मेलबर्न भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे तीसरे टेस्ट के दूसरे दिन भारतीय बल्लेबाजों ने अपनी टीम को ऐसे मुकाम पर पहुंचा दिया है जहां उसके सामने अब हार का खतरा बेहद कम दिखाई दे रहा है. पहले दिन की ही तरह भारतीय बल्लेबाजों ने दूसरे दिन के पहले दो सेशंस में काफी धीमी बल्लबाजी तो की लेकिन आखिर में जब सात विकेट पर 443 रन के स्कोर पर कप्तान कोहली ने पारी घोषित की तब भारत लिए इस मैच में जीत की गुंजाइश साफ-साफ दिखी दे रही थी.
पुजारा-कोहली की धीमी बल्लेबाजी
दिन के पहले सेशन में फेंके गए 28 ओवर्स मे भारत ने कोई विकेट तो नहीं गंवाया लेकिन स्कोर बोर्ड पर बस 62 रन ही जुड़ सके. लंच के वक्त तक लग रहा कि भारत की पारी दूसरी सेशन में रफ्तार पकड़ेगी लेकिन ऐसा नहीं हो सका.
टी के बाद के खेल में कप्तान कोहली को पुल शॉट खेलते वक्त पीठ में तकलीफ हुई जिसके बाद फिजियो को मैदान पर आना पड़ा. कोहली की यह तकलीफ कंगारू गेंदबाजों के लिए एक मौका बनकर आई और अब तक शॉर्ट बॉल डालने से परहेज कर रहे उसके तेज गेंदबाजों ने इन्हें आजमाना शुरू किया और कोहली इनके जाल में फंसकर थर्डमेन की दिशा में बाउंड्री पर कैच थमा बैठे.
82 रन पर आउट हुए कोहली शतक से तो चूके ही साथ ही उन्होंने इसके लिए 208 गेंदे भी खेली जो अमूमन उनके जैसे बल्लेबाज के लिए नई बात है. वहीं दूसरे छोर पर 280 गेदों पर शतक जमाने वाले पुजारा भी ज्यादा नहीं टिके और पैट कमिंस की गेंद पर बोल्ड हो गए.
106 रन बनाने वाले पुजारा का यह शतक ऑस्ट्रेलिया की धरती पर किसी भी भारतीय बल्लेबाज का दूसरा सबसे धीमा शतक है.
रोहित ने भी जड़ा अर्द्धशतक
दूसर सेशन ऑस्ट्रेलिया के नाम तो रहा लेकिन तबकत उसके गेंदबाज इतने थक गए थे कि वह तीसरे सेशन में इसे भुनाने मे नाकाम रहे. अजिंक्य रहाणे ने एक बार फिर अच्छी शुरुआत के बाद बड़ी पारी खलने का मौका गंवाया और वह 76 गेंदों पर 34 रन बना कर लायन का शिकार बने. रोहित शर्मा और ऋषभ पंत ने थके हुए कंगारू गेंदबाजों का जमकर फायदा उठाया. पंत ने 76 गेंदों पर 39 रन बनाए जबकि रोहित शर्मा ने अर्द्धशतक जड़ा और वह 114 गेंदों पर 64 रन बनाकर नाबाद रहे.
कप्तान कोहली 443 रन पर जडेजा के रूप में सातवां विकेट गिरने के बाद पारी समाप्ति का ऐलान कर अपने गेंदबाजों को छह ओवर तक कंगारू ओपनर्स को परखने का मौका तो दिया लिया लेकिन यह नाकाफी सबित हुआ. एरॉन फिंच और मार्क्स हैरिस की जोड़ी दिन के खेल के अंत तक स्कोर बोर्ड पर आठ रन जोड़ कर सुरक्षित है.
यह सवाल उठाया जा सकता है कि करीब 170 ओवर खेलने वाली टीम इंडिया अगर थोड़ी और तेजी से रन बनाती तो यह स्कोर बढ़ भी सकता था और दूसरे ही दिन भारतीय गेंदबाजों को थोड़ा और वक्त मिल सकता था.
बहरहाल बाजी अब भी भारत के हाथ में ही है. अगर तीसरे दिन कंगारू टीम को जल्दी आउट करने में कामयाबी मिल जाती है तो हो सकता है भारत को इस मैच में दूसरी पारी खेलने की जरूरत ही ना पड़े.