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आईसीसी महिला विश्वकप 2017: बधाई तो दे रहे हैं, पर क्या वाकई जानते हैं भारतीय टीम को

आईसीसी महिला विश्वकप के फाइनल में पहुंच चुकी है भारतीय टीम

Riya Kasana

भारतीय टीम ने आईसीसी महिला विश्वकप के फाइनल नें प्रवेश किया है. विश्व चैंपियन ऑस्ट्रेलिया को 36 रनों से हराकर भारतीय टीम फाइनल मे ंपहुंची है. टीम को  हर तरफ से बधाई संदेश मिल रहे हैं. लेकिन क्या आप वाकई भारतीय महिला क्रिकेट टीम को जानते हैं. आज हम आपको मिलाते हैं आपकी ही महिला क्रिकेट टीम से.


मिताली राज- भारतीय टीम की कप्तान, (दाएं हाथ की बल्लेबाज)

मिताली राज अब तक 6000 रन बना चुकी हैं. उनके नाम वनडे में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड है. इस विश्वकप में मिताली राज अब तक 3 अर्धशतक और एक शतक की बदौलत 392 रन बनाए हैं. टूर्नामेंट में दूसरी सबसे ज्यादा रन बनाने वाली खिलाड़ी हैं.

हरमनप्रीत कौरऑलराउंडर (दाएं हाथ की बल्लेबाज, दाएं हाथ की स्पिन गेंदबाज)

हरमनप्रीत कौर भारत की मिडिल ऑडर को मजबूती देती हैं. साथ ही गेंजबाजी में भी वह सहायक के तौर पर अच्छा प्रदर्शन करती है. वह दूसरे देश की लीग में खेलने वाली एकलौती भारतीय खिलाड़ी हैं. 2009 में हरमनप्रीत ने पाकिस्तान के खिलाफ अपना डेब्यु किया था. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 171 रन की तबड़तोड़ पारी की मदद से उन्होंने भारत को सेमीफाइनल में पहुंचाने में मदद की.

वेदा कृष्णमूर्ती – दाएं हाथ की बल्लेबाज

भारत की यह बल्लेबाज गेंद को हिट करने के लिए जानी जाती हैं. 18 साल की उम्र में उन्होंने 2011 में इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यु किया. वेदा भारत के बेहतरीन फिल्डर में से हैं. मुश्किल समय में वह फिल्ड में आकर बड़े शॉट लगाती हैं. न्यूजीलैंड के खिलाफ क्वाटरफाइनल बन चुके मैच में 45 गेंदों में 70 रन की पारी से मैच को जीतने में अहम रोल निभाया था.

स्मृति मंधाना- बाएं हाथ की बल्लेबाज

भारत की नेशनल क्रश बन चुकी 21 साल की स्मृति मंधाना भारत की ओपनर बल्लेबाज हैं. इस विश्वकप में अपने पहले विश्वकप मैच में समृति ने 90 रनों की पारी खेली और उसके अगले ही मैच में उनके शतक ने उन्हें भारत की भरोसेमंद बल्लेबाज बनाया. समृति भारत की एकलौती खिलाड़ी हैं जिन्हें ‘आईसीसी वुमेन ऑफ द इयर’ का खिताब अपने नाम किया.

पूनम राउत – दाएं हाथ की बल्लेबाज

टीम में यंग ब्रिगेड के बीच अनुभव की कमी पूरी कर रही हैं. बडे मैचों में दबाव झेलने का काम करती हैं पूनम राउत. इस विश्वकप में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ लीग मैच में उन्होंने शतक जमाया था.

शिखा पांडे- ऑलराउंडर

शिखा ने 2014 में इंग्लैंड के खिलाफ डेब्यु किया. बल्लेबाजी के साथ साथ वह किफायती गेंदबाजी भी हैं. अब तक वह 45 विकेट ले चुकी हैं.

एकता बिष्ट-  बाएं हाथ की स्पिन गेंदबाज

एकता बिष्ट भारत की स्पिन गेंदबाज क नेतृत्व करती हैं. एक ही साल में दो बार 5 विकेट लेनी वाली एकता ने इस विश्वकप में भी कई मैचों में भारत की जीत की नींव रखी है. 20.64 का एवरेज उनकी कबिलियत दिखाता है. 46 मैच खेल चुकी एकता का अनुभव टीम को बहुत मदद करता है.

दीप्ति शर्मा – दाएं हाथ की लेगब्रेक गेंदबाज

भारतीय टीम की सबसे युवा खिलाड़ी. 19 साल की दिप्ति ने 2014 में में भारतीय टीम में डेब्यु किया था. तबसे 29 मैच खेल चुकी दीप्ति 40 विकेट ले चुकी है. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में जिस तरह उन्होंने हरमनप्रीत कौर का साथ दिया उस से उनकी बल्लेबाजी के असर का भा पता चलता है.

झूलन गोस्वामी- दाएं हाथ की तेज गेंदबाज

भारतीय टीम की सबसे अनुभावी खिलाड़ी. दुनियां में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली खिलाड़ी. झूलन ने साल 2002 में भारतीय टीम में डेब्यु किया था जब उनकी उम्र मात्र 19 साल थी. 1997 के विश्वकप में बॉल गर्ल से लेकर दुनियां की सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली गोस्वामी भारतीय टीम का मजबूत स्तंभ है.

मानसी जोशी- दाएं हाथ की तेज गेंदबाज

23 साल की मनसी ने अब तक 7 वनडे मैच ही खेले है. हरियाणा की इस खिलाड़ी ने 5 विकेट लिए हैं.

राजेश्वरी गायकवाड – बाएं हाथ की स्पिन गेंदबाज

न्यूजीलैंड के खिलाफ 15 रन देकर 5 विकेट लेकर भारत को सेमीफाइनल का टिकट दिलाया था राजेश्वरी ने. 29 मैचों में 53 विकेट लेनी वाली राजेश्वरी भारतीय टीम की ताकत हैं.

पूनम यादव- दाएं हाथ की लेगब्रेक गेंदबाज

2013 में बांग्लादेश के खिलाफ पूनम यादव ने अपना डेब्यु किया. 25 साल की यह गेंदबाज 22 मैचों में 31 विकेट ले चुकी हैं.

सुषमा वर्मा- विकेटकीपर, बल्लेबाज

2014 में डेब्यु करने के बाद से सुषमा विकेटकीपर के तौर पर टीम की पहली पसंद बनी हुई हैं. सुषमा 2017 विश्वकप में भी स्टंपिंग से कमाल का प्रदर्शन किया है.

मोना मेशरम-  दाएं हाथ की बल्लेबाज

25 साल की मोना ने 2012 में भारतीय टीम में डेब्यु किया था.वह 2013 के विश्वकप में भी भारत का प्रतिनिधत्व कर चुकी है.

नुजत प्रवीन- दाएं हाथ की बल्लेबाज

नुजत ने अभी तक एक ही वनडे खेला है. आयरलैंड के खिलाफ जिसमें उन्हें बल्लेबाजी का मौका नहीं मिला.