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जब पाक दौरे में अजित अगरकर ने उठा लिया था बल्ला, सचिन तेंदुलकर ने मामले को संभाला

अगरकर नेट्स पर लंबे शॉट्स लगा रहे थे पीसीबी के चीफ क्यूरेटर आगा जाहिद आ गए कि मैदान के बीचोबीच ग्राउंड स्टाफ काम कर रहा है. कहीं किसी को गेंद से चोट लग गई तो आफत हो जाएगी

FP Staff

2006 में भारतीय टीम पाकिस्तान के दौरे पर थी. राहुल द्रविड़ टीम के कप्तान हुआ करते थे. भारतीय टीम को तीन टेस्ट मैचों की सीरीज खेलनी थी. दूसरे टेस्ट से पहले एक रोज मैदान में कुछ ऐसा हुआ कि तेज गेंदबाज अजीत अगरकर को बहुत गु़स्सा आ गया. उस समय उनके हाथ में गेंद की बजाय बल्ला था. ऐसा लगा कि वो गु़स्से में कुछ कर ना बैठेंगे. फिर सचिन तेंदुलकर ने आकर मामले को संभाला. वरिष्ठ खेल पत्रकार शिवेंद्र कुमार सिंह ने अपनी किताब ‘क्रिकेट के अनसुने किस्से’ में इस मामले की कहानी बयां की है.

पेंगुइन से प्रकाशित 180 पन्नों की किताब में क्रिकेट से जुड़े 50 किस्सों का वर्णन किया है जिनमें मंसूर अली खां पटौदी से लेकर वर्तमान समय के क्रिकेटरों और भारत के 2006 के पाकिस्तान दौरे से जुड़े किस्से शामिल हैं. लेखक इस किस्से के गवाह स्वयं रहे हैं.


भारत-पाकिस्तान  की  सीरीज  ‘हाई  वोल्टेज’  रहती  ही  है.  उस  पर  14 साल बाद 2004 में दोनों देशों के बीच क्रिकेट रिश्ते बहाल हुए थे. इसी कड़ी  में  भारतीय  टीम 2004  के  बाद  2006  में  दोबारा पाकिस्तान गई थी. लाहौर  में  मैच  खेला जाना  था. पिच  को  लेकर  बड़ी  किचकिच चल रही थी. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के चीफ क्यूरेटर आगा जाहिद हुआ करते थे. आगा जाहिद से कुछ भी सवाल पूछिए उनका जवाब एक ही होता था- ‘माशा अल्लाह! आपने भी थोड़ी बहुत क्रिकेट खेली होगी. आप भी क्रिकेट समझते हैं आप ही  बताइए  कैसा  लग  रहा  है  पिच  का  मिजाज.’

उस  पूरे दौरे में हर भारतीय चैनल के रिपोर्टर  ने  कम  से  कम  आधा  दर्जन बार  आगा जाहिद का  इंटरव्यू  किया  होगा. यह  अलग  बात  है  कि  आगा जाहिद  का  जवाब एक  ही   होता  था.यहां तक कि   भारतीय खिलाड़ियों  को भी  यह  बात  पता  थी कि आगा जाहिद  बहुत टेढ़े  अंदाज  में  जवाब  दिया करते हैं.

जब अगरकर को पिच देखने से रोक दिया गया 

एक रोज हुआ यूं कि भारतीय टीम गद्दाफी स्टेडियम में नेट प्रैक्टिस कर रही थी. अजित अगरकर का मन हुआ कि वो पिच को देखकर आएं. उन दिनों भी कप्तान और कोच पिच देख लिया करते थे. कभी कभार कुछ खिलाड़ी भी पिच से कवर हटाकर उसे हाथ लगाकर पिच का मिजाज भांपने की कोशिश किया करते थे. कई जगहों पर ऐसा करने की मनाही थी.

