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चैंपियंस ट्रॉफी 2017 फाइनल, भारत बनाम पाकिस्तान : किसमें कितना है दम !

हमेशा की तरह भारतीय बल्लेबाजों और पाकिस्तानी गेंदबाजों के बीच होगा मुकाबला

FP Staff

आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल, और मुकाबला भारत-पाकिस्तान के बीच. मिनी वर्ल्डकप कहे जाने वाले इस टूर्नामेंट का यह वो फाइनल है जिसके बारे में खेल प्रेमियों ने अब तक ख्वाब ही देखा था. करीब 10 साल पहले भारत और पाकिस्तान साल 2007 में ट्वेंटी 20 वर्ल्डकप के फाइनल में भिड़े थे. और उसका नतीजा सबको याद होगा. इंग्लैंड में खेली जा रही चैंपियंस ट्रॉफी में, भारत ने पहले ही मुकाबले में पाकिस्तान को बुरी तरह से मात दी. उस मैच के बाद शायद ही किसी को उम्मीद होगी कि इस टूर्नामेंट में दोनों टीमें फिर आमने-सामने होंगी और वो भी फाइनल में.

लेकिन उस पहले और इकतरफा मुकाबले और फाइनल तक के वक्त के बीच लंदन की टेम्स नदी में बहुत पानी बह चुका है. पाकिस्तान उसके बाद बिना कोई मैच हारे फाइनल में पहुंचा है. और जिस तरह सेमीफाइनल में पाकिस्तान ने मेजबान और टूर्नामेंट की सबसे मजबूत टीम मानी जा रही इंग्लैड को मात दी है उसने कोहली एंड कंपनी को सतर्क तो जरूर कर दिया होगा.


भारत और पाकिस्तान के बीच इससे पहले जब-जब मुकाबले हुए हैं तब-तब उन्हें भारतीय बल्लेबाजों और पाकिस्तानी तेज गेंदबाजों के बीच का मुकाबला माना गया है. और इस बार भी हालात जुदा नहीं हैं. चैंपियंस ट्रॉफी में जहां भारतीय बल्लेबाजों ने अपनी मजबूती का परिचय दिया है वहीं पाकिस्तान की ताकत उसके तेज गेंदबाज ही रहे हैं. सेमीफाइनल मुकाबले में भारत के टॉप ऑर्डर ने बांग्लादेश की गेंदबाजों को बेअसर किया. वहीं पाकिस्तान के तेज गेंदबाजों में इंग्लैंड के खिलाफ इतनी सटीक लाइन और लैंग्थ के साथ गेंदबाजी की कि बेन स्टोक जैसे बल्लेबाज भी हैरान नजर आए.

टीम इंडिया को पाकिस्तान की इसी तेज गेंदबाजी से सतर्क रहने की जरूरत होगी. अगर मोहम्मद आमिर फाइनल मुकाबले के लिए फिट हो जाते हैं तो पाकिस्तान की गेंदबाजी और भीअसरदार हो जाएगी. भारत बल्लेबाजी की ताकत उसका टॉप ऑर्डर है. रोहित और धवन की सलामी जोड़ी पिछली चैंपियंस ट्रॉफी की तरह इस बार भी अपने रंग में है. और इनके बाद तीसरे नंबर पर कोहली भी जबरदस्त फॉर्म में हैं. ऐसे में भारत के सामने शुरूआती ओवरों में आमिर और जुनैद के सामने विकेट बचाते हुए अच्छी रन-गति को बरकरार रखने की चुनौती होगी.

भारत का मध्यक्रम भी युवराज धोनी और केदार जाधव जैसे बल्लेबाजों से लैस है. लेकिन पाकिस्तान के पास हसन अली जैसा गेंदबाज है जो बीच के ओवरों में लगातार विकेट निकाल रहे हैं. इस पूरे टूर्नामेंट में हसन अली मिडिल ऑर्डर के बल्लेबाजों के लिए एक बुरा सपना साबित हुए हैं.

भारत के शिखर धवन के नाम इस चैंपियंस ट्रॉफी में सबसे ज्यादा 317 रन हैं, तो वहीं पाकिस्तान के हसन अली इस टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा 10 विकेट हासिल कर चुके हैं. जाहिर है कि मुकाबला भारतीय बल्लेबाजों और पाकिस्तानी गेंदबाजों के बीच ही होगा.

दोनों टीमों की कुछ कमजोरियां भी हैं. भारतीय गेंदबाजी,बल्लेबाजी के मुकाबले बेहद कमजोर है. भुवनेश्वर कुमार,जसप्रीत बुमराह और उमेश यादव ने हालांकि विकेट तो हासिल किए है लेकिन दबाव के वक्त ये गेंदबाज टीम को विकेट दिलाने में नाकाम हो जाते हैं. इसकी नजीर श्रीलंका के खिलाफ हुए मैच में देखने को मिली थी. भारतीय गेंदबाजी की सबसे कमजोर कड़ी पांचवां गेंदबाज है. हार्दिक पांड्या इस भूमिका में अब तक बेअसर ही साबित हुए हैं. हालांकि केदार जाधव ने बांग्लादेश के खिलाफ अपनी गेंदबाजी से कुछ उम्मीदें जरूर जगाई हैं.

वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान की बल्लेबाजी उसके लिए मुश्किल का सबब है. हालांकि फखर जमां और अजहर अली जैसे प्रतिभावान और शोएब मलिक जैसे अनुभवी बल्लेबाज टीम में मौजूद है लेकिन फिर भी यह टीम बल्लेबाजी में अपने कप्तान सरफराज पर ही ज्यादा निर्भर कर रही है.

वहीं बात अगर क्षेत्ररक्षण की करें तो यहां पे टीम  इंडिया पाकिस्तान से इक्कीस है. पॉइंट क्षेत्र में रविंद्र जडेजा की मौजूदगी करीब 10 रन का अंतर पैदा कर सकती है.

अगर दोनों टीमों की ताकत, कमजोरी और अनुभव को जोड़कर कयास लगाया जाए तो पलड़ा टीम इंडिया का ज्यादा भारी नजर आता है. लेकिन पाकिस्तान की टीम को दुनिया की सबसे अन-प्रिडिक्टेबल टीम माना जाता है. ऐसे में कैप्टन कोहली को सतर्क रहने की जरूरत होगी.