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ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बेंगलुरु टेस्ट से पहले कोहली की 'विराट परेशानी'

पिच के साथ रिकॉर्ड्स भी भारत के पक्ष में नहीं

Lakshya Sharma

पुणे में भारतीय टीम की करारी हार के बाद इसका ठीकरा पुणे की पिच को दिया गया. अब पहला टेस्ट तीन दिन में खत्म होने के बाद क्रिकेट फैंस की नजरें बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम की पिच पर टिकी हैं. सभी के मन में सवाल है कि क्या बेंगलुरु की पिच भी पुणे की तरह स्पिनर्स को मदद करेगी या इस बार भारतीय टीम उस तरह का कोई जोखिम नहीं लेना चाहेगी.

भारत और ऑस्‍ट्रेलिया के बीच दूसरा टेस्‍ट 4 मार्च खेला जाएगा. शुरुआत से ही बेंगलुरु की पिच बल्लेबाजों के लिए मददगार होती है. और शायद हो सकता है कि इस बार भी वह ही देखने को मिले.


एनडीटीवी से बातचीत में कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केसीए) के सचिव सुधाकर राव ने बताया 'उन्हें पिच के मामले में किसी तरह का कोई आदेश नहीं मिला है. उनके मुताबिक पिच ऐसी होगी जिस पर बल्ले और गेंद के बीच बराबरी का मुकाबला हो सके'.

राव ने कहा कि उन्होंने पिच पर पानी डालना बंद नहीं किया है. उन्‍होंने कहा कि 'हम पिच की नमी को बरकरार रखने की कोशिश कर रहे हैं. हमने पिच पर पानी देना बंद नहीं किया है और मैच से एक-दो दिन पहले तक पिच पर पानी डाला जाएगा. तब हम देखेंगे कि पिच की क्या स्थिति है फिर कोई फैसला लिया जाएगा.'

लेकिन ये बात तो वह है जो क्यूरेटर कह रहे हैं लेकिन क्या सच में ऐसा होगा ये कहना मुश्किल होगा. क्योंकि पुणे टेस्ट से पहले वहां के पिच क्यूरेटर ने कहा था कि यह पिच तेज गेंदबाजों को ज्यादा मदद करेगी लेकिन अंत में कैसी पिच मिली ये पूरी दुनिया ने देखा था.

ऑस्ट्रेलियाई कोच डैरेन लेहमैन पुणे में जीत के बाद कहा, 'मुझे उम्मीद है बेंगलुरु में अच्छी पिच मिलेगी लेकिन ये आप के हाथ में नहीं है. पुणे जैसी पिच हमें श्रीलंका में भी मिली जहां हम सीरीज 3-0 से हारे. अंत में हमें अपना बेहतरीन प्रदर्शन करना होता है जैसा हमने पुणे में किया.'

ऑस्ट्रेलिया का पलड़ा रहा है भारी

अगर आकड़ों को देखें तो टीम इंडिया का बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम का रिकॉर्ड बहुत अच्छा नहीं है. साल 1998 से 2008 के आकड़ों को देखा जाए तो भारत ने इन 10 सालों में बेंगलुरु पिच पर एक भी मैच नहीं जीता. 1998 से 2008 के बीच खेले गए 7 मैचों में 4 हारे तो 3 बेनतीजा रहे.

बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में भारतीय टीम का कंगारुओं के साथ अब तक पांच बार आमना-सामना हो चुका है. इन पांचों टेस्ट मैचों में भारतीय टीम को सिर्फ एक मैच में ही जीत मिली थी. ऑस्ट्रेलिया की टीम यहां भारत को दो टेस्ट मैचों में हरा चुकी है और दो टेस्ट मैच ड्रॉ रहे थे.