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चैंपियंस ट्रॉफी 2017: धोनी की 'कप्तानी' की बदौलत फाइनल में पहुंची टीम इंडिया

जीत के बाद कप्तान कोहली ने माना कि धोनी की सलाह के बाद ही जाधव को थमाई थी गेंद

FP Staff

यूं तो महेंद्र सिंह धोनी टीम इंडिया की कप्तानी छोड़ चुके हैं और टीम इंडिया में बतौर विकेट कीपर ही खेलते हैं. लेकिन जरूरत पड़ने पर धोनी अपने कप्तान विराट कोहली को ऐसी सलाह देते हैं जो किसी भी मुकाबले का पासा पलट देती है.

धोनी की सलाह साबित हुई मैच का टर्निंग पॉइंट


चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में भी ऐसा ही एक नजारा देखने को मिला. बांग्लादेश को मात देकर टीम इंडिया अगर फाइनल में पहुंची है तो इसके पीछे धोनी का ही दिमाग है. धोनी ने इस मैच में कोहली को एक ऐसी सलाह दी जो इस मुकाबले का टर्निंग पॉइंट साबित हुई.

दरअसल इस मुकाबले में बांग्लादेश की पारी के दौरान टीम इंडिया ने शुरुआती दो विकेट तो जल्दी हासिल कर लिए थे. लेकिन तीसरा विकेट हासिल करने में टीम इंडिया को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही थी. तमीम इकबाल और मुशफिकर रहीम तीसरे विकेट के लिए 100 से ज्यादा रन की भागीदारी कर चुके थे. बांग्लादेश की टीम एक बड़े स्कोर की ओर बढ़ती दिख रही थी. भारतीय गेंदबाज इस जोड़ी को  तोड़ने में नाकाम हो रहे थे.

बांग्लादेश की पारी के आधे यानी 25 ओवर हो चुके थे. ऐसे में कप्तान कोहली सलाह के लिए धोनी के पास गए और धोनी ने कोहली से केदार जाधव को मोर्चे पर लगाने के कहा.

केदार के नाम पर खेला जुआ

उस वक्त पार्ट टाइम बॉलर केदार को गेंद थमाना एक जुए के समान था. लेकिन कोहली ने धोनी की सलाह पर यह जुआ खेल दिया. केदार जाधव ने अपने दूसरे ही ओवर में 70 रन बना कर खेल रहे तमीम इकबाल को चलता कर दिया और उसके बाद 60 रन पर कर खेल रहे मुशफिकर रहीम का विकेट भी जाधव के ही खाते में गया.

कोहली के लिए धोनी की सलाह मास्टर स्ट्रोक का काम कर गई और खुद कोहली ने मैच के बाद इस बात को कबूल भी किया. कोहली ने कहा कि वह केदार को मोर्चे पर लगाने की रणनीति का अकले ही श्रेय नहीं लेंगे क्योंकि इसमें धोनी की राय भी शामिल है.

धोनी बतौर कप्तान अपनी रणनीतियों के चलते हमेशा सुर्खियों में रहे हैं और कप्तान कोहली भी उनके इस लाजवाब अनुभव का पूरा इस्तेमाल कर रहे हैं. उम्मीद है धोनी का यह अनुभव अब फाइनल मुकाबले में कोहली के काम आएगा.