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क्या मैच फिक्सिंग कर रहा है 2011 वर्ल्ड कप विजेता टीम का क्रिकेटर !

इस संबंध में पुलिस ने 14 लोगों को गिरफ्तार करके पूछताछ भी की

FP Staff

पिछले साल जयपुर में खेली गए एक घरेलू टी 20 टूर्नामेंट में मैच फिक्सिंग संबंधों को लेकर भारत की 2011 वर्ल्ड कप टीम का सदस्य जांच में घेरे में आ गया है. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक राजपूताना प्रीमियर लीग पिछले साल बीसीसीआई की एंटी करप्शन सिक्सोरिटी यूनिट के तहत पहली बार आया और राजस्थान पुलिस सीआईडी इसकी जांच कर रही है.

राजपूताना प्रीमियर लीग क्लब क्रिकेटर्स को शामिल करती है, जिसका सीधा प्रसारण इंडियन क्रिकेट का पूर्व राइट्स होल्डर नियो स्पोर्ट्स करता है. खबर के मुताबिक राजस्थान पुलिस ने संगठित क्रिकेट रैकेट के मास्टरमाइंड को खोज लिया है, जिसके संबंध तीनों फॉर्मेट में देश का प्रतिनिधित्व कर चुके उस पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी के साथ है.


खबर के मुताबिक उस पूर्व खिलाड़ी को टूनार्मेंट के दौरान अजीब तरीको से देखा गया है. पुलिस ने पिछले साल जुलाई में जयपुर में चार होटलों से 14 लोगों को गिरफ्तार कर उस खिलाड़ी सहित आयोजकों, खिलाड़ी, अंपायर, बुकी आदि के बारे में जानकारी जुटाई थी. पुलिस ने उनसे कैश, मोबाइल फोंस, वॉकी टॉकी और लैपटॉप भी बरामद किए थे. हालांकि गिरफ्तार किए गए ये लोग जमानत पर छूट गए थे और केस को पिछले साल नवंबर में सीआईडी को सौंप दिया गया था.

एक्प्रैस की रिपोर्ट दावा किया है कि अतिरिक्त डीजीपी सीआईडी (क्राइम) पंकज कुमाार सिंह ने कहा कि वह सभी सभी चीजों पर ध्यान दे रहे हैं और अभी वह उन निजी संस्थाओं की जांच कर रहे है, जो क्रिकेट बंधुता और अधिकारियों का हिस्सा है.

मैदान के बाहर बनाई जाती है रणनीति

अगर हमें उनके भष्ट्राचार के लिप्त होने का कोई भी सबूत मिलता है और कार्रवाई की जाएगी. हालांकि सिंह ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर के शामिल होने की चर्चा करने से इनकार कर दिया. सूत्रों के अनुसार जांचकर्ता हिंट्स के लिए कॉल डिटेल्स आदि की जांच कर रहे हैं. जांचकर्ता के अनुसार यह लीग एक टीवी रियलिटी शो के तरह है जिसमें वास्तव में आयोजक, खिलाड़ी और अंपायर्स सट्टेबाजों के साथ मिलकर यह फैसला करते है कि मैच को कैसे बदला जाए.

खबर में सूत्रों के अनुसार स्पॉटर और हैंडलर मैदान के बाहर अपने रणनीति स्थान पर होते है, जिससे वह यह सुनिश्चित कर सके है कि जो जिस खेल के जिस तरीके की योजना बनाई गई है, उसको फॉलो किया जा रहा है या नहीं. वे फील्ड अंपायर द्वाया इस्तेमाल किए जा रहे वॉकी टॉकीज के जरिए बुकी से मिलने वाली जानकारी को वह खिलाड़ियों को बताने के लिए बता देते हैं.