना थी कि शाकिब के आउट होने के बाद विकेट जल्दी गिरने लगें. लेकिन मुश्फिकुर ने पारी को संभाला. 2016 गेंद में वो 81 रन पर नॉट आउट हैं. मुश्फिकुर का 19 साल के मेहदी हसन ने बहुत अच्छी तरह साथ दिया. उन्होंने करियर का बेस्ट स्कोर बनाया. 51 रन बनाकर नॉट आउट हैं. दोनों ने बांग्लादेश की पारी 300 के पार पहुंचा दी. 104 ओवर की बल्लेबाजी से बांग्लादेश ने भारत के लिए फॉलोऑन की उम्मीदों को टाला.
ये दोनों इतने लंबे समय बल्लेबाजी कर चुके हैं कि शायद अब भारत दोबारा बल्लेबाजी करना चाहे. मुकाबला उस तरह नहीं चला, जैसा भारत चाहता होगा. लेकिन कोहली ने गेंदबाजों को बदलने और फील्ड प्लेसिंग में अच्छा काम किया. कई बार आपको बेसिक्स ठीक करने होते हैं, जो भारत ने किया. अब उन्हें भरोसा होगा कि अगले दो दिन में मैच अपने नाम कर लेंगे.