जिम्बाब्वे क्रिकेट (जेडसी) को मजबूत करने के लिए आईसीसी ने बड़ा कदम उठाया है. जिम्बाब्वे क्रिकेट जेडसी अपने खिलाड़ियों और स्टाफ को सैलेरी नहीं दे पा रहा है, जिस वजह से वहां खेल को नुकसान भी हो रहा है. सैलेरी न मिलने के कारण देश के कई अच्छे खिलाड़ी टीम में शामिल नहीं होना चाहते और न ही विदेशी टीमों को वहां सुविधाएं मिल रही है. इन सबको देखते हुए जेडीसी की मदद करने के लिए आईसीसी आगे आया. आईसीसी ने स्पष्ट किया है कि वह खिलाड़ियों और स्टाफ की बकाया राशि देने में जिम्बाब्वे क्रिकेट की मदद करेगा. क्रिकेट बोर्ड ने इसकी जानकारी दी, जिसे अपेक्स बॉडी के नियंत्रण वाली फंडिंग पेमेंट प्लान का एक हिस्सा है. हालांकि बोर्ड की ओर से अभी इस योजना को कोई अधिक जानकारी नहीं बताई गई है.
इस माह जेडसी और आईसीसी के बीच डबलिन में हुई बैठक में इस बात पर भी चर्चा हुई थी. हालांकि आईसीसी किस तरह से भगुतान करेगा, इस पर अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है. आईसीसी के इस कदम में जिम्बाब्वे बोर्ड को राहत मिलेगी. रिलीज में कहा गया है कि इससे अभी के स्टाफ और खिलाड़ियों को राहत मिलेगी और यह जिम्बाब्वे में वापस में क्रिकेट की स्थिति को मजबूत करने के लिए पहला कदम है. वेतन विवाद के चलते पाकिस्तान और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 सीरीज और पाकिस्तान के खिलाफ 5 मैचों की वनडे सीरीज से जिम्बाब्वे के स्टार खिलाड़ी ब्रेंडन टेलर, सिंकर राजा, ग्रैम क्रिमर, सीन विलियम्स और क्रेग एरविन पीछे हट गए थे. आईसीसी के इस कदम से जिम्बाब्वे को उम्मीद है कि सितंबर में साउथ अफ्रीका दौरे से पहले वेतन विवाद से संबंधित मामले को सुलझा लिया जाएगा.