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भारत-इंग्लैंड, तीसरा टेस्ट : दोनों टीमों में गलतियों की लगी थी होड़

पहले सेशन में इंग्लैंड के चार विकेट निकले, नहीं उठा पाए जीवनदान का फायदा

Shailesh Chaturvedi

टीम चयन को लेकर मुश्किलें हों, टॉस हार जाएं, कैच छूट जाएं... उसके बाद भी सत्र आपके नाम रहे, तो इसे क्या कहेंगे. भारत और इंग्लैंड में मोहाली टेस्ट की पहली सुबह होड़ थी कि कौन ज्यादा गलतियां करता है. भारत ने गलतियां कीं, लेकिन इंग्लैंड ने उससे ज्यादा कीं. इसी वजह से तीसरे टेस्ट का पहला सत्र भारत के नाम रहा. दरअसल, पूरे दिन यह सत्र था, जो तमाम रोचक घटनाओं और गलतियों से भरा था. सत्र खत्म हुआ तो इंग्लैंड के टॉप चार विकेट निकल चुके थे और स्कोर था 92.

सबसे पहले इंग्लैंड की बात. लगभग गुड लेंथ स्पॉट से उठी गेंद ने हमीद के लिए कोई मौका नहीं छोड़ा. उमेश यादव को विकेट मिला. यहां तक सब ठीक था. उसके बाद गलतियों का सिलसिला शुरू हुआ. बल्लेबाज गलती करके आउट होते रहे. भारतीय गलती करके उन्हें बचाने की कोशिश करते रहे. एलिस्टर कुक हों, जो रूट या मोईन अली, तीनों ही कमजोर शॉट सेलेक्शन का शिकार बने.


अब बारी भारत की गलतियों की. कुक को दो जीवनदान मिले. अश्विन ने उनका कैच छोड़ा. मिड विकेट पर आसान सा कैच था. इससे पहले तीसरी स्लिप में रवींद्र जडेजा कैच लेने में नाकाम रहे थे. समझ से बाहर था कि आउटफील्ड के अच्छे फील्डर जडेजा को स्लिप में क्यों खड़ा किया गया था. दोनों मौकों पर गेंदबाज थे शमी. मिसफील्डिंग भी हुई.

गलतियों का दौर मैच से पहले ही जारी थी. घरेलू टीम 16 सदस्यों की टीम होने के बावजूद अगर रिजर्व ओपनर के बगैर हो, तो ताज्जुब ही होता है. वो भी तब, जब एक ओपनर को कई दिन पहले चोट लगी हो. भारतीयों ने वो किया. केएल राहुल की चोट को लेकर मैच की सुबह जानकारी दी गई. वो नहीं खेले और भारत बगैर एक स्पेशलिस्ट ओपनर के मैच में उतरा.

टॉस हारना भी भारत के खिलाफ गया. ये भी एक फायदा था, जो इंग्लैंड के पास था. मोहाली में पहले एक घंटे के बाद बल्लेबाजी का सबसे अच्छा समय पहले और दूसरे दिन ही होता है. उस एक या दो घंटे में भी हमीद को छोड़कर कोई गेंद ऐसी नहीं थी, जिस पर इंग्लैंड को विकेट गंवाना चाहिए था. लेकिन उन्होंने ऐसा किया और पहले दिन के पहले सत्र को गलतियों से भरा बना दिया.