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India vs Australia 3rd T20: करो या मरो के हालात में है टीम इंडिया

सीरीज में 0-1 से पीछे है टीम इंडिया, अगर सिडनी टी20 में जीत नहीं मिली तो सीरीज हार जाएगी कोहली एंड कंपनी

Sumit Kumar Dubey

भारत के पूरे ऑस्ट्रेलिया दौरे पर तीनों फॉर्मेट्स में टी20 ही ऐसा फॉर्मेट था जिसमें टीम इंडिया की जीत की उम्मीद सबसे ज्यादा थी भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया रवानगी से पहले जीत के घोड़े पर सवार तो थी ही साथ इस धरती उसका पुराना रिकॉर्ड भी उसके हक में ही गवाही दे रहा था. लेकिन ब्रिसबेन में मिली हार ने और उसके बाद मेलबर्न में रद्द हुए मुकाबले ने हालात इस कदर बना दिए हैं कि टीम इंडिया के लिए अब करो या मरो की की सिचुएशन पैदा हो गई है

अब अगर भारत को इस सीरीज में हार से बचना है तो उसे हर हाल मे यह मुकाबला जीतना ही होगा साथ ही इंद्र देवता से भी प्रार्थना करनी होगी क्योंकि अगर यह मुकाबला भी पिछले मुकाबले की तरह रद्द होता है तो भारत यह सीरीज 1-0 से  हार जाएगा.


कोहली को नंबर 3 पर ही उतरना होगा

लगातार सात टी20 सीरीज जीतने के बाद टीम इंडिया के सामने अब हार का खतरा मंडरा रहा है और इस खतरे से निपटने के लिए उसे अपने गेंदबाजी डिपार्टमेंट के साथ साथ बल्लेबाजों से भी ठीक वैसे ही प्रदर्शन की दरकार होगी जिसके लिए वे जाने जाते हैं.

ब्रिसबेन में कप्तान कोहली ने अपनी जगह यानी नंबर तीन के केएल राहुल को बल्लेबाजी करने भेजा था और वहीं से भारतीय बैटिंग की रणनीति गड़बड़ हो गई थी. उम्मीद है इस करो या मरो वाले मुकाबले मे कोहली अपनी पसंदीदा जगह पर ही बल्लेबाजी करने उतरेगें.

भारतीय टीम की बल्लेबाजी में ऋषभ पंत की मौजदगी उसे  युवा और नया रंग तो देता है लेकिन पंत को यह ध्यान रखना होगा कि उन्हें एमएस दोनी की जगह टीम इंडिया में शामिल किया गया है और उनसे बल्लेबाजी के साथ-साथ दस्तानों से भी वैसे ही प्रदर्शन की उम्मीद है जैसे धोनी किया करते थे. दूसरे मुकाबले में एंड्रयू टाय का आसान सा कैच छोड़कर पंत ने अपने समर्थकों को निराश ही किया है.

क्या उम्मीदों पर खरे उतरेंगे खलील !

वहीं दूसरी ओर मोहम्मद खलील को भी अगर प्लेइंग इलेवन में जगह मिलती है तो फिर उन्हें थोड़ी किफायती गेंदबाजी करने की कोशिश करनी होगी. पिछले मुकबले मे खलील ले ने अपने 4 ओवर के स्पेल में 39 रन लुटा दिए थे. भुवनेश्वर के साथ नई गेंद से आक्रकमण की शुरुआत करने नें वह कप्तान कोहली की पहली पसंद हैं. प्लेइंग इलेवन में खलील की मौजूदगी, कप्तान कोहली को बतौर पहला बदलाव जसप्रीत बुमरात को आजमाने का मौका देती है जो विरोध टीम के बल्लेबाजों पर अंकुश लगामे के लिए काफी कारगर रणनीति है.

क्रुणाल पांड्या ने पिछले मुकाबले में ग्लेन मैक्सवेल के विकेट निकाल कर अपनी सार्थकता को साबित किया था और सिडनी के धीमे विकेट पर उनकी मौजूदगी टीम इंडिया के काम आ सकती है.

यूं तो टी20 क्रिकेट टेस्ट क्रिकेट से पूर तरह से अलग फॉर्मेट है लेकिन इसमें अगर टीम इंडिया अपनी लाज बचाने में कामयाब रह रहती है तो चार टेस्ट मैचों की सीरज में कप्तान कोहली सिर ऊंचा करके मैदान में जरूर उतरेंगे.