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टेस्ट क्रिकेट में उछलता रहेगा टॉस का सिक्का, आईसीसी की क्रिकेट समिति ने लगाई मुहर

क्रिकेट समिति ने खेल के पारपंरिक प्रारूप से टॉस हटाने के खिलाफ फैसला करते हुए इसे खेल का अभिन्न हिस्सा करार किया

FP Staff

टेस्ट क्रिकेट में दोनों टीमों के टीम कॉम्बिनेशन से भी ज्यादा जिस पहलू की अहमियत होती है वह होता है टॉस. कई बार तो खिलाड़ियों के प्रदर्शन से भी ज्यादा, टॉस मैच का नतीजा निर्धारित कर देता है. दुनिया के बाकी खेलों के मुकाबले में क्रिकेट के खेल में टॉस की भूमिका को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. क्रिकेट और टॉस एक दूसरे के बिना अधूरे लगते हैं. कुछ दिनों पहले तक ये माना जा रहा था कि अब शायद क्रिकेट के खेल का यह सबसे अहम पहलू इस खेल से रुखसत हो सकता है. लेकिन अनिल कुंबले की अगुआई वाली आईसीसी की क्रिकेट समिति ने मंगलवार को खेल के पारपंरिक प्रारूप से टॉस हटाने के खिलाफ फैसला करते हुए इसे खेल का अभिन्न हिस्सा करार किया. जिससे टेस्ट मैच में खेल से पहले बल्लेबाजी और क्षेत्ररक्षण तय करने के लिए आगे भी सिक्के से फैसला होगा

पूर्व भारतीय कप्तान की अगुआई में समिति ने खिलाड़ियों के व्यवहार के संबंध में सिफारिशें की और विश्व क्रिकेट संचालन संस्था से कड़े कदम उठाने तथा खिलाड़ियों और प्रतिस्पर्धी टीम के बीच ‘ सम्मान की संस्कृति  को बरकरार रखने की वकालत की. इसने गेंद से छेड़छाड़ में शामिल होने के लिए कड़ी सजा की भी बात कही.


टॉस को हटाया जाना एक विवादास्पद मुद्दा बन गया था, क्योंकि ज्यादातर पूर्व खिलाड़ियों और हिस्सेदारों ने इसे नकारात्मक कदम बताया था. हालांकि चर्चा के मुख्य बिंदुओं में से एक चर्चा का विषय यह था कि क्या टेस्ट मैचों के दौरान घरेलू हालात के फायदे को कम करने के लिए टॉस (दौरा करने वाली टीम को चुनने का अधिकार मिले) को खत्म कर दिया जाए. आईसीसी ने विज्ञप्ति में कहा, ‘ समिति ने चर्चा की कि क्या टॉस का अधिकार सिर्फ दौरा करने वाली टीम के सुपुर्द कर दिया जाए, लेकिन बाद में महसूस किया गया कि यह टेस्ट क्रिकेट का अभिन्न हिस्सा है जो खेल की शुरुआत में मैच की भूमिका तय करता है.’

बेहतर स्तर की पिचें तैयार करनी चाहिए

समिति में हालांकि पूर्व अंतरराष्ट्रीय कप्तान जैसे माइक गेटिंग, महेला जयवर्धने, मौजूदा अंतरराष्ट्रीय कोच माइकल हेसन (न्यूजीलैंड) और पूर्व ऑस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज और मैच रेफरी डेविड बून भी शामिल थे. ये सब इस बात पर सहमत थे कि मेजबान देश को विश्व टेस्ट चैंपियनशिप को ध्यान में रखते हुए बेहतर स्तर की पिचें तैयार करनी चाहिए. इसके अनुसार, ‘ टेस्ट पिचों को तैयार करना आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप की प्रतिस्पर्धिता को जोखिम पैदा कर सकता है, यह बात स्वीकार करते हुए समिति ने सदस्यों से पिचों की गुणवत्ता पर ध्यान जारी रखने का आग्रह किया ताकि आईसीसी नियमों के अंतर्गत बल्ले और गेंद के बीच बेहतर संतुलन बनाया जा सके.’

बुरा बर्ताव और गेंद से छेड़छाड़ का मुद्दा भी छाया रहा

अंतिम दो दिन में ज्यादातर समय खिलाड़ियों के बुरे बर्ताव पर चर्चा करने में निकला जिससे खेल पिछले कुछ समय से जूझ रहा है, जबकि गेंद से छेड़छाड़ का मुद्दा भी अहम रहा. ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ और उप कप्तान डेविड वॉर्नर को साउथ अफ्रीका में गेंद से छेड़छाड़ प्रकरण के कारण एक साल का निलंबन झेलना पड़ रहा है. कुंबले ने कहा, ‘ हमने खिलाड़ियों के बर्ताव के मुद्दे को लेकर काफी अच्छी चर्चा की और मैं माइक गेटिंग और डेविड बून का हमसे जुड़ने और चर्चा में महत्वपूर्ण योगदान के लिए शुक्रिया करना चाहूंगा. समिति ने आईसीसी के मुख्य कार्यकारियों की समिति और आईसीसी बोर्ड की भावनाओं का समर्थन किया और हमने सम्मान की संस्कृति बनाने के लिए कई सिफारिशें की हैं.’

गेंद से छेड़छाड़ से जुड़े प्रतिबंध को बढ़ाने की सिफारिश

आचार संहिता के संबंधित कुछ सुझाव इस प्रकार हैं, गेंद से छेड़छाड़ से जुड़े प्रतिबंध को बढ़ाना. अपमानजनक, व्यक्तिगत और आक्रामक अपशब्दों के लिए नए उल्लघंन बनाना. अनुचित फायदा उठाने का प्रयास करने के लिए नए अपराध को शामिल करने पर विचार करना. सम्मान संहिता बनाना. मैच रेफरी को किसी अपराध या उल्लघंन के स्तर को बढ़ाने या घटाने का अधिकार देना.