पर्थ के नए नवेले स्टेडियम के विकेट ने मैच में जान डाल दी है. दूसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन के खेल के बाद यह साफ तौर पर कहा जा सकता है. कप्तान विराट कोहली के 25वें टेस्ट शतक से भारत पहली पारी में 283 रन बनाने में सफल रहा. लेकिन नाथन लायन और उस्मान ख्वाजा ने अपने खेल से मैच का रुख बदलने का काम किया. नाथन लायन (67 रन पर पांच विकेट) ने टेस्ट क्रिकेट में 14वीं बार पारी में पांच या इससे अधिक विकेट चटकाए जिससे ऑस्ट्रेलिया की टीम पहली पारी के आधार पर 43 रन की बढ़त बनाने में सफल रही. उसके बाद ख्वाजा की नाबाद 41 रन की पारी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने मुश्किल विकेट पर दूसरी पारी में चार विकेट खोकर 132 रन बना लिए हैं. उसके पास कुल 175 रन की बढ़त हो गई है.
दिन का खेल खत्म होने पर कप्तान टिम पेन आठ रन बनाकर ख्वाजा का साथ निभा रहे थे. ख्वाजा ने 102 गेंद की अपनी पारी में अब तक पांच चौके मारे हैं. इससे पहले सलामी बल्लेबाज एरोन फिंच 25 रन बनाने के बाद अंगुली में चोट लगने के कारण रिटायर्ड हर्ट हुए. भारत की ओर से दूसरी पारी में मोहम्मद शमी (23 रन पर दो विकेट) अब तक सबसे सफल गेंदबाज रहे हैं जबकि जसप्रीत बुमराह और इशांत शर्मा ने एक-एक विकेट चटकाया. पहले दो दिन 13 विकेट गिरे थे जबकि तीसरे दिन पर्थ 11 विकेट गिरने का गवाह बना.
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भारतीय तेज गेंदबाजों ने काफी परेशान किया
दूसरी पारी में फिंच और मार्कस हैरिस (20) की मेजबान टीम की सलामी जोड़ी को भारतीय तेज गेंदबाजों ने काफी परेशान किया. हैरिस को पांचवें ओवर में जीवनदान मिला जब इशांत की गेंद पर पहली स्लिप में चेतेश्वर पुजारा ने उनका कैच टपका दिया. फिंच 25 रन बनाने के बाद चाय से ठीक पहले शमी की गेंद पर अंगुली में चोट लगा बैठे और काफी दर्द के बीच वापस लौटे जिससे चाय का ब्रेक कुछ समय पहले लेना पड़ा. वह इसके बाद रिटायर्ड हर्ट हो गए और दोबारा बल्लेबाजी करने नहीं उतरे.
हैरिस और शॉन मार्श ने गंवाए विकेट
चाय के बाद हैरिस का साथ देने ख्वाजा उतरे. उमेश यादव प्रभाव नहीं छोड़ पाए. हैरिस ने उन पर चौका जड़ा, जबकि ख्वाजा ने भी लगातार दो चौकों के साथ टीम का स्कोर 50 रन के पार पहुंचाया. ख्वाजा ने शमी पर दो रन के साथ टीम की बढ़त को 100 रन के पार पहुंचाया. हैरिस हालांकि इसके बाद बुमराह की गेंद पर चूक कर बैठे. इस सलामी बल्लेबाज ने बुमराह की अंदर आती गेंद को छोड़ दिया जिसने उनके ऑफ स्टंप की बेल्स को उड़ा दिया. शॉन मार्श को शुरुआत से ही परेशानी का सामना करना पड़ा और वह पांच रन बनाने के बाद शमी की गेंद पर विकेटकीपर ऋषभ पंत को कैच दे बैठे.
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हैंड्सकॉम्ब को इशांत ने चलता किया
इशांत ने अपने नए स्पैल की पहली ही गेंद पर पीटर हैंड्सकॉम्ब (13) को एलबीडब्ल्यू करके ऑस्ट्रेलिया का स्कोर तीन विकेट पर 85 रन किया. ट्रेविस हेड और ख्वाजा ने इसके बाद पारी को संभाला। दोनों ने 30वें ओवर में टीम का स्कोर 100 रन के पार पहुंचाया और इस दौरान भाग्य ने भी उनका साथ दिया. हेड हालांकि 19 रन बनाने के बाद शमी की उछाल लेती गेंद पर तेज प्रहार करने की कोशिश में थर्ड मैन पर इशांत को कैच दे बैठे. ख्वाजा भी 37 रन के स्कोर पर भाग्यशाली रहे जब हनुमा विहारी की गेंद पर पहली स्लिप में अजिंक्य रहाणे उनका कैच लपकने में नाकाम रहे.
