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भारत-ऑस्ट्रेलिया पहला टेस्ट: वो 11 लम्हे जो भारत को भारी पड़ेंगे

11 रन में भारत ने खोए सात विकेट, फिर छोड़े चार कैच

FP Staff

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पुणे टेस्ट में दूसरा दिन घटनाओं से भरा हुआ था. ऑस्ट्रेलिया ने पहली पारी के एक विकेट सहित पांच विकेट खोए. भारत ने पूरे दस विकेट गंवाए. एक दिन में 15 विकेट गिरने के बीच कुछ ऐसे लम्हे रहे, जो हर बार मैच को भारत की पकड़ से दूर करते गए.

पहला मौका – केएल राहुल का विकेट. उस वक्त भारतीय टीम तीन विकेट पर 94 रन पर थी. भले ही विराट जीरो पर आउट हो गए थे. लेकिन भारत मुश्किलों में नहीं था. कमजोर शॉट पर वो आउट हुए. बल्कि राहुल के इस विकेट को टर्निंग पॉइंट कह सकते हैं, क्योंकि वह बहुत अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे.


दूसरे से सातवां मौका – मौका नंबर दो से लेकर नंबर सात तक भारत के आखिरी छह विकेट थे. चौथा विकेट 94 पर गिरने के बाद के हालात देखिए. पांचवां 95, छठा 96, सातवां 95, आठवां 98, नौवां 101 और दसवां 105 पर. 11 रन के भीतर सात विकेट निकल गए.

हमें याद रखना चाहिए कि पिछली सीरीज में भारत की कामयाबी में बड़ा रोल निचले क्रम के बल्लेबाजों ने निभाया था. पुणे में आखिरी छह बल्लेबाजों ने कुल 11 रन बनाए. अश्विन एक, साहा जीरो, जडेजा और जयंत यादव 2-2, उमेश यादव ने चार और इशांत शर्मा ने दो रन बनाए.

इसके बाद चार लम्हे या मौके थे, जब भारत ने कैच छोड़े. इनमें से तीन कैच तो कप्तान स्टीवन स्मिथ के ही थे, जिन्होंने अब तक नॉट आउट रहते हुए 59 रन बना लिए हैं.

मौका नंबर आठ - सबसे पहले अश्विन की गेंद पर स्मिथ का कैच छूटा. तब वह 23 रन पर खेल रहे थे और ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 42 था.

मौका नंबर नौ – एक बार फिर स्मिथ का कैच छूटा. इस बार गेंदबाज रवींद्र जडेजा था. उनका कैच मिड ऑन पर अभिनव मुकुंद ने छोड़ा. आसान कैच था. उस समय स्मिथ 29 पर खेल रहे थे. ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 57 रन था.

मौका नंबर दस – एक बार फिर स्मिथ का कैच छूटा. इस बार गेंदबाज अश्विन थे. फील्डर अभिनव मुकुंद ही थे. स्मिथ ने आगे बढ़कर खेलने की कोशिश की. गेंद बल्ले का अंदरूनी किनारा लेकर पैड पर लगी और शॉर्ट लेग पर गई. मुकुंद का हाथ पहले हेलमेट पर लगा. शायद इसी वजह से गेंद उनके हाथ से छिटक गई. स्मिथ 37 पर थे और ऑस्ट्रेलिया 80 पर.

मौका नंबर 11 – रेनशॉ का मौका मिला. इस बार तो मौके के साथ चौका भी मिला. जयंत यादव की गेंद पर वह रिवर्स स्वीप करने गए थे. गेंद ने टॉप एज लिया और पहली स्लिप में रहाणे के पास गई. स्मिथ तक गेंद पहुंचती, इससे पहले ही मुरली विजय ने दूसरी स्लिप से हाथ आगे बढ़ा दिया. उनकी इस कोशिश ने एक और कैच बरबाद कर दिया. चौका दिया अलग से. रेनशॉ तब 25 पर थे और ऑस्ट्रेलिया 103 पर.

एक कैच और छूटा. लेकिन वो बहुत मुश्किल था. इसे हाफ चांस कह सकते हैं. इसलिए वो मौका हम इसमें शामिल नहीं कर रहे हैं. जब आपके बल्लेबाज मुश्किल पिच पर समर्पण कर दें और फील्डर कैच न कर पाएं, तो फिर वही होगा, जो टीम इंडिया के साथ हुआ है. ऑस्ट्रेलिया के पास 298 रन की बढ़त है और छह विकेट अब भी सुरक्षित हैं.