स्टीव ओ’कीफ. यह नाम भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के लिए कितना जाना-पहचाना है? पहली बार भारतीय सरजमीं पर वो खेल रहे थे. इससे पहले सिर्फ चार टेस्ट उनके नाम थे. शायद इसीलिए जब पुणे की पिच बनवाई जा रही होगी, तो उनके असर का अंदाजा नहीं होगा. जिस टर्निंग पिच से उम्मीद थी कि भारतीय स्पिनर्स यहां सबसे ज्यादा फायदा उठाएंगे, वहां ओ’कीफ ने ‘सिक्सर’ लगाया. 35 रन देकर उन्होंने छह विकेट लिए और भारत को ऐसी मुश्किल में डाल दिया, जहां से उसके लिए वापसी आसान नहीं.
ओ’कीफ की गेंदबाजी और भारत के मध्य और निचले क्रम की बल्लेबाजी. दोनों ने मिलकर ऑस्ट्रेलिया की मैच पर पकड़ मजबूत कर दी. पहले टेस्ट के दूसरे दिन सिर्फ 7.3 ओवर्स में भारत के सात विकेट गिरे. एक समय स्कोर 94 पर तीन था. यहां से टीम इंडिया 105 पर आउट हो गई. महज 11 रन के भीतर भारत की पूरी पारी सिमट गई. नतीजा यह हुआ कि ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी के 260 रन से भारतीय टीम 155 रन पीछे रह गई. दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया ने चार विकेट पर 143 रन बना लिए हैं. भारतीय टीम अब 298 रन पीछे है.
दो रोज पहले चर्चा इस पर थी कि ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत में चार टेस्ट की सीरीज 0-4 से हारेगी या 0-3 से. अब चर्चा इस पर आ गई है कि पुणे टेस्ट में तीसरे दिन भारत हार जाएगा या विराट कोहली की टीम चमत्कार करते हुए 300 से ज्यादा रन बनाकर जीत दर्ज करेगी. वह भी ऐसी विकेट पर, जो हर सत्र में पहले से मुश्किल होती दिखाई दे रही है.
भारत का रिकॉर्ड खतरे में
भारतीय टीम चार साल से अपनी धरती पर कोई टेस्ट नहीं हारी है. पिछली बार हारी थी, तो साल 2012 था और टीम थी इंग्लैंड. उसके बाद से भारत ने एक के बाद एक कामयाबियां हासिल की हैं. वेस्टइंडीज, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और बांग्लादेश को उन्होंने अपनी धरती पर हराया है. सवाल यही है कि क्या अब उस दबदबे का अंत हो जाएगा? विराट कोहली भी इस टेस्ट सीरीज में अजेय कप्तान के तौर पर रिकी पॉन्टिंग को पीछे छोड़ने के इरादे से उतरे होंगे. उनके इरादे भी मुश्किल में हैं.
ऑस्ट्रेलियाई पारी दूसरे दिन सुबह जब 260 पर खत्म हुई, तो निगाहें इस पर थीं कि भारतीय टीम बढ़त बना पाती है या नहीं. लंच तक भारत ने तीन विकेट खो दिए थे. स्कोर 70 था. भले ही चेतेश्वर पुजारा और विराट कोहली को मिचेल स्टार्क ने एक ही ओवर में आउट कर दिया. उसके बाद भी ऐसा खतरा नहीं दिख रहा था कि टीम सौ रन बनाने में भी संघर्ष करेगी.
सात ओवर में बदल गया खेल
स्कोर तीन विकेट पर 94 था, जब ओ’कीफ का छोर बदला गया. इसी के साथ ऑस्ट्रेलिया की किस्मत भी बदल गई. एक ही ओवर में उन्होंने तीन विकेट लिए. पहले केएल राहुल बहुत कमजोर शॉट खेलकर आउट हुए. उन्हें छक्का लगाने की कोशिश क्यों करनी थी, ये शायद वो खुद से पूछ रहे होंगे. इसी ओवर में अजिंक्य रहाणे और ऋद्धिमान साहा आउट हो गए. स्कोर 94 पर तीन से 94 पर छह हो गया.
बाकी बचे चार विकेटों में से तीन ओ’कीफ के हिस्से आए. अश्विन को नैथन लायन ने आउट किया. ओ’कीफ ने 35 रन देकर छह विकेट लिए. बल्कि यह कह सकते हैं कि 4.1 ओवर में पांच रन देकर उन्होंने छह विकेट लिए.
ऑस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में डेविड वॉर्नर और शॉन मार्श के विकेट जल्दी-जल्दी गिरे. स्टीव स्मिथ को लेकर शायद भारतीय फील्डर तय कर चुके थे कि उनका कैच नहीं पकड़ना. उन्हें तीन जीवनदान मिले. रेनशॉ को भी एक जीवनदान मिला, लेकिन आखिरकार वो आउट हुए. दिन का खेल खत्म होने तक स्मिथ 59 और मिचेल मार्श 21 पर खेल रहे थे.