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अंडर 19 विश्व कप : इस वजह से शुभमन गिल अपने पास रखते हैं स्टीव वॉ जैसा लाल रूमाल

भारत के मोहिंदर अमरनाथ जब भी फील्डिंग करने आते थे तो वो भी अपनी जेब में लाल रूमाल रखा करते थे.

FP Staff

पाकिस्तान के खिलाफ हमेशा से ही भारत का मुकाबला काफी रोमांचकारी रहता है. फिर चाहे वो सीनियर टीम का हो या जूनियर टीम और अगर चिर प्रतिद्वंद्वी से मुलाकात विश्व के सेमीफाइल में हो तो मुकाबला और भी अधिक रोमांचकारी हो जाता है.

कुछ ऐसा ही हुआ था जब भारत की अंडर 19 टीम विश्व कप के सेमीफाइनल में  पाकिस्तान को हराकर फाइनल में पहुंचने में कामयाब हुई. इस मैच में शुभमन गिल ने अहम पारी खेली. उन्होंने नाबाद शतक जड़ा. हालांकि उनकी ये 102 रन की पारी किसी ड्रामा से कम नहीं रही. जब वो 97 रन पर खेल रहे थे तो एक अच्छी गेंद पर गलत शॉट खेल बैठे, लेकिन उनकी किस्मत अच्छी मानिए या विपक्षी टीम की बुरी, कवर साइड से आगे बढ़े फील्डर के हाथ में आने से पहले ही गेंद नीचे गिर गई.


यही नहीं अगली गेंद पर इन्होंने सीधा शॉट खेला और इस बार फिर किस्मत ने गिल का साथ दिया और कैच छूट गया. इनकी शानदार पारी में किस्मत ने भी इनका बखूबी साथ दिया. गिल का मानना है कि ये सब उनके लाल रूमाल की वजह से हुआ. टूर्नामेंट के हर मैच में गिल अपने साथ एक लाल रूमाल रखते हैं और हर मैच में 50 से अधिक का भी स्कोर किया. गिल अपनी शानदार पारियों का क्रेडिट अपने लाल रूमाल को देते हैं. उनका मानना है कि उस लाल रूमाल की वजह से ही वो अच्छा स्कोर कर रहे हैं. यानी हर मैच में इनकी जेब में दिखने वाला वह लाल रूमाल ऐसे ही अपने साथ नहीं रखते, बल्कि वो गिल का लकी चार्म है.

गिल के अनुसार वे शुरुआत से ही अपने साथ रूमाल रखते हैं. अंडर 16 स्तर पर वे टूर्नामेंट में अच्छे फॉर्म में नही थे. अगले मैच में उन्हें खुद की जेब से एक सफेद रंग का रूमाल मिला और और मैच के दौरान उन्होंने उस सफेद रूमाल को अपने पास रखा. उस दिन उन्होंने शतक लगाया. भागने और डाइव लगाने की वजह से उनका सफेद रूमाल गंदा हो गया था, इसीलिए अगले मैच में उन्होंने लाल रूमाल जेब में रखा और उसे मैच में भी एक ओर शतक जड़ा. तभी से लाल रंग के रूमाल को वह अपने साथ रखने लगे.

वैसे गिल सिर्फ अकेले ऐसे बल्लेबाज नहीं है जो इनमें विश्वास करते हैं, बल्कि इनके कोच राहुल द्रविड़ भी अपने समय में टोटको में विश्वास रखते थें. द्रविड़ को टेक्निकल बल्लेबाज माना जाता है, लेकिन ये बल्लेबाज सबसे पहले दाएं पैर में थाई पैड पहनते थे और कभी भी सीरीज में नए बैट का इस्तेमाल नहीं करते थे. वैसे गिल को लाल रूमाल के टोटके कारण उनको स्टीव वॉ माना जाने लगा है, क्योकि वॉ भी अपनी जेब में हमेशा लाल रंग का ही रूमाल रखते थे, जो कि वॉ को उनकी दादी ने दिया था.

लेजेंड क्रिकेटरों में शुमार भारत के मोहिंदर अमरनाथ जब भी फील्डिंग करने आते थे तो वो भी अपनी जेब में लाल रूमाल रखा करते थे. 1983 विश्व कप में उन्होंने आखिरी विकेट लेने के साथ कमाल का प्रदर्शन किया था. लेफ्ट आर्म गेंदबाज जहीर खान भी हर मुश्किल मैच में अपने साथ पीले रंग का रूमाल रखते थे.