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हकीकत में कोहली नहीं है सबसे तेज दस हजारी, तस्‍वीर कुछ और बयां कर रही है!

कोहली ने सचिन से ज्यादा तेजी से 10,000 रन तो जरूर बना लिए हैं लेकिन ये आंकड़े सचिन को कमतर बल्लेबाज साबित नहीं करते हैं

FP Staff

वेस्टइंडीज के खिलाफ दूसरे वनडे में 10,000 रन का आंकड़ा पार करके कोहली ने एक ऐसे मील के पत्थर पर अपना नाम लिख दिया है जिसपर इससे पहले भारत के ही मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर का नाम लिखा हुआ था.

कोहली मे 157 रन की पारी खेल कर जो मुकाम हासिल किया वह 2001 में सचिन तेंदुलकर ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इंदौर में 139 रन की पारी के दौरान हासिल किया था. विराट कोहली ने ने 10,000 रन के आंकड़े तक पहुंचने में सचिन की तुलना में 55 पारियां कम खेली हैं और यही बात उन्हें इस मुकाम पर पहुंचने वाला सबसे तेज बल्लेबाज बनाती है.


जाहिर है जब कोहली ने सचिन के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली या यूं कहें कि उसे तोड़ दिया है तो फिर एक नजर उन आकड़ों पर भी डालनी जरूरी है जो 10,000 रन के इस लैंडमार्क पर दोनों बल्लेबाजों के खेल और हालात को बयान करते हैं.

क्या कहते हैं आंकड़े

सचिन ने 10,000 रन के इस आकड़े तक पहुंचने के लिए 259 पारियों में 42.63 की औसत से रन बनाए थे जिसमें 28 शतक और 50 अर्द्धशतक शामिल थे.

वहीं कोहली ने 205 पारियो में 59.62 की औसत से 37 शतत और 48 अर्द्धशतकों की मदद से यह मुकाम हासिल किया है.

ये आंकड़े तो कोहली को सचिन से आगे रख रहे हैं लेकिन अगर दोनों बल्लेबाजों के दौर की तुलना करेगें तो तस्वीर बदल सकती है.

अब जरा ये आंकड़े देखिए...

सचिन जब अपने 10,000 रन के मुकाम पर पहुचे थे उस वक्त वनडे क्रिकेट में इतने ज्यादा रन नहीं बना करते थे. सचिन ने जिन 266 मुकाबलों में यह मुकाम हासिल किया उनमें बाकी बल्लबाजों की स्ट्राइक रेट 71.51 की रही जबकि कोहली के वक्त में यह 85.99 है.

2001 के वक्त तक सचिन के साथी बल्लेबाजों का औसत 27.90 का था जबकि कोहली के साथ बल्लेबाजों का औसत 31.73 रन का है. जाहिर है अपने साथी बल्लेबाजों की तुलना में सचिन का स्ट्राइक रेट कोहली के स्ट्राइक रेट से ज्यादा था.

सचिन इस दौरान 38 बार मैनऑफ द मैच रहे जबकि कोहली 30 बार.

अब एक और पॉइंट पर बात करते हैं. सचिन ने अपने करियर के शुरुआती 66 मुकाबले निचले क्रम में बल्लेबाजी करने के बाद 1994 में ओपनिंग करना शुरू किया था. हर तब से लेकर 2001 तक के सचिन आंकड़े देखे जाएं तो वह उन्हें और खतरनाक बल्लेबाज के तौर पर पेश करते हैं.

10,000 रन के मुकाम तक पहुंचने के दौरान खेले इन 193 मुकाबलों में सचिन का औसत 46.37 का रहा था और स्ट्राइक रेट 89.60 का.  बाकी बल्लेबाजों की तुलना में सचिन का स्ट्राइक रेट फैक्टर 1.22 का हो जाता है जबकि कोहली का 1.08 है.

अब बात करते हैं शतक लगाने की विराट कोहली.  विराट हर 5.54 पारियों के बाद शतक जड़ देते हैं जबकि 10,000 रन के आंकड़े तक सचिन का यह आंकड़ा 9.25 था. लेकिन अगर बात 1994  में उनके सलामी बल्लेबाज बनने के बाद की करें तो यह कम होकर 6.89 हो जाता है.

लेकिन इसी दौरान भारत के लिए टॉप 4 में बल्लेबाजी करने वाले बाकी बल्लेबाजों के आंकड़े देखें तो उन्हें शतक लगाने में 24.7 इनिंग्स का वक्त लगता था. यानी सचिन इस मामले में अपने साथियों से 3.6 गुना अधिक थे. वहीं कोहली के साथी टॉप 4 बल्लेबाज शतक लगाने में 16.55 पारियां लेते हैं. यानी उनका यह अनुपात 3.11 का है. यह बताता है कि कोहली के इस युग में शतक जड़ना अब आसान हो चला है.

कौन है बड़ा चेज मास्टर!

अब बात रनों का पीछा करने की. कोहली को चेज मास्टर कहा जाता है और वह हैं भी.  लेकिन 1994-2001 के वर्त में सचिन के आंकड़े बेहद जोरदार हैं. इस दौरान उन्होंने 94.65 की स्ट्राइक रेट से 50.28 की औसत से टारगेट का पीछा किया. कोहली का औसत 68.54 का है लेकिन स्ट्राइक रेट सचिन से कम यानी 94.51 की है.

रनों का पीछा करने में कोहली का औसत सचिन से ज्यादा होने की एक बड़ी वजह उनका नॉट आउट रहना भी है. रनों की पीछा करके खेली पारियों में वह 28 बार नाबाद रहे हैं.

बहरहाल कोहली अभी जिस तरह की सुपर फॉर्म में हैं उसे देखकर लगता है कि वह और भी कई रिकॉर्ड्स तोड़ेंगे और हमें ऐसे ही और भी तुलना करने का मौका मिलेगा.