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भारत-ऑस्ट्रेलिया, चौथा टेस्ट: कोहली का खेलना संदिग्ध, भारत दबाव में

भारत और ऑस्ट्रेलिया को बीच श्रृंखला अभी 1-1 से बराबरी पर है

Bhasha

भारतीय कप्तान विराट कोहली का ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ से धर्मशाला में होने वाले चौथे और अंतिम टेस्ट क्रिकेट मैच में खेलना संदिग्ध है. इस बेहद कड़ी सीरीज के निर्णायक मैच से पहले भारत पर काफी दबाव बन गया है.

मैदानी जंग और जुबानी जंग के बीच चल रही यह बेहद प्रतिस्पर्धी श्रृंखला अभी 1-1 से बराबरी पर है. लेकिन भारत के लिए निर्णायक मैच की पूर्व संध्या पर खबर अच्छी नहीं है. कप्तान विराट कोहली ने स्वीकार किया कि वह मैच के लिए शत प्रतिशत फिट नहीं है. क्योंकि अगर वह खेलते हैं तो चोट के बढ़ने का जोखिम रहेगा.


मैच की पूर्व संध्या पर दिया गया बयान एक तरह से संकेत है कि कोहली के मैच में खेलने की संभावना कम है. एक ऐसा मैच जिसमें कोहली जैसे कुशल नेतृत्वकर्ता की टीम को सख्त जरूरत पड़ेगी. एक बल्लेबाज के तौर पर कोहली के लिए वर्तमान श्रृंखला किसी बुरे सपने से कम नहीं रही. लेकिन अगर वह नहीं खेलते हैं और उनके जगह पर आने वाले श्रेयस अय्यर बड़ा स्कोर नहीं बना पाते है तो फिर उन जैसे नामी बल्लेबाज की कमी भारत को भारी पड़ सकती है.

कोहली ने नेट्स पर बल्लेबाजी का अभ्यास किया लेकिन स्वीकार किया कि फिजियो पैट्रिक फरहार्ट शाम को ही उनके खेलने को लेकर फैसला करेंगे. भारतीय खेमा शायद निर्णायक मैच से पहले विरोधी टीम को किसी तरह का मनोवैज्ञानिक लाभ नहीं देना चाहता है.

भारतीय कप्तान की जगह टीम में चुने गए अय्यर शुक्रवार सुबह ही धर्मशाला पहुंचे हैं उन्होंने बाद में अभ्यास किया. अय्यर के नेट पर अभ्यास पर कोच अनिल कुंबले और कोहली ने करीबी नजर रखी. भारतीय कप्तान ने मुंबई के इस युवा बल्लेबाज से बात भी की. अय्यर एक आक्रामक बल्लेबाज हैं. उनके पास हर तरह के स्ट्रोक हैं. कट और पुल खेलने में माहिर होने के कारण धर्मशाला की तेज और उछाल वाली पिच पर वह अच्छे विकल्प हो सकते हैं. अगर कोहली नहीं खेल पाते हैं तो अजिंक्य रहाणे टीम की अगुवाई करेंगे.

अय्यर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अभ्यास मैच में दोहरा शतक लगाया था जिससे उनका मनोबल बढ़ा होगा. उस मैच में हालांकि मिचेल स्टार्क और जोश हेजलवुड नहीं खेले थे. अय्यर के पास यह अपने जज्बे और कौशल को दिखाने का अच्छा मौका होगा.

कोहली की चोट ने हाल के समय की इस बेहद रोमांचक श्रृंखला को दिलचस्प बना दिया है. इसका फिनाले धौलाधार पहाड़ियों की गोद में बसे इस एचपीसीए स्टेडियम में खेला जाएगा. यह श्रृंखला अभी तक सच्ची खेल भावना से नहीं खेली गई. मैदान पर झड़प और छींटाकशी से दोनों टीमों के बीच कड़वाहट बढ़ी है. यहां तक कि ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने भी इस दौरान सही भूमिका नहीं निभाई. इस पृष्ठभूमि में यह टेस्ट मैच काफी दिलचस्प बन गया है. कोई भी टीम किसी तरह की कसर नहीं छोड़ेगी. हालांकि वर्तमान हालात में ऑस्ट्रेलिया मैच में दावेदार के रूप में उतरेगा.

पिछले टेस्ट मैच को ड्रॉ कराने से स्टीव स्मिथ और उनकी टीम आत्मविश्वास बढ़ा होगा. पीटर हैंड्सकॉम्ब ने दिखाया कि उनके पास तकनीक और जज्बा है. शनिवार एक अलग दिन और अलग अवसर है. भारत भी इस बार किसी भी तरह की कसर नहीं छोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है.

चेतेश्वर पुजारा को फिर से अपने धैर्य और कौशल से विरोधी टीम के छक्के छुड़ाने होंगे जबकि मुरली विजय को भी दबाव में शांतचित्त होकर खेलने की जरूरत है. रहाणे जब लय हमें होते हैं तो उन्हें देखने का अलग आनंद है. कोहली की अनुपस्थिति में यह उनकी कप्तानी की भी परीक्षा होगी. गेंदबाजी विभाग अब भी चिंता का विषय है क्योंकि इशांत शर्मा विकेट लेने में नाकाम रहे हैं. इससे टीम को काफी नुकसान पहुंचा है. ऐसे में भुवनेश्वर कुमार के नाम पर विचार किया जा सकता है जो निचले क्रम में कुछ रन भी जुटा सकते हैं.

ऑस्ट्रेलिया के लिए श्रृंखला ड्रॉ कराना नैतिक जीत होगी लेकिन अगर वह श्रृंखला जीतने में सफल रहता है तो यह उसके लिये एशेज की जीत से भी बड़ी जीत होगी. जब ऑस्ट्रेलिया की टीम भारत आई थी तो उसे बहुत दमदार नहीं आंका गया था लेकिन उसके लिए अब तक यह श्रृंखला शानदार रही है. स्मिथ के दो जुझारू शतक, नैथन लायन की जांबाज गेंदबाजी, मैट रेनशॉ और पीटर हैंडसकॉम्ब की बल्लेबाजी अभी तक आकषर्ण का केंद्र रही हैं.

तेज गेंदबाज जैकसन बर्ड को स्पिनर स्टीव ओ’कीफ की जगह टीम में लिया जा सकता है. ओ’कीफ ने रांची में तीसरे टेस्ट मैच में 77 ओवर किए लेकिन वह प्रभाव नहीं छोड़ पाए थे.

मैच सुबह नौ बजकर 30 मिनट पर शुरू होगा