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India vs Australia : क्या पर्थ के 'इंद्रप्रस्थ' में धोखा खा गए हैं कोहली!

कंगारूओं ने एक दिन पहले ही नैथन लायन को टीम में शामिल कर लिया लेकिन टीम इंडिया चार तेज गेंदबाजों के साथ खेल रही है

Sumit Kumar Dubey

दुनिया के सबसे बड़े महाकाव्य यानी महाभारत में पांडवों के एक महल इंद्रप्रस्थ का किस्सा भारत में सबको याद है. यह एक ऐसा महल था बाहर से आने वाला व्यक्ति हमेशा भ्रम में पड़ा जाता था. इस भ्रम की वजह यह थी कि जहां पानी दिखाई देता था वहां जमीन होती थी और जहां जमीन दिखाई देती थी वहां असल में पानी होता था. ऐसे ही भ्रम कौरव राजकुमार दुर्योधन फंसा और यह महाभारत की लड़ाई का बड़ा कारण भी बना.

बहरहाल महाभारत की यह पौराणिक कहानी हमें इसलिए याद दिलानी पड़ी है क्योंकि ऑस्ट्रेलिया में टीम इंडिया ऐसे ही मायाजाल में फंस गई है. ऑस्ट्रेलिया में मेहमान बन कर पहुंची कोहली एंड कंपनी के लिए कंगारुओं जो इंद्रप्रस्थ तैयार किया वो है वाका का नया स्टेडियम जहां सीरीज का दूसरा टेस्ट खेला जा रहा है.


pic Courtsey : Twitter/ cricket australia

दरअसल इतिहास गवाह रहा है कि वाका की विकेट हमेशा से तेज गेंदबाजों का पैराडाइज और बल्लेबाजों की कब्रगाह रही है. इस बार मुकाबला नए स्टेडियम में है. मैच शुरू होने से पहले इस नए विकेट के भी पहले जैसे तेज होने के दावे किए गए और विकेट पर घास भी छोड़ी गई और इसी मायाजाल में कोहली फंस गए.

भारतीय टीम ने शुक्रवार को इस मैच में चार तेज गेंदबाजो के साथ खेलने का फैसला किया. जबकि एक दिन पहले ही यानी गुरुवार को  ऑस्ट्रेलिया के कप्तान टिम पेन ने ऐलान किया कि उनकी टीम तीन तेज गेंदबाजों और फिरकी गेंदबाज नैथन लायन के साथ मुकाबले में उतरेगी. हांलांकि आर अश्विन के चोटिल होने के बाद भारत के पास विकल्प कम ही बचे थे लेकिन टीम मैनेजमेंट को ऑस्ट्रेलिया के फैसले के संकेत को समझने की जरूरत थी.

क्यों कारगर रहे हनुमा विहारी!

मैच के पहले ही दिन टॉस जीतने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए कंगारू टीम ने पहले विकेट के लिए शतकीय साझेदारी कर दी. मार्क हैरिस और एरॉन फिंच की सलामी जोड़ी ने इस मैच के पहले सेशन में भारतीय तेज गेंदबाजों को आसानी से खेल लिया. कड़ी धूप में अपने तेज गेंदबाजों को कुछ आराम देने के मकसद के कप्तान कोहली ने पार्ट टाइम ऑफ स्पिनर हनुमा विहारी गेंद थमाई जिन्होंने आते ही जमे-जमाए बल्लेबाज मार्क्स हैरिस का विकेट लेकर सबको चौंका दिया.

दरअसल हनुमा को यह कामयाबी पर्थ की इस नई विकेट पर मौजूद क्रैक्स के चलते मिली एक्स्ट्रा बाउंस से मिली.  हनुमा ने ऐसी ही एक और गेंद पर पर शॉन मार्श को भी रहाणे हाथों लपकवा कर चलता कर दिया. यानी इस विकेट पर फिरकी गेंदबाज के लिए भी पूरी मदद मौजूद है.

मैच के पहले दिन मेजबान टीम ने छह विकेट पर 277 रन बना लिए हैं और अगर उसका स्कोर 350 रन के आसपास पहुंच जाता है तो भारत के लिए मुश्किल खड़ी हो सकती है क्योंकि चार तेज गेंदबाजों के चलते भारत का बैटिंग डिपार्टमेंट पहले ही कमजोर हो चुका है. अब सवाल है कि क्या भारत ने इस विकेट को पढ़ने में गलती कर दी. क्योंकि  पहले ही दिन विकेट पर आए इन क्रैक्स ने सबको चौंका दिया है. और चूंकि इस विकेट पर चौथी पारी भारत को खेलनी है लिहाजा  नैथन लायन अपनी टीम के लिए बेहद कारगर साबित हो सकते हैं. इस मैदान पर अब तक बस एक फर्स्ट क्लास मुकाबला ही खेला गया है. उस मुकाबले में लायन ने कुल सात विकेट्स झटके थे.

यानी अगर भारत ने कंगारू टीम की प्लेइंग इलेवन में लायन की मौजूदगी के संकेत को समझते हुए चौथे तेज गेंदबाज की जगह लेफ्ट आर्म स्पिनर रवींद्र जडेजा को भारतीय टीम में जगह दी होती तो इस विकेट के मायाजाल की एक काट भारतीय प्लेइंग इलेवन में मौजूद रहती. भारतीय पुछल्ले बल्लेबाजी को भी मदद मिलती और बाएं हाथ के कंगारू बल्लेबाजों पर अंकुश भी लगता. बहरहाल बह देखना होगा कि क्या टीम इंडिया इस पिच के मायाजाल से बाहर निकलने का कोई करिश्मा दिखा पाती है या कंगारुओं को सीरीज में 1-1 की बराबरी पर आने का मौका मिलता है.