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आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2017: रफ्तार में पाकिस्तान से कैसे आगे निकली टीम इंडिया

पाकिस्तान गेंदबाजों के सामने मजबूत नजर आ रहे हैं भारतीय गेंदबाज

Manoj Chaturvedi

याद करिए, 1970 के दशक के आखिर और 1980 के दशक की, जब भारत और पाकिस्तान की टीमें आमने सामने होती थीं, तब दोनों टीमों की तेज गेंदबाजी में जबरदस्त अंतर देखने को मिलता था. एक तरफ इमरान खान, सरफराज, वसीम अकरम और वकार यूनिस जैसे रफ्तार के सौदागर होते थे. वहीं भारतीय टीम में कपिल देव का साथ निभाने के लिए मनोज प्रभाकर, मदनलाल और मोहिंदर अमरनाथ जैसे सामान्य गति वाले गेंदबाज हुआ करते थे.

इसकी वजह भारतीय टीम की उस समय पेस गेंदबाजी प्राथमिकता होती ही नहीं थी. वह तो अपनी फिरकी कमाल के भरोसे रहा करती थी. वैसे भी हमेशा माना गया कि पाकिस्तान तेज गेंदबाज तैयार करने में हमसे हमेशा आगे रहा. लेकिन अब हालात बदल गए हैं और इंग्लैंड में शुरू हुई चैंपियंस ट्रॉफी में एक अलग ही नजारा देखने को मिल रहा है.


हम यदि चैंपियंस ट्रॉफी में भाग लेने वाली भारत और पाकिस्तान टीमों की पेस गेंदबाजी पर नजर डालें तो भारतीय टीम बेहतर हालत में नजर आ रही है. विराट सेना के पेस अटैक को देखकर लगता है कि वह पेस गेंदबाजी के बूते पर ही मुकाबला करने आए हैं. हम यदि दोनों टीमों के गेंदबाजों द्वारा अब तक निकाली सर्वाधिक गति की बात करें तो भारतीय गेंदबाजों में दो और पाकिस्तानी गेंदबाजों में एक ने 150 किमी प्रति घंटे से ज्यादा की गति निकाली है. भारतीय गेंदबाज उमेश यादव 152.5 और हार्दिक पांड्या 150.6 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से सबसे तेज गेंद फेंक चुके हैं.

चार भारतीय गेंदबाजों की रफ्तार 140 प्लस

भारतीय दल में कम से कम चार पेस गेंदबाज ऐसे हैं, जो औसतन 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार निकालते हैं. यह गेंदबाज हैं उमेश यादव, मोहम्मद शमी, हार्दिक पांड्या और जसप्रीत बुमराह. भारतीय पेस बैट्री में सिर्फ भुवनेश्वर कुमार 135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार निकालते हैं. लेकिन भुवनेश्वर स्विंग किंग होने के साथ अच्छी रिवर्स स्विंग भी करते हैं.

भुवी की इस गति पर स्विंग को खेलना बहुत ही मुश्किल होता है. यह बात वह बांग्लादेश के खिलाफ वार्मअप मैच में दिखा चुके हैं. उन्होंने मात्र पांच ओवरों में 13 रन देकर तीन विकेट निकाल दिए थे. भुवनेश्वर अपनी नपी-तुली गेंदबाजी की वजह से हमेशा ही सुर्खियां बटोरते नजर आते हैं. अभी पिछले दिनों आईपीएल-10 में सर्वाधिक 26 विकेट निकालकर लगातार दूसरे साल पर्पल कैप पाने में सफल रहे थे.

मोहम्मद शमी चोट की समस्या से उभरकर आईपीएल में लौटे थे. उन्होंने दोनों वार्मअप मैचों में शानदार प्रदर्शन करके दिखा दिया है कि वह अब रंगत में लौट चुके हैं और भारतीय अटैक की अगुआई करने को तैयार हैं. शमी भुवनेश्वर से ज्यादा गति निकालकर गेंद स्विंग और रिवर्स स्विंग कराते हैं, इसलिए कई बार उन्हें खेलना बहुत ही मुश्किल हो जाता है.

हार्दिक पांड्या और जसप्रीत बुमराह दोनों ही सामान्य तौर पर 143 किमी प्रति घंटे की गति निकालते हैं. पांड्या ऑलराउंडर हैं. उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ ताबड़तोड़ अंदाज में 80 रन की पारी खेली, उससे उनके खेलने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं. वहीं बुमराह डेथ ओवरों में बल्लेबाजों पर अंकुश लगाने के विशेषज्ञ हैं. वह अपनी फुल लेंथ यार्करों से बल्लेबाजों को बांधने में सफल रहते हैं.

पाक अटैक की जान हैं आमिर

पाकिस्तान अटैक की जान मोहम्मद आमिर हैं. आमिर पर यदि स्पॉट फिक्सिंग के आरोप के कारण पांच साल का प्रतिबंध नहीं लगा होता तो उनके नाम तेज गेंदबाजी के तमाम रिकार्ड हो सकते थे, लेकिन पांच साल बाद लौटने पर भी यह बाएं हाथ का पेस गेंदबाज प्रभावित करने में सफल रहा है. वह औसतन 139-140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार निकालते हैं.

पाकिस्तान टीम के जुनैद खान एक अलग ही भरोसे में हैं. वह असल में भारतीय कप्तान विराट कोहली के खिलाफ चार मैच खेले हैं और तीन बार विकेट निकालने में सफल रहे हैं. उन्होंने 2012 के पाकिस्तान टीम के भारतीय दौरे पर विराट को 22 गेंदें फेंककर सिर्फ दो रन देकर तीन बार उन्हें आउट किया था.

जुनैद शायद यह भूल रहे हैं कि पिछले साढ़े चार साल में विराट का कद और कितना विराट हो गया है. इस दौरान विराट ने दुनिया के तमाम दिग्गज गेंदबाजों को पानी पिलाया है. विराट अब उनका क्या हाल करते हैं, यह तो समय पर ही पता चलेगा. लेकिन इतना तय है कि इस मुकाबले में भारत बेहतर पेस अटैक के साथ उतरकर पाकिस्तान को उसकी ही भाषा में जवाब देने को तैयार है.