अफगानिस्तान की टीम जब अपना पहला टेस्ट खेलने उतरेगी, तो उसके सामने टीम इंडिया होगी. यह फैसला बीसीसीआई की गवर्निंग बॉडी की मीटिंग में लिया गया है. अफगानिस्तान से मुकाबला भारत में ही होगा. मैच की तारीख और जगह का ऐलान बाद में किया जाएगा. बीसीसीआई के कार्यकारी सचिव अमिताभ चौधरी ने मीडिया से कहा, 'अफगानिस्तान को पहला टेस्ट 2019 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेलना था. लेकिन भारत और अफगानिस्तान के ऐतिहासिक रिश्तों के मद्देनजर हमने पहले टेस्ट की मेजबानी का फैसला किया है.' अफगानिस्तान और आयरलैंड को इसी साल जून में टेस्ट दर्जा मिला था. आयरलैंड को अपना पहला टेस्ट अगले साल मई में पाकिस्तान के खिलाफ खेलना है.
भारत 2019-2023 के बीच सभी प्रारूपों में 81 मैचों की मेजबानी करेगा, जो मौजूदा भविष्य दौरा कार्यक्रम (एफटीपी) से 30 अधिक हैं. बीसीसीआई ने हालांकि सोमवार को जोर देकर कहा कि व्यस्त क्रिकेटरों के लिए प्रत्येक साल खेलने के दिनों में कटौती होगी. सोमवार को बीसीसीआई की विशेष आम बैठक में सदस्यों के बीच एफटीपी को लेकर सैद्धांतिक रूप से सहमति बनी.
अगले एफटीपी के दौरान भारत को स्वदेश में इंग्लैंड, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हाई प्रोफाइल सीरीज खेलनी हैं. बोर्ड ने जो 2019-2020 से अगले पांच साल का कैलेंडर तैयार किया किया है, उसमें उसे घर पर 19 टेस्ट और 38 वनडे खेलने हैं. विदेशी सरजमीं पर 18 टेस्ट और 29 वनडे खेलने का कार्यक्रम है. रोचक यह देखना होगा कि 18 टेस्ट और 29 वनडे में भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड या साउथ अफ्रीका में कितना खेलती है. खासकर टेस्ट मैच.
एसजीएम के दौरान एक अन्य महत्वपूर्ण फैसला टेस्ट मैच के लिए अफगानिस्तान की मेजबानी का किया गया. इस ऐतिहासिक टेस्ट की तारीखें बात में तय की जाएंगी.
बीसीसीआई ने क्रिकेटरों के डोप परीक्षण के मुद्दे पर भी अपना रुख बरकरार रखते हुए कहा कि नाडा के खिलाड़ियों का परीक्षण करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि बोर्ड वाडा के नियमों का पालन करता है.
(भाषा के इनपुट के साथ)