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चैंपियंस ट्रॉफी 2017: इस बार चोकर्स का ठप्पा हटा पाएगी साउथ अफ्रीका?

साउथ अफ्रीका ने इस टूर्नामेंट पर 1998 में कब्जा किया था

Lakshya Sharma

शानदार बल्लेबाज, आग उगलते गेंदबाज और फील्डरों के अंदर चीते सी फुर्ती लेकिन दबाव भरे लम्हों में पूरी तरह ढेर. जी हां हम बात कर रहे हैं साउथ अफ्रीकी टीम की. जिसके पास एक से बढ़कर एक मैच विनर हैं लेकिन बड़े मुकाबलों में सब के सब नाकाम रहते हैं. इंग्लैंड में 1 जून से होने वाली चैंपियंस ट्रॉफी में कप्तान डिविलियर्स की अगुवाई में प्रोटियाज का एक ही लक्ष्य होगा, खिताब को जीतना. आइए एक नजर डालते हैं साउथ अफ्रीका टीम पर, उसकी ताकत पर, कमजोरियों पर और साथ-साथ मौजूदा फॉर्म पर.

साउथ अफ्रीका की ताकत


इस टीम में बल्लेबाजों की ऐसी फौज है जो कि अपने दिन पर विरोधी के मुंह से जीत छीनकर ला सकते हैं. इस टीम के कप्तान ए बी डीविलियर्स हैं जिन्हें मौजूदा दौर का सबसे खतरनाक बल्लेबाज माना जाता है. वो इस वक्त वनडे रैंकिंग के नंबर एक बल्लेबाज भी हैं. साथ ही विकेटकीपर डिकॉक, हाशिम अमला और  फाफ डु प्लेसिस जैसे बड़े बल्लेबाज भी हैं जो कि किसी भी गेंदबाजी अटैक का दम निकाल सकते हैं.

गेंदबाजी की बात करें तो रबाडा, क्रिस मॉरिस, वेल पार्नेल जैसे तेज गेंदबाज अपनी रफ्तार से मैच जिताने का दमखम रखते हैं. इस टीम में दुनिया के नंबर वन गेंदबाज इमरान ताहिर भी हैं जो कि विकेट हासिल करने में माहिर हैं. ये टीम युवा जोश और अनुभव से पूरी तरह संतुलित है और इसीलिए यह टीम दुनिया की नंबर एक वनडे टीम है. पिछले एक साल के रिकॉर्ड की बात करें तो अफ्रीका ने 23 में से 16 वनडे मैच जीते हैं और सिर्फ 6 में उसे हार का सामना करना पड़ा है.

टीम की कमजोरी

इस टीम की एकमात्र कमजोरी दबाव में बिखरना है. अफ्रीका टीम का इतिहास रहा है कि वो हर बड़े टूर्नामेंट के लीग मुकाबलों में गजब का प्रदर्शन करती है लेकिन निर्णायक मैचों में उसका प्रदर्शन अकसर गिर जाता है जिससे उसे हार का सामना करना पड़ता है. 2015 वर्ल्ड कप में इस टीम ने सेमीफाइनल तक का सफर तय किया लेकिन सेमीफाइनल में उसे न्यूजीलैंड से 4 विकेट से हार झेलनी पड़ी. 2016 में हुए वर्ल्ड टी20 में तो ये टीम सेमीफाइनल में ही जगह नहीं बना सकी.

इन खिलाड़ियों पर रहेगी नजरें

बल्लेबाजों में मौजूदा फॉर्म की बात करें तो इस टीम में फाफ डु प्लेसिस गजब का खेल दिखा रहे हैं. आईपीएल में उन्हें पुणे सुपरजायंट की ओर से कुछ खास मौके नहीं मिले लेकिन वनडे में उनका प्रदर्शन लाजवाब है। पिछले एक साल में फाफ डु प्लेसिस 11 मैच में 72.88 के औसत से 656 रन बना चुके हैं जिसमें 2 शतक और 4 अर्धशतक भी शामिल हैं. कप्तान एबी डिविलियर्स ने भी 11 मैच में 68.28 के औसत से 478 रन बनाए हैं. वहीं हाशिम अमला 434 और क्विटंन डी कॉक 428 रन बना चुके हैं.

गेंदबाजों की बात करें तो विकेट लेने में सबसे आगे इमरान ताहिर हैं. इस लेग स्पिनर ने पिछले एक साल में 11 मुकाबलों में 16 विकेट अपने नाम किए हैं. वेन पार्नेल, रबाडा, क्रिस मॉरिस ने 15-15 विकेट अपने नाम किए हैं. मतलब चैंपियंस ट्रॉफी में बॉलिंग अटैक में आपको यही 4 गेंदबाज दिखाई द सकते हैं.

चैंपियंस ट्रॉफी में प्रदर्शन

साउथ अफ्रीका ने इस टूर्नामेंट पर 1998 में कब्जा किया था उस वक्त इसे आईसीसी नॉकआउट ट्रॉफी के नाम से जाना जाता था. इसके बाद हुए 5 टूर्नामेंट में अफ्रीकी टीम कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर सकी. चैंपियंस ट्रॉफी में टीम ने अबतक 21 मुकाबले खेले हैं जिसमें से उसे 11 में जीत 9 में हार मिली है जबकि एक मैच बेनतीजा रहा है.

चैंपियंस ट्रॉफी में कार्यक्रम

टूर्नामेंट में अफ्रीकी टीम का पहला मुकाबला 3 जून को श्रीलंका से होगा. इसके बाद अफ्रीकी टीम 7 जून को पाकिस्तान और आखिर में 11 जून को टीम इंडिया से भिड़ेगी.