तेंदुलकर के बाद पर्थ में कोहली का शतक
इससे पहले भारतीय कप्तान ने 257 गेंद में 13 चौकों और एक छक्के की मदद से 123 रन की पारी खेली जो 1992 में सचिन तेंदुलकर (वाका मैदान पर 114 रन) के बाद पर्थ में किसी भारतीय बल्लेबाज का पहला शतक है. टीम इंडिया ने दिन की शुरुआत तीन विकेट पर 172 रन से की. भारत की शुरुआत बेहद खराब रही और उसने दिन की चौथी गेंद पर ही अजिंक्य रहाणे (51) का विकेट गंवा दिया जिन्होंने लायन की गेंद पर विकेटकीपर टिम पेन को कैच थमाया. भारत ने तब तक सिर्फ एक रन जोड़ा था और इसके साथ ही कोहली के साथ रहाणे की 91 रन की साझेदारी का अंत हुआ.
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ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर छठा टेस्ट शतक
हनुमा विहारी (20) ने इसके बाद कोहली के साथ पांचवें विकेट के लिए 50 रन जोड़े. विहारी ने काफी रन नहीं बनाए लेकिन एक छोर पर दबाव झेलने में सफल रहे जबकि दूसरे छोर पर कोहली ने शॉट खेलना जारी रखा. भारत ने रहाणे का विकेट जल्दी गंवाने के बावजूद पहले घंटे में 42 रन जोड़े. कोहली ने 80वें ओवर में भारत का स्कोर 200 रन के पार पहुंचाया. उन्होंने 214 गेंद में अपने करियर का 25वां और ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर छठा टेस्ट शतक पूरा किया. वह टेस्ट इतिहास में 25 टेस्ट शतक (127 पारी) सबसे कम पारियों में जड़ने वालों की सूची में सर डोनाल्ड ब्रैडमैन के बाद दूसरे नंबर पर हैं. ब्रैडमैन ने सिर्फ 68 पारियों में यह उपलब्धि हासिल की थी. कोहली का भारतीय कप्तान के रूप में सभी प्रारूपों में यह 34वां शतक है और वह सिर्फ रिकी पोंटिंग से पीछे हैं जिन्होंने ऑस्ट्रेलियाई कप्तान के रूप में 41 शतक जड़े हैं.
दूसरी नई गेंद से सिमटी टीम इंडिया
ऑस्ट्रेलिया ने हालांकि दूसरी नई गेंद का अच्छा इस्तेमाल किया. जोश हेजलवुड (66 रन पर दो विकेट) ने 86वें ओवर में विहारी को विकेट के पीछे कैच कराके कोहली के साथ उनकी साझेदारी का अंत किया. पंत इसके बाद कप्तान का साथ देने उतरे और दोनों ने टीम का सकोर 250 रन के पार पहुंचाया. कोहली हालांकि लंच से पहले पैट कमिंस (54 रन पर एक विकेट) की गेंद पर दूसरी स्लिप में पीटर हैंड्सकॉम्ब को कैच दे बैठे. गेंद जमीन के काफी करीब थी. मैदानी अंपायर ने कोहली को आउट दिया था और टीवी रीप्ले में अंपायर के फैसले को पलटने के लिए स्पष्ट साक्ष्य नहीं मिला. भारत ने अगले ओवर में मोहम्मद शमी का भी विकेट गंवाया जो लायन की पहली ही गेंद पर विकेटकीपर पेन को कैच दे बैठे. नाथन लायन ने टेस्ट क्रिकेट में 14वीं बार पारी में पांच या इससे अधिक विकेट चटकाए जिससे भारत ने अंतिम पांच विकेट सिर्फ 32 रन पर गंवा दिए. ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी में 326 रन बनाए थे.