view all

India vs Australia, 2nd Test at Perth : भारतीय गेंदबाजों ने कराई वापसी, लेकिन ऑस्ट्रेलिया का पलड़ा थोड़ा भारी

उतार चढा़व वाले दिन पर भारत पर हल्का भारी रहा ऑस्ट्रेलिया, पहले दिन छह विकेट पर 277 रन बनाए

FP Staff

पर्थ का विकेट पिछले पांच दशकों से तेज गेंदबाजों के लिए मददगार रहा है. टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजों की असली परीक्षा इसी पिच पर होती रही है. ऐसे में ऑस्ट्रेलिया और भारत की टीमें अपने तेज गेंदबाजों पर निर्भर रहते हुए दूसरे टेस्ट मैच के लिए पर्थ में नए स्टेडियम में उतरी. हालांकि, इस बार नए नवेले ऑप्टस स्टेडियम के बहुचर्चित नए विकेट ने दोनों टीमों का स्वागत किया. हालांकि भारत के तेज गेंदबाज अपने प्रदर्शन से निश्चित तौर पर संतुष्ट नहीं होंगे, क्योंकि दिन भर में वे केवल चार विकेट ही ले पाए. सलामी जोड़ी से मिली बेहतरीन शुरुआत से ऑस्ट्रेलिया ने पहले दिन शुक्रवार को भारत के सामने अपना पलड़ा थोड़ा भारी रखा. पहले दिन का खेल उतार चढ़ाव वाला रहा, लेकिन ऑस्ट्रेलिया छह विकेट पर 277 रन का स्कोर बनाकर खुद को बेहतर स्थिति में महसूस कर रहा होगा.

पहले विकेट पर 112 रन की साझेदारी


खेल का पलड़ा दिन भर में इधर उधर झुकता रहा. पहले तीन घंटे ऑस्ट्रेलिया के नाम रहे जिसमें मार्कस हैरिस (70) और एरोन फिंच (50) ने पहले विकेट के लिए 112 रन जोड़े. इसके बाद भारत ने 36 रन के अंदर चार विकेट निकाले जिनमें इन दोनों के अलावा उस्मान ख्वाजा (05) और पीटर हैंड्सकांब (07) के विकेट भी शामिल थे. ट्रेविस हेड (58) और शॉन मार्श (45) ने फिर 23 ओवर तक विकेट नहीं गिरने दिया और इस बीच 84 रन जोड़े. ये दोनों 19 रन के अंदर पवेलियन लौट गए, लेकिन इसके बाद कप्तान टिम पेन (नाबाद 16) और पैट कमिंस (नाबाद 11) ने दिन के आखिरी आठ ओवर में कोई विकेट नहीं गिरने दिया.

ये भी पढ़ें- India vs Australia, Perth Test: आखिर क्यों है कंगारुओ को अपने फिरकी गेंदबाज पर इतना भरोसा!

हनुमा विहारी सफल गेंदबाजों में शामिल 

पर्थ के ऑप्टस स्टेडियम की पिच पर घास को लेकर पिछले कुछ दिनों से काफी चर्चाएं हो रही थी जिनसे लग रहा था कि यह तेज गेंदबाजों को बेहद रास आएगी. यही वजह थी कि भारत चार तेज गेंदबाजों के साथ उतरा लेकिन कामचलाऊ स्पिनर हनुमा विहारी पहले दिन उसके सबसे सफल गेंदबाजों में शामिल रहे. विहारी ने 53 रन देकर दो विकेट लिए. इशांत शर्मा (35 रन देकर दो) ने भी दो विकेट हासिल किए, जबकि जसप्रीत बुमराह और उमेश यादव को एक-एक विकेट मिला. मोहम्मद शमी पहले सत्र में अच्छी गेंदबाजी करने के बावजूद विकेट लेने में नाकाम रहे.

तीन घंटे तक भारतीय सफलता से महरूम

ऑस्ट्रेलिया जब टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी के लिए उतरा तो भारतीय गेंदबाज पहले सत्र में परिस्थितयों का फायदा नहीं उठा पाए. इसकी एक वजह यह भी रही कि इशांत ने नोबॉल नहीं करने पर ध्यान दिया जिससे उनका अपनी गेंदों पर नियंत्रण नहीं रहा. बुमराह को शॉर्ट पिच गेंदें करने का फायदा नहीं मिला. शमी ने दूसरे घंटे में जरूर प्रभाव छोड़ा, लेकिन फिंच और हैरिस ने लगभग तीन घंटे तक भारतीयों को पहली सफलता से महरूम रखा. 

