क्या वाकई दक्षिण अफ्रीका चोकर है? ये सवाल हर बार पहले से ज्यादा मुखर होकर सामने आता है. एक टीम, जिसका स्कोर एक विकेट पर 116 हो, वो अगर 191 पर ऑल आउट हो जाए, तो ये सवाल और बड़ा होता है. उसमें भी दो बड़े विकेट रन आउट हो जाएं, तो समझ से बाहर होता है कि आखिर ऐसी क्या हड़बड़ी थी. ऐसा क्या दबाव था.
ये सब हुआ. ओवर में वो सब हुआ, जिसकी उम्मीद नहीं थी. ये उम्मीद नहीं थी कि दक्षिण अफ्रीका जैसी टीम पूरे पचास ओवर नहीं खेल पाएगी और 44.3 ओवर में 191 पर ढेर हो जाएगी. ये उम्मीद नहीं थी कि जो मैच एक तरह से क्वार्टर फाइनल है, वो इस कदर एकतरफा होगा. लेकिन ये सब हुआ. इन सबका फायदा भारत को हुआ. 12 ओवर और आठ विकेट बाकी रहते भारतीय टीम ने 193 रन बनाकर लक्ष्य पाया और खुद को चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में पहुंचा दिया.
अब भारत का मुकाबला बांग्लादेश से होने की उम्मीद है. श्रीलंकाई टीम पाकिस्तान को 294 रन से हराए, तभी भारत को इंग्लैंड से खेलना पड़ेगा. इसे देखते हुए साफ लगता है कि भारत और बांग्लादेश के बीच मैच होगा. पाकिस्तान-श्रीलंका मैच के विजेता का मुकाबला इंग्लैंड से होगा.
भारतीय प्रदर्शन के लिहाज से देखा जाए, तो कहीं कोई कमी नहीं दिखाई दी. सही है कि फील्डिंग थोड़ी और बेहतर हो सकती थी. लेकिन एक बार दक्षिण अफ्रीका ने दो रन आउट के साथ आत्महत्या का फैसला किया तो किसी कमजोरी का बहुत ज्यादा असर नहीं रहा.
192 का टारगेट कभी ज्यादा नहीं था. उसमें भी दक्षिण अफ्रीका की कमजोर फील्डिंग भारत का साथ दिया. बाकी काम शिखर धवन और रोहित शर्मा ने कर दिया. शिखर ने 78 रन बनाए और विराट 76 रन बनाकर नॉट आउट रहे. 12 रन बनाकर रोहित शर्मा आउट हुए, तो भारत का स्कोर 23 रन था. यहां से शिखर और विराट ने साझेदारी की. शुरुआत में परेशानी भी आई. विराट का कैच स्लिप में हाशिम अमला ने छोड़ा. लेकिन धीरे-धीरे विराट की वही रंगत दिखने लगी, जिसके लिए वो जाने जाते हैं.
शिखर धवन ने भी आक्रामक शॉट्स का नमूना दिखाया. दूसरे विकेट के लिए विराट और शिखर ने 24.4 ओवर में 128 रन जोड़े. शिखर ने मिड विकेट पर कुछ बेहतरीन शॉट्स खेले. जब भारत को जीत के लिए 41 रन बनाने थे, तब शिखर आउट हुए. लेकिन विराट के साथ युवराज ने कोई दिक्कत नहीं आने दी. युवराज 23 पर नॉट आउट रहे. उनके छक्के से ही मैच खत्म हुआ.
इससे पहले दक्षिण अफ्रीकी टीम 44.3 ओवरों में 191 रनों पर ही ढेर हो गई. भारतीय कप्तान विराट कोहली ने टॉस जीतकर दक्षिण अफ्रीका को पहले बल्लेबाजी के लिए आमंत्रित किया. क्विंटन डी कॉक (53), हाशिम अमला (35) ने टीम को जो शुरुआत दी उससे लगा कि अफ्रीका बड़ा स्कोर बोर्ड पर टांगेगा.
दोनों बल्लेबाजों ने भारतीय गेंदबाजों को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया और अच्छी बल्लेबाजी करते हुए 17.3 ओवरों में 76 रन बनाए. इस टूर्नामेंट में अपना पहला मैच खेल रहे रविचंद्रन अश्विन ने अमला को विकेट के पीछे महेंद्र सिंह धोनी के हाथों कैच करा भारत को पहली सफलता दिलाई.
फाफ ड्यू प्लेसी ने हालांकि अमला की कमी नहीं खलने दी और डि कॉक के साथ मिलकर टीम का स्कोर 116 रनों तक पहुंचाया. यहां से पागलपन शुरू हुआ. रवींद्र जडेजा ने डि कॉक को बोल्ड किया.
कप्तान एबी डिविलियर्स (16) गैरजरूरी रन लेने के लिए दौड़े और हार्दिक पांड्या की थ्रो पर धोनी ने उनके डंडे बिखेरे. फिर एक और गलतफहमी की वजह से डेविड मिलर और ड्यू प्लेसी एक ही छोर पर आ गए. मिलर एक रन बनाकर रन आउट हुए.
यहां से दक्षिण अफ्रीका की टीम अपने खाते में 46 रन ही जोड़ सकी और छह बाकी के छह विकेट खोकर मामूली स्कोर पर ढेर हो गई. ड्यू प्लेसी के रूप में दक्षिण अफ्रीका का पांचवां विकेट गिरा. ज्यां पॉल ड्यूमिनी 20 रनों पर नाबाद लौटे.
भारत की तरफ से भारत की तरफ से भुवनेश्वर कुमार ने दो-दो विकेट लिए. रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा, हार्दिक पांड्या को एक-एक विकेट लिया. तीन बल्लेबाज रन आउट हुए.