भारतीय टीम की दीवार कहे जाने वाले राहुल द्रविड़ के संन्यास के बाद चेतेश्वर पुजारा को उनका उत्तराधिकारी माना जाता रहा है. पुजारा ने अपने बल्ले से इस तुलना को कई बार सही भी साबित की लेकिन भारत के पिछले इंग्लैंड दौरे में जिस तरह से उन्हें पहले टेस्ट में टीम से ड्रॉप किया गया वह चौंकाने वाला था. पुजारा पर सुस्त बल्लेबाजी के आरोप लगे थे.
वहीं पुजारा इस बार ऑस्ट्रेलिया दौरे पर कप्तान कोहली के लिए संजीवनी बन कर सामने आए हैं. सीरीज में पहले ही दो टेस्ट लग चुके पुजारा की सिडनी में पहली पारी दोहरे शतक तक तो नहीं पहुंच सकी लेकिन इस 193 रन की पारी ने भारत को ऐसे मुकाम पर पहुंचा दिया है जहां से उसकी हार की आशंका बेहद कम है. और अगर यह मुकाबला ड्रॉ रहता है तब भी भारत 2-1 से इस सीरीज पर कब्जा कर सकता है. यानी अगर कप्तान कोहली ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीतने वाले पहले भारतीय कप्तान बनने के मुहाने पर खड़े हैं तो उसमें चेतेश्वर पुजारा का रोल बेहद अहम है.
पुजारा ने मेलबर्न टेस्ट के दूसरे दिन 130 की अपनी पारी को ठीक उसी अंदाज में शुरू किया जहां वह उसे पहले दिन छोड़कर गए थे. पहले हुनुमा विहारी और फिर ऋषभ पंत के साथ मिलकर उन्होंने भारत का स्कोर 400 रन के पार पहुंचाया . हालांकि जब वह खुद अपने दोहरे शतक से महज सात रन दूर थे तब नैथन लायन ने अपनी ही गेंद पर उनका कैच लपक कर इस शानदार पारी का अंत कर दिया.
पुजारा इस पारी में शतक से चूक तो गए लेकिन उन्होंने कई रिकॉर्ड्स अपने नाम कर लिए. पुजारा ने इस सीरीज में अब तक 500 से ज्यादा रन बना लिए हैं. उनसे पहले यह भारत के लिए यह रिकॉर्ड राहुल द्रविड़ और( 2003-04) और विराट कोहली (2014-15) के नाम ही दर्ज था.
यही नहीं अब वह ऑस्ट्रेलियाई धरती पर किसी भी सीरीज में सबसे ज्यादा बॉल खेलने वाले बल्लेबाज बन गए हैं. उनके पहले राहुल द्रविड़ के नाम था. द्रविड़ ने 2003-04 की सीरीज में कुल 1203 गेदों का सामना किया था. पुजारा इस सीरीज में उनस आगे निकल गए हैं.
इस दौरे पर पुजारा की यह शानदार बल्लेबाजी उनके लिए रिकॉर्ड्स से ज्यादा कप्तान कोहली के लिए बेशकीमती है. इससे पहले साउथ अफ्रीका और इंग्लैंड में जाकर सीरीज हार चुके कोहली की कप्तानी पर ऑस्ट्रेलिया में पर्थ टेस्ट की हार के बाद सवाल उठ रहे थे. सुनील गावस्कर जैसे दिग्गज ने तो इस सीरीज के हारने की सूरत में टॉप लेवल पर बदलाव की मांग कर दी थी. लेकिन पुजारा की बल्लेबाजी ने पूरी तस्वीर ही बदल दी.
हाल ही में पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने वीवीवएस लक्ष्मण की साल 2001 में कोलकाता के ईडन गार्डंस में खेली गई 281 रन की महान पारी के बारे में कहा था कि लक्ष्मण ने उनका करियर बचा लिया. हो सकता है कुछ सालों बाद कोहली भी पुजारा के बार में ऐसी ही कोई बयान जारी करें.