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India vs Australia 1st T20: क्या जीत के साथ दौरे का आगाज करेगी कोहली एंड कंपनी!

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला टी20 मुकाबला ब्रिस्बेन में खेला जाएगा

Sumit Kumar Dubey

यूं तो टीम इंडिया के दो महीने लंबे ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर सबसे अधिक चर्चा तो टेस्ट सीरीज की है लेकिन इस दौरे की टोन को टी20 सीरीज ही सेट करेगी. बुधवार को जब भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के खिलफ ब्रिस्बेन में मुकाबला करने उतरेगी तो दुनिया भर के क्रकेट प्रेमियों की निगाहें भारत के प्रदर्शन पर होंगी. कप्तान विराट कोहली के सामने सबसे बड़ी चुनौती 20 क्रिकेट में अपने पूर्ववर्ती  कप्तान एमएस धोनी के उस रिकॉर्ड की बराबरी करने की होगी जो उन्होंने भारत के पिछले ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बनाया था

दरअसल भारतीय टीम भले ही अब तक टेस्ट क्रिकेट में ऑस्ट्रेलियाई धरती पर कोई सीरीज जीतने में भले ही नाकाम रही हो लेकिन फटाफट क्रिकेट के मामले में टीम इंडिया का रिकॉर्ड बेहद शानदार रहा है. 2016 में टीम इंडिया ने धोनी की कप्तानी में कंगारू टीम को 3-0 से मात दी थी.


किसी भी फॉर्मेट में ऑस्ट्रेलियाई धरती पर यह बात की पहली और इकलौती क्लीन स्वीप है. इस सीरीज में विराट कोहली की बल्ला जमकर बोला था. कोहली ने पहले मुकाबले में 90 रन और बाकी दो मुकाबलों में भी अर्द्धशतक जड़कर भारत की जीत सुनिश्चित की थी. अब जब कोहली खुद टीम इंडिया के कप्तान हैं तो उनसे ऐसी ही पारियों की उम्मीद होगी.

भारतीय टीम के पास जो सबसे बड़ा एडवांटेज है वह है ऑस्ट्रेलिया में क्रिकेट के मौजूदा हालात. इसी साल साउथ अफ्रीका में हुई बॉल टेंपरिंग की घटना के बाद से ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट में आमूलचूल बदलाव आ चुका है. कंगारू टीम लगातार हार रही है. ऐसे में पाकिस्तान के खिलाफ टी20 सीरीज में मिली 0-3 की हार के बाद साउथ अफ्रीका ने कंगारू टीम को उसी के घर पर मात दे दी. हालाकि कप्तान एरॉन फिंच अपनी टीम के जुझारू होने की बात तो कह रहे हैं लेकिन वास्तविकता तो यही है कि बॉल टेंपरिंग के बाद कंगारुओं के हिस्से में अबतक हार ही आई हैं.

बेहद मजबूत है टीम इंडिया

भारतीय टीम की ताकत उसके कप्तान विराट कोहली ही नहीं बल्कि उसकी पूरी बल्लेबाजी के साथ-साथ बुमराह और भुवनेश्वर की जोड़ी भी  है दो जो डेथ ओवर्स में यॉर्कर गेदबाजी के माहिर माने जाते हैं.

हाल के वक्त में उपकप्तान रोहित शर्मा को बल्ला तो जमकर बरसा ही ही साथ ही शिखर धवन, केएल राहुल, दिनेश कार्तिक जैसे बल्लेबाज किसी भी वक्त इस छोटे फॉर्मेट में कहर ढा सकते हैं. ऋषभ पत को धोनी ती जगह टीम इंडिया में शामिल किया गया है. जाहिर उनपर इस बात का दबाव जरूर होगा. हार्दिक पांड्या की गैरहाजिरी में टीम का संतुलन जरूर परेशानी का सबब हो सकता है. देखाना होगा कि उनके भाई कृणाल पांड्या इस कमी को कितना पूरी कर पाते हैं.

क्या कहते हैं आंकड़े

2008 में भारतीय टीम ने इकलौता टी20 मुकाबला 9 विकेट से हारा था लेकिन 2012 में भारत ने सीरीज 1-1 से ड्रॉ कराई थी. दोनों टीमों के बीच ओवर ऑल रिकॉर्ड की बात करें तो यह भारतीय टीम के के पक्ष में है. 16 मुकाबलों में भारत ने 10 मुकाबलों में जीत हासिल की जबकि 5 में उसे हार का सामना करना पड़ा है. एक मुकाबला बेनतीजा रहा है.