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धोनी का फोन ना लगना और लक्ष्मण के रिटायरमेंट की पहेली...6 साल बाद खुला राज!

वीवीएस लक्ष्मण ने अपनी आत्मकथा मे किया अपने करियर की इकलौती कंट्रोवर्सी पर खुलासा

FP Staff

एमएस धोनी के कप्तानी में टीम इंडिया के बड़े-बड़े खिलाड़ियों का रिटायरमेंट हुआ था. कप्तान धोनी के साथ कई सीनियर खिलाड़ियों के मतभेद की खबरे भी खूब सुर्खियों में रही थी लेकिन जिस खिलाड़ी से संन्यास ने सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरीं वह था वीवीएस लक्ष्मण का संन्यास. लक्ष्मण को साल 2012 में न्यूजीलैंड के खिलाफ टीम में सेलेक्ट किया गया था लेकिन उन्होंने अपने घरेलू शहर यानी हैदराबाद में होने वाले टेस्ट से पहले ही अचानक संन्यास का ऐलान करके चौंका दिया था. तब इस बात की भी खूब चर्चा हुई थी कि लक्ष्मण अपने संन्यास पर चर्चा करने के लिए धोनी का फोन ट्राइ करते रहे लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी. यह माना जाता रहा है कि अगर धोनी लक्ष्मण का फोन उठा लेते  तो शायद उनकी शानदार तरीके से हो सकती थी.

लक्ष्मण के संन्यास से छह साल से ज्यादा वक्त हो चुका है और उन्होंने साफ किया है कि उनके संन्यास में एम एस धोनी का कोई रोल नहीं था. लक्ष्मण ने अपने आत्मकथा में इस वाकिए की विस्तार से चर्चा की है. लक्ष्मण ने लिखा है, ‘ जब मैंने मीडिया को अपे संन्यास के बारे में सूचना दी तो सवालों की बाढ़ सी आ गई. सवाल उठा कि किया मैंने अपने साथियों को संन्यास की सूचना दी तो मैंने जवाब दिया हां. अगला सवाल था कि क्या मेरी धोनी से बात हुई? तो मैंने मजाक के तौर पर कहा कि आप सभी जानते हैं कि धोनी के बात करना कितना मुश्किल है. मुझे नहीं पता था कि मेरा यह मजाक मेरे करियर की इकलौती और सबसे बड़ी कंट्रोवर्सी खड़ी कर देगा.’


लक्ष्मण लिखते हैं, मैंने जाने अनजाने में ही मीडिया को मसाला मुहैया करा दिया. बाद जब धोनी से मेरी मुलाकात हुई तो उनका कहना था कि- लक्ष्मण भाई आप इन विवादों के आदी नहीं हो लेकिन मैं हूं. इन बातों को दिल पर मत लीजिए. उस वक्त मैं धोनी की मैच्योरिटी के काफी प्रभावित हुआ था.’