ये भी पढ़ें- India vs Australia : क्या पर्थ के 'इंद्रप्रस्थ' में धोखा खा गए हैं कोहली!

जल्दी-जल्दी चार विकेट निकालकर वापसी की भारत ने

लंच के बाद पहले घंटे में भी गेंदबाजों की नहीं चली. इस बीच शमी ने भी रन लुटाए, लेकिन दूसरे घंटे के बाद एकदम से कहानी बदल गई. भारत ने जल्दी जल्दी चार विकेट निकालकर वापसी की. बुमराह और उमेश ने लंच के बाद दूसरे घंटे में कसी हुई गेंदबाजी की, जबकि विहारी भी खुद पर दिखाए गए विश्वास पर खरे उतरे. हैरिस ने लंच के बाद 90 गेंदों पर अपने टेस्ट करियर का पहला अर्धशतक पूरा किया. पहले सत्र में डीआरएस रिव्यू से बचने वाले फिंच ने भी 103 गेंदों पर अपना दूसरा टेस्ट अर्धशतक पूरा किया, लेकिन इसके बाद बुमराह ने उन्हें फुललेंथ गेंद पर एलबीडब्ल्यू आउट करके भारत को पहली सफलता दिलाई.

विहारी ने हैरिस ने अजिंक्य रहाणे को लपकवाया

इसके तुरंत बाद केएल राहुल ने शमी की गेंद पर हैरिस का कैच छोड़ा. हैरिस उस समय 60 रन पर खेल रहे थे. राहुल दूसरी स्लिप में सही समय पर कैच लेने के लिए नहीं उछले और गेंद उनके हाथ से लगकर सीमा रेखा पार चली गई. भारत को उनकी यह गलती महंगी नहीं पड़ी. विहारी की आश्चर्यजनक रूप से अतिरिक्त उछाल लेती गेंद पर हैरिस ने स्लिप में अजिंक्य रहाणे को कैच थमा दिया. इस बीच उमेश ने लगातार बनाए गए दबाव का लाभ उठाया और उस्मान ख्वाजा की संघर्षपूर्ण पारी का अंत किया. हैरिस ने 141 गेंदें खेलकर दस चौके और फिंच ने 105 गेंदों की पारी में छह चौके लगाए.

ये भी पढ़ें-  Ind vs Aus: क्या ऐसी लापरवाही के साथ धोनी की जगह कभी ले पाएंगे पंत

कोहली ने एक हाथ से लपका हैंड्सकॉम्ब को

इशांत ने टी के बाद अपनी पहली गेंद पर ही पीटर हैंड्सकॉम्ब (07) को पवेलियन भेज दिया, लेकिन इसके लिए कप्तान विराट कोहली की दाद देनी होगी जिन्होंने एक हाथ से कैच लेकर टीम को महत्वपूर्ण सफलता दिलाई. मार्श और हेड ने इसके बाद बिना किसी हड़बड़ाहट के रन बटोरे और 69वें ओवर में टीम का स्कोर 200 रन के पार पहुंचाया. भारत को इनकी साझेदारी तोड़ने का पहला मौका 67वें ओवर में मिला था, लेकिन तब विहारी की गेंद पर पंत मार्श का आसान कैच नहीं ले पाए. बाएं हाथ का यह बल्लेबाज तब 24 रन पर था.

हेड अर्धशतक पूरा करने के बाद ज्यादा देर नहीं टिके

मार्श इसके बाद अपने स्कोर में 21 रन ही जोड़ पाए और उनका विकेट विहारी को ही मिला. मार्श ने उनकी उछाल लेती गेंद कट करनी चाही, लेकिन वह बल्ले के ऊपरी हिस्से से लगकर पहली स्लिप में रहाणे के सुरक्षित हाथों में पहुंच गई, जिन्होंने एक और बेहतरीन कैच अपने नाम लिखवाया. हेड भी अपना तीसरा अर्धशतक पूरा करने के बाद ज्यादा देर नहीं टिक पाए. भारत ने 81 ओवर के बाद नई गेंद ली और इशांत ने इसका फायदा उठाकर हेड को ढीला शॉट खेलने और डीप थर्ड मैन पर आसान कैच देने के लिए मजबूर किया. हेड ने अपनी 80 गेंद की पारी में छह चौके लगाए.