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India vs Australia: क्या ऑस्ट्रेलियाई टीम का सबसे बड़ा दांव बन गया भारत की सबसे बड़ी चूक!

भारत ने चोटिल रविचंद्रन अश्विन की जगह तेज गेंदबाज उमेश यादव को जगह दी, उसका ये प्रयोग सफल नहीं रहा

Sachin Shankar

तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के करियर के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन की बदौलत पर्थ स्टेडियम में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच के चौथे दिन ऑस्ट्रेलियाई टीम 243 रन पर ढेर हो गई. शमी ने सोमवार को 56 रन देकर छह विकेट लिए, लेकिन ना केवल उनको बल्कि क्रिकेट के ज्यादातर जानकारों को लग रहा था संतुलित गेंदबाजी आक्रमण नहीं होने के कारण भारत मैच में बैकफुट पर चला गया है.

मोहम्मद शमी ने कहा कि भारत ने पूर्णकालिक स्पिनर टीम में नहीं रखकर गलती की, क्योंकि पिच से धीमी गति के गेंदबाजों को भी मदद मिल रही थी और ऑस्ट्रेलिया के नाथन लायन इस पर काफी सफल रहे. नाथन लायन ने पहली पारी में पांच विकेट झटके और भारत को 283 रन पर रोक दिया था. मेजबान टीम ने सत्र दर सत्र बल्लेबाजों के लिए मुश्किल होते जा रहे विकेट पर 43 रन की बढ़त हासिल की थी, जो बेहद अहम थी. नाथन लायन ने मैच में आठ विकेट लिए और वह मैन ऑफ द मैच बने.


मैच शुरू होने से पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम की पिच पर घास को लेकर काफी चर्चाएं हो रही थीं जिनसे लग रहा था कि यह तेज गेंदबाजों को बेहद रास आएगी. यही वजह थी कि भारत चार तेज गेंदबाजों के साथ उतरा, लेकिन ऑस्ट्रेलिया  ने एडीलेड की टीम में कोई बदलाव ना करते हुए नाथन लायन को एकादश में बरकरार रखा. जिन्होंने इस टेस्ट में बड़ा अंतर पैदा किया. जबकि भारत ने चोटिल रविचंद्रन अश्विन की जगह तेज गेंदबाज उमेश यादव को तरजीह दी. उसका ये प्रयोग सफल नहीं रहा.

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शमी ने सोमवार को स्वीकार किया, ‘टीम प्रबंधन ने ये फैसले किए हैं. हम कुछ भी नहीं कह सकते हैं. हमारे पास एक स्पिनर (हनुमा विहारी) था जिसने खराब गेंदबाजी नहीं की. (लेकिन) अगर आप मुझसे पूछोगे तो मुझे लगता है कि टीम में एक स्पिनर होना चाहिए था, लेकिन ये चीजें टीम प्रबंधन पर निर्भर करती हैं.’ भारत ने जो अतिरिक्त पेसर उसने 139 रन देकर दो विकेट लिए. जबकि ऑस्ट्रेलिया के एकमात्र स्पिनर लायन ने 106 रन देकर आठ विकेट झटके. लायन ने जो अंतर पैदा किया वो साफ है.

भारत को उसकी गलती पहले दिन ही समझ में आ गई थी जब उसके कामचलाऊ स्पिनर हनुमा विहारी सबसे सफल गेंदबाजों में शामिल रहे. विहारी ने पहले दिन 53 रन देकर दो विकेट लिए. दूसरे दिन नाथन लायन (67 रन पर पांच विकेट) ने टेस्ट क्रिकेट में 14वीं बार पारी में पांच या इससे अधिक विकेट चटकाए, जिससे ऑस्ट्रेलिया की टीम पहली पारी के आधार पर 43 रन की बढ़त बनाने में सफल रही. तब यही चर्चा थी कि  अगर रविचंद्रन अश्विन उपलब्ध नहीं थे तो रवींद्र जडेजा तो टीम में थे. उनके नाम पर विचार क्यों नहीं किया गया. साफ है कि टीम प्रबंधन विकेट को पढ़ने में चूक गया. कोई पूर्णकालिक स्पिनर अगर भारतीय टीम में होता तो पर्थ का नतीजा कुछ और हो सकता था.