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India vs Australia, 1st Test at Adelaide: 70 साल से लगे दाग को मिटाने के लिए भारत ने बढ़ाया कदम, एडिलेड से बजा बिगुल

भारत ने सोमवार को एडीलेड में ऑस्ट्रेलिया को 31 रन से हराया, ये इस मैदान पर उसकी दूसरी जीत है

FP Staff

टेस्ट सीरीज में भारतीय क्रिकेट टीम उतरी तो वो आत्मविश्वास से लबरेज थी. उसका लक्ष्य विदेशी सरजमीं पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाने का कलंक धोने और 70 बरस में पहली बार यहां सीरीज जीतने का था. भारत ने सोमवार को एडीलेड में पांचवें दिन ऑस्ट्रेलिया के पुछल्ले बल्लेबाजों के पराक्रम के बावजूद 31 रन से हराकर उस दिशा में पहला कदम रख दिया है. टीम इंडिया ने पहली बार ऑस्‍ट्रेलिया में सीरीज का पहला टेस्‍ट मैच जीतने का करिश्मा कर दिखाया है. अब वो सीरीज में 1-0 से आगे हो गया है. भारत ने इससे पहले एडीलेड ओवल में 2003 में जीत दर्ज की थी. भारत ने अभी तक ऑस्ट्रेलिया में 45 टेस्ट खेले हैं और ये उसकी कुल छठी जीत है.  भारत ने दस वर्ष बाद ऑस्ट्रेलिया को उसकी सरजमीं पर हराया.

इसके साथ ही विराट कोहली इंग्‍लैंड, ऑस्‍ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका में टेस्‍ट जीतने वाले एशिया के पहले कप्‍तान बन गए. वहीं टीम इंडिया.एक कैलेंडर वर्ष में इंग्‍लैंड, ऑस्‍ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के खिलाफ जीत दर्ज करने वाली पहली एशियाई टीम भी बन गई है. भारत को साउथ अफ्रीका में टेस्ट सीरीज में 1-2 और इंग्लैंड में 1-4 से पराजय झेलनी पड़ी थी. विराट कोहली की टीम अब ऑस्ट्रेलिया में चार टेस्ट मैचों की सीरीज जीतकर विदेश में ‘फ्लाप शो’ का कलंक मिटाना चाहेगी.


ऑस्ट्रेलिया की टीम 323 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए 291 रन ही बना पाई. भारत ने चेतेश्वर पुजारा (123) के 16वें टेस्ट शतक की मदद से अपनी पहली पारी में 250 रन बनाए थे. इसके जवाब में ऑस्ट्रेलिया 235 रन ही बना पाया. भारत ने अपनी दूसरी पारी में 307 रन बनाकर ऑस्ट्रेलिया के सामने चुनौतीपूर्ण लक्ष्य रखा था. दूसरा टेस्ट मैच 14 दिसंबर से पर्थ में खेला जाएगा.

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भारत की जीत का इंतजार बढ़ा

ऑस्ट्रेलिया का स्कोर एक समय चार विकेट पर 84 रन था और भारत की जीत चौथे दिन ही तय लग रही थी, लेकिन इसके बाद अगले पांच विकेट के लिए क्रमश:  31, 41, 31, 41, 31  और आखिरी विकेट के लिए 32 रन की साझेदारी निभाई गई जिससे भारत की जीत का इंतजार बढ़ा.

चेतेश्वर पुजारा बने जीत के नायक

भारत की जीत के नायक निश्चित तौर पर चेतेश्वर पुजारा रहे जिन्होंने 123 और 71 रन की दो बेहतरीन पारियां खेलीं. इसके लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया. भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए चार विकेट 41 रन पर गंवा दिए और यह पहला अवसर है जबकि वह चोटी के चार विकेट 50 रन के अंदर गंवाने के बावजूद मैच जीतने में सफल रहा.

