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चैंपियंस ट्रॉफी 2017: बांग्लादेश को कमजोर न समझे टीम इंडिया, इन मैचों को देखकर हो जाओ सतर्क

बांग्लादेश कमजोर लेकिन उलटफेर करने में है माहिर

Lakshya Sharma

दुनिया की नंबर एक वनडे टीम साउथ अफ्रीका को हराकर 'विराट सेना' चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल में है. अब सेमीफाइनल में टीम इंडिया का मुकाबला अपने से कमजोर बांग्लादेश से है. लेकिन इसी टीम के खिलाफ विराट कोहली को सबसे ज्यादा सावधान रहने की जरुरत है.

15 जून को दोनों टीमें आमने-सामने होंगी. जीतेगी वाली टीम फाइनल में पहुंचेगी. हालांकि जानकारों का कहना है कि मैच में पलड़ा भारत का ही भारी है, बांग्लादेश की टीम उलटफेर में माहिर है. ज्यादातर बड़ी टीमें इस टीम को कमजोर आंकती हैं और इसका खामियाजा भुगतती हैं. विराट कोहली की टीम को अगर फाइनल में जगह बनानी है तो उन्हें बांग्लादेश को कमजोर नहीं समझना नहीं होगा.


विराट को याद रखना होगा 2007 विश्व कप

विराट कोहली और उनकी टीम को वेस्ट इंडीज में खेले गए 2007 विश्वकप के उस मुकाबले को याद करना चाहिए. पोर्ट ऑफ स्पेन के क्वींस पार्क ओवल में खेले गए ग्रुप-बी के मुकाबले में भारत और बांग्लादेश आमने-सामने थे. भारत ने उस मैच में टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया था. सौरव गांगुली 66 और युवराज सिंह 47 के अलावा कोई बल्लेबाज बांग्लादेशी गेंदबाजी आक्रमण के आगे नहीं टिक पाया. भारत की पूरी टीम 49.3 ओवर में पवेलियन लौट गई. 192 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी बांग्लादेश की टीम ने 9 गेंद रहते यह मैच 5 विकेट से जीत लिया था. बांग्लादेश की तरफ से तमीम इकबाल ने 51, मुश्फिकुर रहीम ने 56 और शाकिब अल हसन ने 53 रनों की पारी खेली थी. बांग्लादेश ने ही इस वर्ल्ड कप में भारत को बाहर करने में अहम भूमिका निभाई.

2007 विश्वकप में दक्षिण अफ्रीका को दी पटखनी

विश्वकप में बांग्लादेश और अफ्रीका के बीच सुपर 8 का मुकाबला गुयाना के प्रोविडेंस स्टेडियम में खेला गया था. अफ्रीका के कप्तान ग्रीम स्मिथ ने टॉस जीतकर बांग्लादेश को बल्लेबाजी के लिए कहा. बांग्लादेश ने निर्धारित 50 ओवर में 8 विकेट के नुकसान पर 251 रन बनाए. दबाव में अफ्रीका की बल्लेबाजी बांग्लादेश के गेंदबाजी आक्रमण के सामने बिखर गई. उसके बल्लेबाज पूरे 50 ओवर भी नहीं खेल पाए और 48.4 ओवर में पूरी टीम पवेलियन लौट गई.

2011 विश्वकप में इंग्लैड को चखाया हार का स्वाद

साल 2011 के विश्वकप में ग्रुप-बी का मुकाबला बांग्लादेश और इंग्लैंड के बीच चटगांव में खेला गया. बांग्लादेश के कप्तान शाकिब अल हसन ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया. इंग्लैंड की पूरी टीम 49.4 ओवर में 225 रन बनाकर आउट हो गई. बांग्लादेश ने 226 रनों के लक्ष्य का पीछा बड़े ही रोमांचक तरीके से किया. टीम ने 49 ओवर में 8 विकेट खोकर यह मैच जीत लिया और इंग्लैंड को हार का स्वाद चखाया.

2015 वर्ल्डकप में भी इंग्लैड को धोया

ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में खेले गए पिछले विश्व कप में भी बांग्लादेश ने इंग्लैंड को पटखनी दी. एडिलेड ओवल में खेले गए इस मुकाबले में इंग्लैंड के कप्तान ऑइन मोर्गन ने टॉस जीता और बांग्लादेश को बल्लेबाजी का न्योता दिया. बांग्लादेश ने  50 ओवरों में 7 विकेट खोकर 275 रन बनाए. जवाब में इंग्लैंड लक्ष्य के करीब तो पहुंचा, लेकिन उसे पार करने से पहले ही उसके सभी बल्लेबाज पवेलियन लौट गए. इंग्लैंड की पूरी टीम 48.3 ओवर में 260 रन ही बना पाई. इस तरह से बांग्लादेश ने यह मुकाबला 15 रन से जीत लिया.

साल 2015 बांग्लादेश का स्वर्णिम साल

बांग्लादेश टीम के लिए साल 2015 शानदार रहा. इस टीम ने 2015 में भारत, पाकिस्तान और साउथ अफ्रीका जैसी मजबूत टीमों को लगातार मात दी. सबसे पहले बांग्लादेश की टीम ने पाकिस्तान को पहले वनडे में 79 रनों से, फिर दूसरे वनडे में 7 विकेट और तीसरे वनडे में 8 विकेट से पटखनी दी. यह सभी मुकाबले ढाका में खेले गए थे. इसके बाद बारी टीम इंडिया की थी. ढाका में खेले गए पहले मुकाबले में बांग्लादेश ने भारत को 79 रनों से हराया. इसके बाद दूसरे वनडे एक बार फिर 6 विकेट से भारत को हार का मुंह देखना पड़ा.

दो एशियाई शेरों को शिकस्त करने के बाद अब बारी अफ्रीकी टीम की थी. जुलाई में ढाका में खेले गए मुकाबले में उम्मीद के मुताबिक ही अफ्रीकी टीम ने बांग्लादेश को 8 विकेट से मात दी. लेकिन इसके बाद बांग्लादेश ने अफ्रीका को उठने का मौका नहीं दिया. दूसरे वनडे  मैच में बांग्लादेश ने 7 विकेट से जीत दर्ज की. चटगांव में खेले गए तीसरे मुकाबले में अफ्रीका को 9 विकेट से शर्मनाक हार का मुंह देखना पड़ा. इसके बाद इसी साल नवंबर माह में बांग्लादेश ने अपनी घरेलू सीरीज में जिम्बाब्वे को भी लगातार तीन मैचों में हराया.

दोनों टीमों के बीच हुए मैचों पर नजर

भारत और बांग्लादेश के बीच अब तक कुल 32 वनडे मैच खेले जा चुके हैं. भारत ने इनमें से 26 मैचों में जीत दर्ज की है, जबकि 5 बार बांग्लादेश ने भारत को धूल चटाई है. 1 मैच बेनतीजा रहा. दोनों टीमों के बीच हुए मुकाबलों में भारत का जीत औसत 80 फीसद से ऊपर है, लेकिन यह भी सच है कि पांच मौकों पर बांग्लादेश ने भारत को हराया है. ऐसे में भारत को बांग्लादेश जैसी टीम को हल्के में नहीं लेना चाहिए.

अब अगर विराट कोहली बांग्लादेश को कमजोर समझ रहे हैं तो उन्हे कम से कम इन मैचों को तो जरूर देखना चाहिए क्योंकि टीम इंडिया की एक भूल और टीम इंडिया की वापसी का टिकट कट जाएगा.