लेकिन असल मायनों में आईसीसी के इवेंट्स के अलावा बाकी सीरीज में पिच के देखे या न देखे जाने को लेकर ऐसा कोई नियम नहीं बना था, जो पूरी दुनिया में लागू होता हो. खैर अगरकर जब पिच के पास पहुंचे तो उन्हें रोक दिया गया. अगरकर ने पूछा कि पिच क्यों नहीं देखी जा सकती है. वहां मौजूद गाड्र्स ने कहा कि चीफ क्यूरेटर आगा जाहिद ने उन्हें किसी को भी पिच के पास जाने देने से मना किया है. अगरकर वहां से लौट आए.

अगरकर ने लगाए बाउंड्री के पार शॉट्स

दूसरी तरफ भारतीय टीम की बैटिंग प्रैक्टिस चल रही थी. ग्रेग चैपल की देखरेख में खिलाड़ी अपनी बल्लेबाजी पर काम कर रहे थे. अगरकर ने वहां जाकर थोड़ी देर गेंदबाजी की. उन्होंने किसी से कुछ कहा नहीं, लेकिन अंदर ही अंदर उन्हें ग़ुस्सा आ रहा था कि उन्हें पिच नहीं देखने दी गई. खैर बैटिंग नेट्स खत्म करने के बाद टीम मैदान के दूसरे हिस्से से बाहर निकल रही थी. अचानक अजीत अगरकर की इच्छा हुई कि वह कुछ लंबे शॉट्स लगाएं. उन्होंने बाउंड्री के पार के हिस्से पर ऐसे ही शॉट्स लगाने शुरू किए. वो मैदान का बिल्कुल एक आखिरी कोना था.

मैदान के बीचोबीच गिरा एक शॉट

कुछ भारतीय गेंदबाज ही उन्हें गेंद फेंक रहे थे और वो लंबे-लंबे शॉट लगा रहे थे. अगरकर के बल्ले से निकला एक शॉट सीधे जाकर मैदान के बीचोबीच गिरा. बीचोबीच मतलब पिच के करीब उसी जगह, जहां ‘ग्राउंड्समैन’ काम कर रहे थे. अचानक एक ग्राउंडमैन भागा-भागा आया और उसने अगरकर से इस तरह बल्लेबाजी करने के लिए मना किया. इस बार अगरकर को ग़ुस्सा आ गया.

उन्होंने पूछा कि अब बल्लेबाजी करने में किसे एतराज हो रहा है. ग्राउंड्समैन ने फिर वही नाम लिया आगा जाहिद का. अगरकर ने जानबूझकर उसकी बात अनसुनी कर दी.

आगा जाहिद इस तरह के शॉट खेलने से रोका

उन्होंने बल्लेबाजी करना जारी रखा. एक-दो गेंद सीधे खेलने के बाद उन्होंने फिर एक गेंद उसी तरफ मारी. ऐसा लग रहा था कि अगरकर जानबूझकर ऐसा कर रहे हैं. इस बार आगा जाहिद खुद ही आए. उन्होंने अगरकर से बड़े रौब में कहा कि वह इस तरह मैदान के अंदर शॉट न खेलें. अगरकर ने भी उसी अंदाज़ में पूछा कि वो रोकने वाले कौन हैं. आगा जाहिद ने अपना परिचय दिया तो अगरकर ने उसे भी अनसुना कर दिया. आगा जाहिद ने फिर कुछ टेढ़ी बात कही. अगरकर को ग़ुस्सा आ गया उन्होंने बैट उठा ही लिया था. तू-तू मैं-मैं अब हल्की गाली गलौज पर भी उतर आई थी कि सचिन तेंदुलकर आ गए.

तेंदुलकर ने अजित अगरकर को समझाया

अगरकर इस बात से गुस्सा थे कि अव्वल तो उन्हें पिच देखने को नहीं मिली और फिर वो बल्लेबाजी भी नहीं कर पा रहे हैं. आगा जाहिद तर्क दे रहे थे कि मैदान के बीचोबीच ग्राउंड स्टाफ काम कर रहा है.

कहीं किसी को गेंद से चोट लग गई तो आफत हो जाएगी. खैर तेंदुलकर ने अजित अगरकर को कुछ समझाया और आगा जाहिद को बिल्कुल भी भाव नहीं दिया. तेंदुलकर के कहने पर अजीत अगरकर माने और फिर वो भारतीय टीम के साथ ही स्टेडियम लौटे.