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ऑस्ट्रेलियाई टीम क्यों कह रही है– जय श्रीराम

एक भारतीय ने कैसे तय की ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की हार

IANS

भारत में आकर उसे उसके हथियार से ही कैसे शिकस्त दी जाती है यह ऑस्ट्रेलिया ने पुणे में दिखाया है. स्पिन के दम पर भी भारत ने पिछले कई दशकों से अपने घर में और बाहर विपक्षी टीमों को मात दी है. उसी स्पिन को हथियार बनाकर ऑस्ट्रेलिया ने सभी को हैरान किया और भारत के पिछले 19 मैचों से चले आ रहे अपराजित रहने के सिलसिले को तोड़ा. इसके लिए उसने तैयारी भी की.

भारत की स्थितियों को भांपते हुए ऑस्ट्रेलिया ने भारत के पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी श्रीधरन श्रीराम और इंग्लैंड के मोंटी पनेसर को स्पिन सलाहकार के रूप में नियुक्त किया था. श्रीराम ने किस तरह से ऑस्ट्रेलिया को उस जमीं के लिए तैयार किया, जहां उन्होंने बचपन से क्रिकेट खेली. इसका अंदाजा पहले मैच से ही लगाया जा सकता है.


वेबसाइट ईएसपीएनक्रिकइंफो ने श्रीधरन के हवाले से लिखा, ‘आप बुरे से बुरे हालात के लिए तैयारी करते हो. लेकिन आपको इस दौरान सर्वश्रेष्ठ मिल जाए तो आप उसके लिए खेलते हैं. मेरा मानना है कि दुबई में हमारी तैयारी शानदार रही. हमने अलग-अलग तरह की पिचें बनाईं. हमने रफ विकेट भी बनाए, स्पिन लेने वाली पिचें भी बनाई. हमने धीमी और नीची रहने वाली पिचें भी बनाईं. इसलिए अलग-अलग तरह की पिचें और हमारे सामने आने वाली हर चुनौती को लेकर हमने अच्छी तैयारी की.’

पुणे में ऑस्ट्रेलिया के बाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज स्टीव ओ’कीफ ने 12 विकेट लेकर मेजबानों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया. श्रीराम ने मैच के दौरान उनसे बात भी की थी.

श्रीराम ने ओ’कीफ के बारे में कहा, ‘उन्होंने मुझसे कहा था कि वह थोड़े से घबराए हुए हैं. वह सहज स्थिति में नहीं थे और ऑस्ट्रेलिया में जिस तरह से गेंदबाजी करते हैं, उसी तरह से करना चाहते थे. मैंने उनसे पूछा कि आपको क्या लगता कि इस विकेट पर क्या करने की जरूरत है? उन्होंने कहा कि मुझे राउंड और थोड़ी तेज गेंदबाजी करने की जरूरत है. मैंने कहा ठीक है ऐसा ही करिए.’

श्रीराम भारत के लिए आठ एकदिवसीय मैच खेले हैं और 81 रन बनाए हैं. नौ विकेट लिए हैं. उन्होंने घरेलू सत्र में असम, महाराष्ट्र और गोवा के लिए क्रिकेट खेली है. इससे पहले उन्होंने 2015 में ऑस्ट्रेलिया-ए के साथ काम किया था.

श्रीराम ने कहा, ‘मैंने जानता हूं कि एक स्पिनर के तौर पर विफल होने के लिए आपको क्या चाहिए. मेरा मानना है कि सफल होने के लिए क्या चाहिए, इससे ज्यादा आपको विफल होने के लिए क्या चाहिए, यह पता होना जरूरी है. 19 साल की उम्र तक मैंने भारत में घरेलू क्रिकेट में एक स्पिन गेंदबाज के रूप में ही खेला है. इसलिए मुझे पता है कि भारत में स्पिनरों को क्या करने की जरूरत है.’

उन्होंने कहा, ‘भारत एक बड़ा देश है. अगर आप कहें कि यहां ये चीज काम करेगी तो ऐसा नहीं है. आपको सामने आने वाली हर चीज से तालमेल बिठाना होगा. आपको देखना होगा कि उस दिन आपके लिए कौन-सी चीज फायदेमंद है.’