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भारत ए के खिलाफ इंग्लैंड ने जीत के साथ किया वॉर्म-अप

भारत के 304 रन के जवाब में इंग्लैंड ने सात विकेट खोकर पाया लक्ष्य

FP Staff

नजरें थीं महेंद्र सिंह धोनी पर. नजरें थीं युवराज सिंह पर. नजरें थीं कि किसी इंटरनेशनल टीम के खिलाफ कप्तान के तौर पर आखिरी मैच में धोनी क्या करते हैं. जिन पर नजरें थीं, उन्होंने अपना काम किया. लेकिन बस, नतीजा वह नहीं आया, जिसकी उम्मीद भारतीय क्रिकेट प्रेमियों ने की होगी. जीत के साथ वॉर्म-अप की उम्मीद लिए दोनों टीमों में नतीजा इंग्लैंड के पक्ष में रहा.

भारत ए ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में सात विकेट पर 304 रन बनाए. अंबाति रायडू ने शतक जमाया. भारतीय टीम में वापस जगह पक्की करने की उम्मीद लिए उतरे शिखर धवन और युवराज सिंह ने अर्ध शतक जमाया. उसके साथ, जिन्हें देखने मुंबई के ब्रेबॉर्न स्टेडियम में लोग कतारों में लगकर आए थे, उन महेंद्र सिंह धोनी ने भी अर्ध शतक जमाया.


हालांकि भारत का ये बडा दिख रहा स्कोर काफी नहीं रहा. इंग्लैंड ने 48.5 ओवर में सात विकेट पर 307 रन बनाते हुए मैच तीन विकेट से जीत लिया. इंग्लैंड के लिए सबसे बड़ा योगदान सैम बिलिंग्स का रहा. उन्होंने 93 रन बनाए. जैसन रॉय ने 63 रन का योगदान दिया. इंग्लैंड की पारी के दौरान नजरें आशीष नेहरा पर थीं, जिन्होंने टी 20 टीम में वापसी की है. हालांकि उन्होंने प्रभावित नहीं किया और छह ओवर में 50 रन खर्च कर दिए.

इंग्लैंड की ओर से पहले विकेट के लिए ही 95 रन की साझेदारी हुई. एलेक्स हेल्स और रॉय की पारियों ने जिस तरह की नींव रखी, उस पर अंग्रेज टीम भटकी नहीं. सैम बिलिंग्स और लियम डॉसन के बीच छठे विकेट के लिए 99 रन की साझेदारी ने मैच का नतीजा तय कर दिया.

इससे पहले इंग्लैंड से टॉस हारकर भारत ने पहले बल्लेबाजी की. मनदीप सिंह का विकेट जल्दी गिर गया. दूसरे विकेट के लिए शिखर धवन और अंबाति रायडू के बीच शतकीय साझेदारी हुई. रायडू 100 रन बनाकर रिटायर हो गए, ताकि बाकी लोगों को बल्लेबाजी मिल सके. शिखर ने 63 रन बनाए, जिसमें आठ चौके और एक छक्का लगाया.

महेंद्र सिंह धोनी.

इसके बाद युवराज सिंह ने भी आक्रामक पारी खेलते हुए 56 रन बनाए. 48 गेंद की इस पारी में दो छक्के और छह चौके थे. लेकिन असली रोमांच महेंद्र सिंह धोनी की पारी में था, जिन्हें देखने भारी संख्या में दर्शक आए थे. धोनी ने फिनिशर का रोल बेहतरीन तरीके से अंजाम दिया. उन्होंने 40 गेंद में 68 रन बनाए. आखिरी ओवर में धोनी के बल्ले से 23 रन निकले. बस, निराशा इस बात की ही रही कि उनकी टीम ने मुकाबला गंवा दिया, जो शायद धोनी के लिए किसी इंटरनेशनल टीम के खिलाफ कप्तान के तौर पर आखिरी मैच था.