विश्व रिकॉर्ड की बराबरी की पंत ने

विकेटकीपर ऋषभ पंत के लिए भी यह टेस्ट खास रहा. उन्होंने मैच में कुल 11 कैच लेकर इंग्लैंड के जैक रसेल और साउथ दक्षिण अफ्रीका के एबी डिविलियर्स के विश्व रिकॉर्ड की बराबरी की. इस मैच में कुल 35 कैच लिए गए जो कि विश्व रिकॉर्ड है.  भारतीय गेंदबाजों मोहम्मद शमी (3-65), जसप्रीत बुमराह (3-68) और रविचंद्रन अश्विन (3-92) ने तीन-तीन विकेट लिए जबकि इशांत शर्मा (1-48) को एक विकेट मिला.

ट्रेविस हेड आउट होने वाले पहले बल्लेबाज

ऑस्ट्रेलिया ने मैच के पांचवें दिन सुबह चार विकेट पर 104 रन से पारी आगे बढ़ाई, लेकिन ट्रेविस हेड (14) और शॉन मार्श (60) की साझेदारी केवल 7.4 ओवर तक चली. भारत ने पुरानी कूकाबुरा गेंद से सफलता हासिल करने में देर नहीं लगाई. हेड सुबह आउट होने वाले पहले बल्लेबाज थे. इशांत के सटीक बाउंसर का उनके पास कोई जवाब नहीं था. गेंद हेड के बल्ले से लगकर हवा में तैरती हुई गली में गई, जहां अजिंक्य रहाणे ने उसे कैच करने में कोई गलती नहीं की.

दसवां टेस्ट अर्धशतक लगाया मार्श ने

मार्श सहज होकर खेल रहे थे. उन्होंने 160 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा किया जो चौथी पारी में उनका पहला पचासा भी है. यह कुल मिलाकर उनका दसवां टेस्ट अर्धशतक है. बुमराह ने भारत को मार्श का विकेट दिलाया. यह महत्वपूर्ण मोड़ 73वें ओवर में आया जब बाहर की तरफ मूव करती गेंद मार्श के बल्ले का किनारा लेकर पंत के दस्तानों में समा गई. बुमराह ने इसके बाद कप्तान टिम पेन (41) को गलत टाइमिंग से पुल शॉट खेलने की सजा दी. पंत ने दौड़ लगाकर हवा में लहराता कैच लिया जो उनका मैच में दसवां कैच था.

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निचले क्रम के बल्लेबाजों ने संघर्ष कराया

भारतीय पुछल्ले बल्लेबाजों से उलट ऑस्ट्रेलिया के निचले क्रम के बल्लेबाजों ने गजब का धैर्य और जज्बा दिखाया और भारत को जीत के लिए संघर्ष कराया. ऑस्ट्रेलिया के आखिरी चार बल्लेबाजों ने 107 रन जोड़े जिसमें नाथन लायन ने सर्वाधिक नाबाद 38 रन बनाए, जबकि पैट कमिंस (28) ने 121 गेंदों तक एक छोर संभाले रखा. कमिंस ने एक छोर संभाले रखने को तरजीह दी. उन्होंने पेन के साथ सातवें विकेट के लिए 31, मिचेल स्टार्क (28) के साथ आठवें विकेट के लिए 41 और फिर लायन के साथ नौवें विकेट के लिए 31 रन की साझेदारियां की. कमिंस को इस बीच दो बार डीआरएस से फायदा भी मिला.

हेजलवुड का विकेट गिरते ही मना जश्न

पंत ने इस बीच शमी की गेंद पर स्टार्क का कैच लेकर विश्व रिकॉर्ड की बराबरी की. कमिंस की पारी का अंत आखिर में बुमराह ने किया. कप्तान विराट कोहली पहली स्लिप में कैच लेने के बाद बल्लियों उछलने लगे थे. लायन और जोश हेजलवुड (13) ने हालांकि जल्द ही भारतीयों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी. मैच रोमांचक मोड़ पर पहुंच रहा था, लेकिन एक छोर से लगातार गेंदबाजी करने वाले अश्विन ने आखिर में हेजलवुड को ललचाकर कैच देने के लिए मजबूर किया. इसके साथ ही भारतीय खिलाड़ी और प्रशंसक जीत के जश्न में डूब गए.