क्या इसे ही ओवरकॉन्फिडेंस कहते हैं? या इसे कमजोर प्रदर्शन कहेंगे. वही टीम इंडिया, जिसने पाकिस्तान के खिलाफ फील्डिंग के अलावा कुछ भी खराब नहीं किया था, उसके लिए गुरुवार को सब बदल गया था. इस बार उसने बैटिंग के अलावा कुछ भी ठीक नहीं किया. श्रीलंका के खिलाफ 321 रन बनाने के बावजूद भारत को सात विकेट से हार मिली.
इस नतीजे ने ग्रुप बी को पूरी तरह खोल दिया है. अब हालात कुछ यूं हैं कि चारों टीमों के दो-दो मैचों से दो-दो अंक हैं. नेट रन रेट में जरूर अब भी भारत सबसे आगे है. लेकिन अब 11 यानी रविवार और 12 यानी सोमवार को होने वाले मैच क्वार्टर फाइनल की तरह होंगे. भारत को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ, जबकि श्रीलंका को पाकिस्तान के खिलाफ खेलना है. इन मैचों में जीतने वाली टीम सेमीफाइनल में और हारने वाली टीम घर जाएगी
भारत के लिए ओवर में खेले गए मुकाबले में हार की वजह तीन रहीं. पहली गेंदबाजी, दूसरी फील्डिंग और तीसरी श्रीलंका की जुझारू बल्लेबाजी. ऐसी टीम, जिसमें उपुल तरंगा सस्पेंशन झेल रहे हैं. एंजेलो मैथ्यूज फिट नहीं हैं. कुशल परेरा को हैमस्ट्रिंग की समस्या से रिटायर्ड हर्ट होना पड़ता है. गुणरत्ने के कंधे में चोट है. उसके बावजूद जिस तरह का जज्बा इस टीम ने दिखाया, उसे विपक्षियों को भी सराहना चाहिए.
श्रीलंका के लिए निरोशन डिकवेला जरूर महज सात रन पर आउट हो गए. उसके बाद हर किसी ने उपयोगी योगदान दिया. दनुश्का गुणतिलक और कुशल मेंडिस के बीच दूसरे विकेट के ले 158 रन की साझेदारी ने प्लेटफॉर्म बनाया. दोनों रन आउट हुए. गुणतिलक 76 और मेंडिस 89 रन बनाकर.
लेकिन एंजेलो मैथ्यूज और कुशल परेरा ने टीम को रन आउट नहीं होने दिया. दोनों टीम को जीत की तरफ लेकर आए. जब परेरा चोट की वजह से परेशानी में दिखे, तो उनकी जगह गुणरत्ने आ गए. 52 रन पर नॉट आउट रहे मैथ्यूज और 34 पर गुणरत्ने नॉट आउट रहे. परेरा ने रिटायर्ड हर्ट होने से पहले 47 रन बनाए.
भारत के लिए भुवनेश्वर के अलावा किसी गेंदबाज को कोई विकेट नहीं मिला. बची-खुची कसर फील्डिंग ने पूरी कर दी. तीन कैच और रन आउट के मौके छोड़े. लगातार दूसरे मैच में टीम इंडिया की फील्डिंग बहुत कमजोर रही. भुवनेश्वर और जसप्रीत बुमराह के अलावा बाकी सभी ने छह रन से ज्यादा प्रति ओवर के हिसाब से रन दिए. रवींद्र जडेजा तो इतना पिटे कि कप्तान विराट कोहली को कुछ ओवर करने आना पड़ा.
इससे पहले सलामी बल्लेबाज शिखर धवन (125) की बेहतरीन शतकीय पारी और रोहित शर्मा (78) तथा महेंद्र सिंह धोनी (63) के अर्धशतकों की बदौलत भारत ने 321 रन बनाए. रोहित और धवन की सलामी जोड़ी ने उसे शानदार शुरुआत दी. इसका फायदा अंत में पूर्व कप्तान धोनी ने खूब उठाया और तेजी से रन बटोरे. हालांकि कप्तान विराट कोहली और पाकिस्तान के खिलाफ मैन ऑफ द मैच चुने गए युवराज सिंह कुछ खास नहीं कर पाए और जल्दी पवेलियन लौट गए.
रोहित और धवन की जोड़ी ने श्रीलंकाई गेंदबाजों को शुरू से विकेट के लिए तरसा दिया था. इस जोड़ी ने पहले विकेट के लिए 138 रनों की साझेदारी की. रोहित ने 79 गेंदों की अपनी पारी में छह चौके और तीन छक्के मारे. टीम के खाते में एक रन ही जुड़ा था कि कोहली को नुवान प्रदीप ने खाता खोले बिना पवेलियन भेजा. युवराज थोड़ा संघर्ष करते दिखे. उन्होंने स्वभाव के विपरीत 18 गेंदों में सात रन बनाए.
धोनी ने इसके बाद धवन का साथ दिया और चौथे विकेट के लिए 82 रन जोड़ते हुए टीम का स्कोर 261 तक पहुंचाया. इसी स्कोर पर धवन मलिंगा की गेंद पर आउट हो गए. 128 गेंदों में 15 चौके और एक छक्का मारने वाले धवन का यह चैंपियंस ट्रॉफी में सर्वोच्च स्कोर है. श्रीलंका की तरफ से मलिंगा ने दो विकेट लिए.