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आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2017 : पाकिस्तान के आगे नहीं टिक पाई विराट की टीम

एकतरफा मुकाबले में पाकिस्तान ने भारत को 180 रन से हराया

Bhasha

शुरुआत में जीवनदान मिले. उसकी बदौलत फखर जमां आकर्षक शतकीय पारी खेली. उनकी पारी का अपना रोल था. साथ में भारत ने गेंदबाजी और बल्लेबाजी में शर्मनाक प्रदर्शन किया. इन सबकी बदौलत पाकिस्तान ने फाइनल में 180 रन की शानदार जीत दर्ज करके पहली बार आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी खिताब जीता.

पहले टॉस जीतकर क्षेत्ररक्षण का फैसला, फिर लचर गेंदबाजी और आखिर में बल्लेबाजों के शर्मनाक प्रदर्शन से भारतीय टीम किसी भी समय मुकाबले में नहीं दिखी. उसे किसी आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल में पहली बार पाकिस्तान से हार का सामना करना पड़ा. भारत ने लंदन में ही हॉकी में पाकिस्तान पर 7-1 से सबसे बड़ी जीत दर्ज की थी. इधर ओवल में पाकिस्तान ने क्रिकेट में यह कारनामा दिखा दिया.


फखर जमां ने 106 गेंदों में 12 चौकों और तीन छक्कों की मदद से 114 रन बनाए. उन्होंने अजहर अली (59) के साथ पहले विकेट के लिए 128 रन की साझेदारी की. बाद में मोहम्मद हफीज (नाबाद 57), बाबर आजम (46) और इमाद वसीम (नाबाद 25) ने भी उपयोगी योगदान पहुंचाया और टीम का स्कोर चार विकेट पर 338 रन तक पहुंचाया.

भारतीय टीम इसके जवाब में 30.3 ओवर में 158 रन पर ढेर हो गई. भारत अगर 150 रन के पार पहुंच पाया तो उसका श्रेय हार्दिक पांड्या को जाता है, जिन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से रन आउट होने से पहले 43 गेंदों पर चार चौकों और छह छक्कों की मदद से 76 रन बनाए थे. मोहम्मद आमिर ने भारतीय पारी के पतन की कहानी लिखी. उन्होंने 16 रन देकर तीन विकेट लिए. हसन अली और शादाब खान ने दो-दो विकेट हासिल किए.

आमिर ने भारत शीर्ष क्रम को बुरी तरह लड़खड़ा दिया. पहले तीन ओवर में रोहित शर्मा और कप्तान विराट कोहली के विकेट गंवा दिए. आमिर का स्पैल सनसनीखेज था. उनकी पारी की तीसरी गेंद इनस्विंगर थी, जिसका रोहित के पास जवाब नहीं था. वह एलबीडबल्यू हो गए. कोहली को पहले ओवर में ही क्रीज पर कदम रखना पड़ा. लेकिन वह रंग में नहीं थे. आमिर के अगले ओवर में अजहर ने स्लिप में उनका कैच छोड़ा. लेकिन अगली गेंद पर वह उछाल का सही अनुमान नहीं लगा पाए और पॉइंट पर कैच दे बैठे.

शिखर धवन (21) आमिर की अतिरिक्त उछाल लेती खूबसूरत गेंद पर सरफराज अहमद को कैच दे गए. भारत का स्कोर तीन विकेट पर 33 रन हो गया. लेग स्पिनर शादाब खान ने युवराज सिंह (22) को गुगली के जाल में फंसाया. अंपायर ने पगबाधा की अपील ठुकरा दी लेकिन शादाब ने तुरंत ही कप्तान सरफराज अहमद से रीप्ले लेने के लिए कहा जिससे साफ हो गया कि युवराज आउट हैं.

महेंद्र सिंह धोनी (चार) उनके पीछे-पीछे पवेलियन लौट गये. शादाब ने केदार जाधव (नौ) को भी नहीं टिकने दिया. छह विकेट 72 रन पर निकल गए. पांड्या ने ऐसे में लंबे शॉट खेलने की अपनी क्षमता का अच्छा प्रदर्शन करके भारतीय प्रशंसकों को कुछ खुशी मनाने का मौका दिया. पांड्या ने केवल 32 गेंदों पर अर्धशतक पूरा किया जो आईसीसी वनडे टूर्नामेंट के फाइनल में सबसे तेज पचासा है. रवींद्र जडेजा की गलती पर पांड्या रन आउट हो गए. इसके कुछ देर बाद जडेजा (15) खुद भी पवेलियन लौट गए.

इससे पहले कोहली का दबाव वाले मैच में टॉस जीतकर पहले क्षेत्ररक्षण का फैसला सही साबित नहीं हुआ. भारतीय गेंदबाज नहीं चल पाए. भारतीयों में भुवनेश्वर कुमार ही बल्लेबाजों पर कुछ अंकुश लगा पाए. उन्होंने 44 रन देकर एक विकेट लिया. रविचंद्रन अश्विन और जसप्रीत बुमराह ने सबसे ज्यादा निराश किया. अश्विन ने दस ओवर में 70 रन और बुमरा ने नौ ओवर में 68 रन लुटाए.

कोहली को भारतीय गेंदबाजों से शुरू में सफलता हासिल करने की उम्मीद थी. बुमरा की गेंद पर फखर जमां ने धोनी को आसान कैच भी थमा दिया था. लेकिन वो नोबॉल थी. फखर जमां तीन पर थे. इसके बाद उन्होंने अपने स्कोर में 111 रन और जोड़े.

अजहर ने फखर जमां का भरपूर साथ दिया। अजहर रन आउट हुए. फखर जमां ने करियर का पहला शतक पूरा किया. यह आईसीसी के किसी टूर्नामेंट के फाइनल में किसी पाकिस्तानी बल्लेबाज का पहला शतक है जिसके लिए उन्होंने 92 गेंदें खेलीं.