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India vs Australia 2nd Test: पर्थ का अर्थ समझने में चूकी टीम इंडिया को अब चमत्कार ही जिता सकता है

दूसरे टेस्ट के आखिरी दिन जीत से 175 रन पीछे है भारत, ऑस्ट्रेलिया को है बस पांच विकेट की दरकार

Sumit Kumar Dubey

भारत- ऑस्ट्रेलिया सीरीज के दूसरे टेस्ट से पहले टीम इंडिया के कप्तान कोहली, पर्थ के नए ग्राउंड की हरी विकेट को देखकर बड़े खुश थे. उन्होंने बयान दिया वह नहीं चाहते कि इस विकेट पर से घास को हटाया जाए. आर अश्विन चोटिल थे और अपने बयान पर कायम रहते हुए कोहली ने प्लेइंग इलेवन में फिरकी गेंदबाज जडेजा की बजाय चौथे तेज गेंदबाज यानी उमेश यादव को प्लेइंग इलेवन में जगह और यही वह पर्थ की इस विकेट के अर्थ को समझने में चूक गए.

पहले सेशन में ही हाथ से फिसली बाजी!


सीरीज में 1-0 से आगे टीम इंडिया को दूसरे टेस्ट चौथे जिस वक्त विकेट की सख्त दरकार थी तब  उसका एक भी तेज गेंदबाज उसके काम ना आ सका. चौथे दिन के पहले सेशन में 175 रन की बढ़त के साथ उतरी ऑस्ट्रेलिया की टीम को कम से कम के स्कोर पर समेटने का मौका भारत के पास लंच से पहले यानी पहले सेशन में ही था लेकिन उस्मान ख्वाजा और कप्तान टिम पेन ने 58 रन बनाकर भारत से उस मौके को छीन लिया.

पहले सेशन में कोई भी भारतीय गेंदबाज पांचवें विकेट की पार्टनरशिप को तोड़ नहीं सका. यहां तक कि कोहली ने पार्ट टाइम गेंदबाज हमुना विहारी से भी कई ओवर फिंकवाए लेकिन वह कामयाब नहीं हो सके. यही वो वक्त था जब टीम इंडिया को एक फिरकी गेंदबाज की जरूरत शिद्दत के साथ महसूस हुई और बाजी हाथ से फिसलने लगी.

Courtsey : ICC/Twitter

लंच के बाद विकेट पर हैवी रोलर चला और पहले ही ओवर में शमी ने लगातार दो गेंदों पर टिम पेन और एरॉन फिंच को पैवेलियन वापस भेजकर भारत के लिए उम्मीद की किरण जगा दी. थोड़ी देर बाद उस्मान ख्वाजा भी शमी का पांचवां शिकार बन गए लेकिन मेजबान टीम के 10वें विकेट के तौर पर मिचेल स्टार्क और हेजलवुड ने 36 रन जोड़कर भारत के सामने जीत के लिए 287 रन का ऐसा टारगेट रख दिया जिसे पाना असंभव तो नहीं के बेहद मुश्किल है.

Courtsey : ICC/Twitter

लंच और टी के बीच में पिच के कहर का शिकार भारत की टीम भी बनी और खराब फॉर्म में चल रहे केएल राहुल पहले ही ओवर में स्टार्क की गेंद पर बिना खाता खोले पैवेलियन वापस लौट गए. एडिलेड की जीत के हीरो चेतेश्वर पुजारा चार रन बनाकर हेजलवुड की एक ऐसी गेंद पर विकेट के पीछे लपके गए जो वाकई कमाल की थी.

टी से पहले ही क्रीज पर आए कप्तान कोहली ने टी ब्रेक के दौरान भी नेट्स पर लगातार बल्लेबाजी की लेकिन फिरकी गेंदबाज नैथन लायन के पंजे में फंसने से वह खुद को बचा नहीं सके. 50 रन से पहले ही कप्तान कोहली समेत तीन बल्लेबाजों का आउट होना भारत की जीत के 50 फीसदी चांसेज को खत्म कर ही चुका था. कोहली ने 17 रन बनाकर स्लिप में ख्वाजा को अपना कैच थमाया. यह सातवीं बार है जब लायन ने कोहली का शिकार किया है और अब इंग्लैंड के जेम्स एंडरसन के बाद (आठ बार) इस मामले में वह दूसरे नंबर के गेंदबाज बन गए हैं.

Courtsey : ICC/Twitter

लायन की फिरकी का जादू बस कोहली के विकेट तक ही सीमित नहीं रहा. 67 गेंदों पर 20 रन बनाकर निगाहें जमा चुके मुरली विजय भी उनकी एक बेहद खूबसूरत गेंद पर बोल्ड होकर वापस लौट गए. चार विकेट गिरने के बाद अजिंक्य रहाणे ने हनुमा विहारी के साथ 43 रन जोड़कर उम्मीद बंधी ही थी कि वह हेजलवुड की गेंद पर पॉइंट में ट्रैविस हेड को कैच थमा बैठे. 47 गेंद पर 30 रन बनाकर रहाणे के आउट होने साथ ही भारत की उम्मीदें भी आउट हो चुकी हैं.

हालांकि हनुमा विहारी 24 और ऋषभ पंत 9 रन बनाकर क्रीज पर टिके तो हुए हैं लेकिन अब पांचवें दिन इनका संघर्ष कितने वक्त तक चलेगा यह देखने वाली बात होगी. चौथे दिन भारतीय टीम का स्कोर पांच विकेट पर 112 रन रहा. यानी अब भारत को जीत के लिए 175 रन की दरकार है और ऑस्ट्रेलिया को पांच विकेट की.

एडिलड टेस्ट जीतने के बाद भारत के पास इस लीड को पर्थ में 2-0 करने सुनहरा मौका था लेकिन शायद प्लेइंग इलेवन के सेलक्शन में हुई एक गलती ने भारत के हाथों से यह मौका छीन लिया है. अब कोई चमत्कार ही भारत को पर्थ में जीत दिला सकता है.