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...तो क्या अब टेस्ट क्रिकेट में नहीं उछलेगा टॉस का सिक्का!

2019 से शुरू होने वाली वर्ल्ड चैंपियनशिप के साथ ही टॉस बन सकता है इतिहास का हिस्सा

FP Staff

टेस्ट क्रिकेट में मुकाबला खेल रही दोनों टीमों के टीम कॉम्बिनेशन से भी ज्यादा जिस पहलू की अहमियत होती है वह होता है टॉस. कई बार तो खिलाड़ियों के प्रदर्शन से भी ज्यादा, टॉस मैच का नतीजा निर्धारित कर देता है.  दुनिया के बाकी खेलों के मुकाबले में क्रिकेट के खेल में टॉस की भूमिका को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. क्रिकेट और टॉस एक दूसरे के बिना अधूरे लगते हैं.

लेकिन अब शायद क्रिकेट के खेल का यह सबसे अहम पहलू इस खेल से रुखसत हो सकता है. ईएसपीएन क्रिकइंफो की खबर के मुताबिक आईसीसी टॉस के लिए उछलने वाले सिक्के को क्रिकेट के इतिहास का हिस्सा बनाने पर विचार कर रही है और मुंबई में इसी महीने के आखिर में होने वाली क्रिकेट कमेटी की मीटिंग मे 2019 में शुरू होने वाली वर्ल्ड चैंपिंयनशिप में टॉस की भूमिका को खत्म करने पर विचार किया जा सकता है.


खबर के मुताबिक अनिक कुंबले की अध्यक्षता वाली इस कमेटी के कुछ सदस्य टेस्ट क्रिकेट से टॉस को अलविदा कहने के पक्ष में हैं.

क्यों हो रही है टॉस की खिलाफत

दरअसल टॉस की खिलाफत करने वालों का तर्क है कि इससे मेजबानी करने वाली टीम को फायदा मिलता है और इसके लिए खराब पिच बनाने के मामले सामने आते हैं. टॉस की बजाय मेहमान टीम को बल्लेबाजी या गेंदबाजी चुनने का विकल्प दिया जा सकता और ऐसा होने पर न्यूट्रल विकेट बनने की संभावना अधिक हो जाएगी.

अगर क्रिकेट कमेटी में सहमति बनती है तो फिर 2019 से ऑस्ट्रलिया-इंग्लैंड के बीच शुरू होने वाली एशेज सीरीज से टॉस की भूमिका को खत्म किया जा सकता है. 1877 ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच खेले गए इतिहास के पहले टेस्ट के बाद से लेकर अब तक टॉस हर टेस्ट मैच का हिस्सा रहा है और अगर इसे खत्म करने का फैसला हो जाता है तो यह क्रिकेट के खेल का बेहद अहम फैसला होगा.